Meerut Murder Case : मेरठ का सौरभ हत्याकांड अब एक नए विवाद में फंस गया है। जहां एक तरफ आरोपी मुस्कान रस्तोगी और उसके प्रेमी साहिल शुक्ला जेल की सलाखों के पीछे हैं, वहीं दूसरी तरफ सोशल मीडिया पर एक के बाद एक सनसनीखेज वीडियो आग की तरह फैल रहे हैं। इनमें से सबसे चर्चित वीडियो वह है जिसमें ब्रह्मपुरी थाने के प्रभारी रमाकांत पचौरी को मुस्कान के साथ अंतरंग स्थिति में दिखाया गया है। हैरानी की बात यह है कि यह वीडियो असली नहीं, बल्कि आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस (AI) की मदद से बनाया गया है!
क्या है पूरा मामला?
सौरभ राजपूत की हत्या का मामला पहले से ही देशभर में सुर्खियां बटोर रहा था। अब इस मामले में एक नया मोड़ आया है। सोशल मीडिया पर कुछ अज्ञात लोगों ने AI टूल्स का इस्तेमाल करके थानेदार और मुस्कान का एक आपत्तिजनक वीडियो बनाकर वायरल किया है। इस वीडियो को इंस्टाग्राम पर ‘प्रियांशु’ नाम के एक फेक अकाउंट से पोस्ट किया गया था। वीडियो में थानेदार को मुस्कान के साथ किस करते हुए दिखाया गया है, जिसे देखकर लोग हैरान हैं।
इसके अलावा, इसी अकाउंट से साहिल शुक्ला और मुस्कान के कई अन्य वीडियो भी पोस्ट किए गए हैं, जिनमें से एक में दोनों को डरावने अंदाज में दिखाया गया है। ये वीडियो न केवल पुलिस और आरोपियों की छवि को धूमिल करने का काम कर रहे हैं, बल्कि जनता को गुमराह भी कर रहे हैं।
पुलिस ने क्या कार्रवाई की?
इस मामले में ब्रह्मपुरी थाने के एसएसआई कर्मवीर सिंह ने आईटी एक्ट के तहत केस दर्ज किया है। पुलिस का मानना है कि यह वीडियो किसी व्यक्ति या ग्रुप द्वारा जानबूझकर थानेदार की प्रतिष्ठा को नुकसान पहुंचाने के लिए बनाया गया है। एएसपी अंतरिक्ष जैन ने बताया कि आरोपी की तलाश जारी है और जल्द ही उसे गिरफ्तार किया जाएगा।
सोशल मीडिया पर बवाल
इस मामले ने सोशल मीडिया को हिलाकर रख दिया है। कई यूजर्स ने इन वीडियो को शेयर करते हुए पुलिस पर सवाल उठाए हैं। वहीं, कुछ लोगों का कहना है कि किसी की हत्या पर इस तरह के मजाक बनाना नैतिक रूप से गलत है। इसके बावजूद, कई इन्फ्लुएंसर्स ने इस मामले पर रील्स और मीम्स बनाकर ट्रेंड करने की कोशिश की है, जिससे यह केस और भी ज्यादा वायरल हो रहा है।
जेल में क्या हालात हैं?
मुस्कान और साहिल को हत्या के आरोप में जेल भेज दिया गया है। जेल अधीक्षक डॉ. वीरेश राज शर्मा के मुताबिक, दोनों आरोपियों को पहले 10 दिनों के लिए मुलाहिजा बैरक में रखा गया था, लेकिन अब उन्हें मुख्य बैरक में शिफ्ट कर दिया गया है। जेल प्रशासन ने सुरक्षा के पुख्ता इंतजाम किए हैं, क्योंकि इस मामले में लोगों की भावनाएं भड़की हुई हैं।
AI का गलत इस्तेमाल: एक नई चुनौती
यह मामला एक बार फिर AI के गलत इस्तेमाल को लेकर चिंता बढ़ा देता है। अब कोई भी व्यक्ति किसी की भी फेक वीडियो बनाकर उनकी छवि खराब कर सकता है। पुलिस और साइबर एक्सपर्ट्स का कहना है कि ऐसे मामलों में सख्त कार्रवाई की जरूरत है, ताकि भविष्य में कोई इस तकनीक का दुरुपयोग न कर सके।
क्या कह रहे हैं लोग?
सोशल मीडिया पर इस मामले को लेकर लोगों की प्रतिक्रियाएं विभाजित हैं। कुछ का कहना है कि यह सिर्फ पुलिस को बदनाम करने की साजिश है, जबकि कुछ लोगों को लगता है कि इस मामले में और गहराई से जांच की जरूरत है। कुछ यूजर्स ने तो यहां तक कहा कि अगर वीडियो फेक है, तो फिर पुलिस को AI का इस्तेमाल करने वाले आरोपी को जल्द से जल्द पकड़ना चाहिए।
आगे की कार्रवाई
पुलिस ने इस मामले को गंभीरता से लिया है और जांच तेज कर दी है। आईटी सेल के एक्सपर्ट्स वीडियो की वास्तविकता की जांच कर रहे हैं। साथ ही, उस इंस्टाग्राम अकाउंट को ट्रेस किया जा रहा है, जिससे यह वीडियो पोस्ट किया गया था। अगर आरोपी पकड़ा जाता है, तो उसके खिलाफ साइबर कानून के तहत सख्त कार्रवाई की जाएगी।
मेरठ हत्याकांड का यह नया पहलू एक बार फिर साबित करता है कि सोशल मीडिया और तकनीक का गलत इस्तेमाल कितना खतरनाक हो सकता है। पुलिस की छवि को नुकसान पहुंचाने की कोशिश की गई है, लेकिन अब देखना यह है कि क्या जांच एजेंसियां इस मामले की गहराई तक पहुंच पाती हैं और असली आरोपी को सजा दिला पाती हैं।
Note: यह खबर सोशल मीडिया पर वायरल हो रही जानकारी और दावों पर आधारित है। हमारा संपादकीय तंत्र इस तरह के कृत्रिम बनावटी वीडियो या किसी की छवि को नुकसान पहुंचाने वाली गतिविधियों का समर्थन नहीं करता है। पुलिस द्वारा जारी आधिकारिक बयान या न्यायिक प्रक्रिया ही इस मामले में अंतिम सत्य मानी जाएगी। पाठकों से अनुरोध है कि सोशल मीडिया पर अफवाहों पर विश्वास न करें और केवल प्रमाणित स्रोतों से ही जानकारी प्राप्त करें।