नोएडा, उत्तर प्रदेश – ईनफोर्समेंट डायरेक्टोरेट (ED) ने एक बड़े साइबर क्राइम रैकेट का भंडाफोड़ किया है, जिसमें एक कपल ने अंतरराष्ट्रीय पोर्न साइट्स के लिए अश्लील कंटेंट अपलोड करके करोड़ों रुपये की कमाई की थी। ED की छापेमारी में सामने आया कि यह Noida Porn Site जोड़ा साइप्रस स्थित कंपनी के साथ मिलकर भारतीय मॉडल्स को ऑनलाइन अश्लील गतिविधियों में शामिल करवा रहा था और काले धन को वैध बना रहा था।
कैसे हुआ पर्दाफाश?
28 मार्च 2025 को ED की टीम ने नोएडा स्थित सबडिजी वेंचर्स प्राइवेट लिमिटेड पर छापा मारा। जांच में खुलासा हुआ कि कंपनी के डायरेक्टर्स उज्जवल किशोर और नीलू श्रीवास्तव अपने घर से ही एक Adult Webcam Studio चला रहे थे। यह स्टूडियो Xhamster और Stripchat जैसी वेबसाइट्स के लिए लाइव अश्लील कंटेंट बनाता था।
सोशल मीडिया पर मॉडल्स की भर्ती, फर्जी विज्ञापनों का खेल
इस गिरोह का तरीका बेहद सुनियोजित था। वे सोशल मीडिया पर “हाई-पेइंग जॉब” के नाम पर युवतियों को लुभाते थे और उन्हें वेबकैम पर अश्लील कंटेंट बनाने के लिए मजबूर करते थे। इन मॉडल्स को पैसों का लालच देकर गलत रास्ते पर धकेला जाता था।
15.66 करोड़ का हवाला स्कैंडल!
ED की जांच में सामने आया कि इस कपल ने फर्जी बैंक डॉक्यूमेंट्स के जरिए विदेशी कंपनियों से फंडिंग ली थी। इस रकम को “एडवरटाइजिंग और मार्केट रिसर्च” के नाम पर दिखाया जाता था, जबकि असल में यह पैसा पोर्नोग्राफी के धंधे में लगा था। अब तक 15.66 करोड़ रुपये की अवैध फॉरेन फंडिंग का खुलासा हुआ है।
कपल का शाही ठाठ, मॉडल्स को मिलता था सिर्फ 25%
जांच में पता चला कि कमाई का 75% हिस्सा कपल खुद रखता था, जबकि मॉडल्स को महज 25% दिया जाता था। ED ने स्टूडियो से जुड़ी कई मॉडल्स के बयान दर्ज किए हैं, जिनमें उन्होंने धोखाधड़ी और शोषण के आरोप लगाए हैं।
ED की बड़ी कार्रवाई, और गिरफ्तारियां हो सकती हैं
इस मामले में ED ने PMLA (मनी लॉन्ड्रिंग एक्ट) के तहत केस दर्ज किया है। बैंक ट्रांजेक्शन्स और डिजिटल सबूतों की गहन जांच चल रही है। संभावना है कि जल्द ही और भी गिरफ्तारियां होंगी।
क्या कहता है कानून?
भारत में पोर्नोग्राफी का निर्माण और वितरण गैरकानूनी है। IT एक्ट और IPC की धाराओं के तहत ऐसे अपराधों पर 10 साल तक की जेल हो सकती है। ED इस मामले में मनी लॉन्ड्रिंग के आरोपों पर भी कार्रवाई कर रही है।
नोएडा पुलिस और साइबर सेल की भूमिका
इस मामले में नोएडा पुलिस और साइबर क्राइम सेल भी ED के साथ मिलकर काम कर रही है। सोशल मीडिया पर ऐसे और भी गिरोह सक्रिय हो सकते हैं, जिन पर नजर रखी जा रही है।
क्या यह सिर्फ एक मामला है या बड़ा नेटवर्क?
जांचकर्ताओं को शक है कि यह केस एक बड़े इंटरनेशनल पोर्न रैकेट से जुड़ा हो सकता है। साइप्रस, यूएई और यूरोपीय देशों से फंडिंग मिलने के सबूत मिले हैं, जिसे लेकर ED इंटरपोल की मदद भी ले सकती है।
अब क्या होगा आगे?
ED ने कपल की संपत्तियों को फ्रीज कर दिया है। आने वाले दिनों में कोर्ट में चार्जशीट पेश की जाएगी। अगर दोष साबित हुआ, तो आरोपियों को भारी सजा हो सकती है।
नोएडा का यह मामला एक बार फिर साबित करता है कि साइबर क्राइम और अवैध फंडिंग के नए-नए तरीके अपनाए जा रहे हैं। ईडी और पुलिस की सख्त कार्रवाई से ऐसे गिरोहों पर लगाम लगाने की उम्मीद है।