Prayagraj में सेना के दो अधिकारियों को रिश्वत लेते हुए सीबीआई ने रंगे हाथों गिरफ्तार कर लिया है। ये दोनों अफसर सेना में गैरिसन इंजीनियरिंग से जुड़े हुए थे और मैनपावर सप्लाई का ठेका देने के लिए दिल्ली की एक फर्म से रिश्वत मांग रहे थे। सीबीआई की इस बड़ी कार्रवाई से रक्षा क्षेत्र में फैले भ्रष्टाचार का एक और मामला उजागर हुआ है।
गिरफ्तार किए गए अधिकारियों में गैरिसन इंजीनियर (मेजर रैंक) रवि सिंह और असिस्टेंट गैरिसन इंजीनियर विमल कुमार शामिल हैं। इन्होंने दिल्ली की एक फर्म से मैनपावर सप्लाई की अनुमति देने के बदले ₹2.88 लाख की रिश्वत मांगी थी।
शुक्रवार को सीबीआई की टीम ने प्रयागराज में छापा मारा और इन दोनों अफसरों को ₹1 लाख की घूस लेते हुए पकड़ लिया। कार्रवाई के दौरान इनके आवासों और दफ्तरों में भी तलाशी ली गई, जहां से कई संदिग्ध दस्तावेज और सबूत बरामद हुए हैं।
रिश्वतखोरी का खुलासा ऐसे हुआ!
सीबीआई को इस भ्रष्टाचार की सूचना पहले से थी, जिसके बाद एक विस्तृत प्लान तैयार किया गया। दिल्ली की जिस फर्म से रिश्वत मांगी गई थी, उसने इस पूरे मामले की जानकारी अधिकारियों को दे दी थी।
सीबीआई ने फर्म के सहयोग से ट्रैप बिछाया और जैसे ही इन अफसरों ने घूस की रकम ली, उन्हें रंगे हाथों पकड़ लिया। जांच में खुलासा हुआ कि ये अफसर ठेके देने के बदले पहले भी कई बार पैसे ले चुके हैं और सेना में भ्रष्टाचार का एक संगठित गिरोह चला रहे थे।
सेना में भ्रष्टाचार का बड़ा खेल!
यह पहली बार नहीं है जब सेना में इस तरह का भ्रष्टाचार सामने आया हो। सेना से जुड़े निर्माण कार्य, ठेके और मैनपावर सप्लाई में पहले भी घोटाले उजागर हो चुके हैं। गवर्नमेंट कॉन्ट्रैक्ट्स में रिश्वत का खेल लंबे समय से जारी है, लेकिन इस बार सीबीआई ने बड़े स्तर पर कार्रवाई कर इस गड़बड़झाले को बेनकाब कर दिया है।
सूत्रों के मुताबिक, गिरफ्तार अफसरों के संपर्क कई अन्य अधिकारियों और कॉन्ट्रैक्टर्स से भी थे, जो इस घूसखोरी के जाल का हिस्सा हो सकते हैं। सीबीआई अब उनके बैंक खातों, संपत्तियों और लेन-देन की गहन जांच कर रही है।
प्रयागराज में सीबीआई के छापे, और क्या मिला?
सीबीआई की टीम ने न केवल इन अफसरों को गिरफ्तार किया, बल्कि इनके घरों और ऑफिस में भी छापेमारी की। जांच में कुछ बेहद अहम दस्तावेज और डिजिटल सबूत हाथ लगे हैं, जिनसे साफ हो रहा है कि यह सिर्फ दो लोगों तक सीमित मामला नहीं है।
सीबीआई सूत्रों के मुताबिक, कई अन्य अधिकारी भी शक के घेरे में हैं। संदिग्ध लेन-देन, बैंक खातों की डिटेल और कॉल रिकॉर्ड्स की जांच जारी है।
कोर्ट में पेशी और आगे की जांच
गिरफ्तार किए गए अफसरों को शनिवार को लखनऊ ले जाया जाएगा, जहां उन्हें अदालत में पेश किया जाएगा। सीबीआई इनके रिमांड की मांग कर सकती है ताकि इस पूरे रैकेट के अन्य सदस्यों तक पहुंचा जा सके।
जांच एजेंसी अब यह पता लगाने में जुटी है कि:
क्या यह रिश्वतखोरी का कोई संगठित गिरोह था?
किन-किन अन्य अधिकारियों की इसमें भूमिका थी?
इस घोटाले में और कितने लोग शामिल हैं?
क्या पहले भी इसी तरह से घूस ली जा चुकी है?
रक्षा क्षेत्र में भ्रष्टाचार के मामलों की कड़ी में एक और मामला जुड़ा!
सेना में घूसखोरी के इस ताजा मामले ने रक्षा क्षेत्र में भ्रष्टाचार को लेकर एक बार फिर सवाल खड़े कर दिए हैं। इससे पहले भी कई बार ऐसे घोटाले सामने आए हैं, जिनमें डिफेंस कॉन्ट्रैक्ट्स, टेंडर और सप्लाई चेन में बड़े स्तर पर भ्रष्टाचार पाया गया था।
2012 में तत्तकालीन सेना प्रमुख जनरल वीके सिंह ने सेना में रिश्वतखोरी का बड़ा खुलासा किया था।
2019 में भी सीबीआई ने सेना के एक ठेके में रिश्वत लेने के मामले में कार्रवाई की थी।
2023 में रक्षा उपकरणों की खरीद में भी अनियमितताओं की जांच हुई थी।
क्या कहती है सेना और सरकार?
इस मामले को लेकर सेना की तरफ से अभी कोई आधिकारिक बयान नहीं आया है, लेकिन रक्षा मंत्रालय इस पूरे घटनाक्रम पर नजर बनाए हुए है। अधिकारियों का कहना है कि सेना में भ्रष्टाचार को कतई बर्दाश्त नहीं किया जाएगा और दोषियों पर कड़ी कार्रवाई होगी।
क्या घूसखोरी के इस जाल की परतें और खुलेंगी?
सीबीआई की जांच अब केवल इन दो अफसरों तक सीमित नहीं रहने वाली। आने वाले दिनों में कुछ और गिरफ्तारियां हो सकती हैं। इस मामले में शामिल अन्य लोगों की पहचान और पैसों के लेन-देन की पूरी चेन को उजागर करने के लिए सीबीआई बड़े स्तर पर जांच कर रही है।
जनता की राय – क्या घूसखोरी पर लगेगी लगाम?
इस तरह के मामलों के सामने आने के बाद जनता में गुस्सा है। सोशल मीडिया पर लोग सवाल उठा रहे हैं कि क्या सेना में भी अब भ्रष्टाचार अपनी जड़ें जमा चुका है? क्या सीबीआई की ये कार्रवाई रक्षा क्षेत्र में घूसखोरी पर लगाम लगाने के लिए काफी होगी?
अब यह देखना होगा कि इस केस में सीबीआई कितनी तेजी से कार्रवाई करती है और दोषियों को कब तक सजा मिलती है।
इस खबर पर आपकी क्या राय है? क्या भ्रष्टाचार के ऐसे मामलों पर सख्त कार्रवाई होनी चाहिए? कमेंट में अपनी राय दें!
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