Meerut का बहुचर्चित सौरभ हत्याकांड एक नए मोड़ पर पहुंच गया है। जेल में बंद मुस्कान और साहिल ने साथ रहने की इच्छा जाहिर की है। शुक्रवार को अधिवक्ता रेखा जैन के नेतृत्व में चार वकीलों की टीम ने जेल जाकर दोनों से मुलाकात की। इस दौरान मुस्कान और साहिल ने वकीलों से कहा कि वे जल्द से जल्द उनकी जमानत की प्रक्रिया शुरू करें, ताकि वे जेल से बाहर आकर एक नई जिंदगी शुरू कर सकें।
जेल में भी साथ रहना चाहते हैं मुस्कान और साहिल!
मेरठ जिला कारागार में बंद मुस्कान और साहिल को उनके ही परिवार ने अपनाने से इंकार कर दिया है। मुस्कान के परिजनों ने न सिर्फ उसका समर्थन करने से मना कर दिया, बल्कि उससे मिलने तक को तैयार नहीं हैं। दूसरी ओर, साहिल की नानी पुष्पा देवी ने उससे जेल में मुलाकात की, लेकिन बाकी परिवार वालों ने भी उसका साथ छोड़ दिया।
इस हालात में मुस्कान और साहिल ने जेल अधीक्षक को पत्र लिखकर सरकारी वकील की मांग की थी। इसके बाद जिला विधिक सेवा प्राधिकरण ने अधिवक्ता रेखा जैन को इन दोनों का केस लड़ने की जिम्मेदारी दी। शुक्रवार को जब वकीलों की टीम जेल पहुंची, तो मुस्कान और साहिल ने अपनी जिंदगी को लेकर बड़ा खुलासा किया।
उन्होंने जेल प्रशासन से अनुरोध किया कि उन्हें एक ही जगह रखा जाए, ताकि वे साथ रह सकें। लेकिन जेल अधीक्षक विरेश राज शर्मा ने स्पष्ट किया कि जेल के नियमों के तहत सिर्फ शादीशुदा कैदियों को ही हर 15 दिन में एक बार मिलने की इजाजत होती है। इस पर मुस्कान और साहिल चुप हो गए, लेकिन उनकी आंखों में साथ रहने की बेकरारी साफ झलक रही थी।
परिजनों ने किया किनारा, मुस्कान के परिवार पर उठे सवाल
इस हत्याकांड के बाद से ही मुस्कान के परिवार की भूमिका संदिग्ध मानी जा रही है। सौरभ के परिवार वालों का कहना है कि मुस्कान के परिजन भी इस साजिश में शामिल हो सकते हैं और इसकी गहन जांच होनी चाहिए।
बुधवार को मेरठ के ब्रह्मपुरी स्थित आवास पर सौरभ की शोकसभा आयोजित की गई। इस दौरान सौरभ की मां रेणू, भाई बबलू और अन्य परिजन फूट-फूटकर रो पड़े। मां की हालत इतनी बिगड़ गई कि उन्हें पानी पिलाना पड़ा और उनका बीपी तक चेक करना पड़ा।
भाई बबलू ने कहा, “मैं अपनी भतीजी पीहू को अपने घर लाना चाहता हूं। मैं नहीं चाहता कि उसकी परवरिश वैसे हो, जैसे मुस्कान की हुई थी।”
राजनीतिक हलचल भी तेज, बीजेपी नेताओं ने किया सख्त ऐलान!
इस हत्याकांड ने अब राजनीतिक रंग भी पकड़ लिया है। भाजपा के वरिष्ठ पदाधिकारियों ने इस मामले में कड़ा रुख अपनाते हुए कहा कि सौरभ के हत्यारों को जल्द से जल्द कड़ी सजा दिलवाई जाएगी।
पार्टी नेताओं ने मेरठ पुलिस के उच्च अधिकारियों से इस केस को लेकर चर्चा की और यह सुनिश्चित करने को कहा कि दोषियों को कानून के दायरे में लाकर जल्द से जल्द इंसाफ दिलाया जाए।
क्या मुस्कान और साहिल की लव स्टोरी ही बना सौरभ के कत्ल की वजह?
इस पूरे मामले में सौरभ, मुस्कान और साहिल के रिश्ते को लेकर भी कई सवाल उठ रहे हैं। सूत्रों की मानें, तो मुस्कान और साहिल के बीच काफी समय से प्रेम संबंध था, लेकिन सौरभ इस रिश्ते के खिलाफ था।
कई लोगों का मानना है कि सौरभ इस रिश्ते में बाधा बन रहा था, इसलिए उसकी हत्या की गई। हालांकि, पुलिस अभी इस एंगल की भी जांच कर रही है कि क्या मुस्कान और साहिल ने सौरभ को रास्ते से हटाने की साजिश पहले से रची थी?
मुस्कान और साहिल के लिए कानूनी लड़ाई होगी मुश्किल?
अब जबकि मुस्कान और साहिल को उनके परिवार से कोई समर्थन नहीं मिल रहा है, ऐसे में उनकी कानूनी लड़ाई और भी मुश्किल हो सकती है।
अधिवक्ता रेखा जैन और उनकी टीम ने दोनों को आश्वासन दिया है कि वे अदालत में उनकी जमानत के लिए याचिका दायर करेंगे। हालांकि, इस केस की गंभीरता और राजनीतिक दबाव को देखते हुए यह कहना मुश्किल है कि जमानत इतनी जल्दी मिल पाएगी या नहीं।
मेरठ में बढ़ते अपराधों पर उठे सवाल
सौरभ हत्याकांड ने एक बार फिर मेरठ में बढ़ते अपराधों और युवाओं की आपराधिक प्रवृत्तियों को उजागर किया है।
क्या युवाओं में बढ़ता गुस्सा और नासमझी अपराध की वजह बन रही है?
क्या प्रेम संबंधों में पनप रही कटुता अब खूनी खेल में तब्दील हो रही है?
क्यों अब रिश्ते जानलेवा बनते जा रहे हैं?
इन सभी सवालों के जवाब ढूंढने की जरूरत है, ताकि ऐसे अपराधों पर रोक लगाई जा सके।
क्या होगा अगला कदम?
अब देखना यह होगा कि कोर्ट मुस्कान और साहिल की जमानत अर्जी पर क्या फैसला लेता है और क्या सौरभ के परिवार को इंसाफ मिल पाएगा?
इस हत्याकांड ने पूरे मेरठ को झकझोर कर रख दिया है और अब हर किसी की नजर इस केस पर टिकी हुई है। क्या सौरभ के कातिलों को कड़ी सजा मिलेगी? या फिर यह मामला कानूनी दांव-पेंच में उलझकर रह जाएगा? यह तो आने वाला वक्त ही बताएगा!