Lucknow उत्तर प्रदेश सरकार ने एक ऐतिहासिक निर्णय लेते हुए गंगा एक्सप्रेसवे को मुजफ्फरनगर होते हुए हरिद्वार तक विस्तार देने की स्वीकृति प्रदान कर दी है। मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ की अध्यक्षता में आयोजित कैबिनेट बैठक में इस प्रस्ताव को मंजूरी दी गई। इस परियोजना के तहत उत्तर प्रदेश के बजट 2025-26 में 50 करोड़ रुपये की अग्रिम राशि आवंटित की गई है, जिससे सर्वेक्षण और प्रारंभिक कार्यों को तेजी से आगे बढ़ाया जा सकेगा।
कैसे आई परियोजना में तेजी? मुख्यमंत्री ने दिए थे विशेष निर्देश
गंगा एक्सप्रेसवे को हरिद्वार तक बढ़ाने की मांग काफी समय से उठ रही थी। गत माह प्रयागराज में आयोजित कैबिनेट बैठक के दौरान मुख्यमंत्री के समक्ष यह मांग रखी गई थी कि इस एक्सप्रेसवे को मुजफ्फरनगर होते हुए हरिद्वार तक विस्तारित किया जाए। मुख्यमंत्री ने तत्काल इस पर संज्ञान लेते हुए अधिकारियों को सर्वेक्षण के निर्देश दिए थे। अब जब बजट में स्वीकृति मिल चुकी है, तो जल्द ही इस परियोजना का कार्यान्वयन शुरू कर दिया जाएगा।
परियोजना के विस्तार से होंगे ये बड़े फायदे
यात्रा होगी आसान और सुगम
गंगा एक्सप्रेसवे का विस्तार उत्तर प्रदेश और उत्तराखंड के बीच सड़क संपर्क को और अधिक मजबूत करेगा। दिल्ली, मेरठ, मुजफ्फरनगर, सहारनपुर और रुड़की जैसे प्रमुख शहरों से होकर गुजरने वाला यह एक्सप्रेसवे हरिद्वार तक सीधी कनेक्टिविटी देगा। इससे श्रद्धालु, पर्यटक और व्यापारी सभी को लाभ होगा।औद्योगिक विकास को मिलेगा बढ़ावा
इस एक्सप्रेसवे के जरिए उत्तराखंड के औद्योगिक केंद्रों को उत्तर प्रदेश के प्रमुख व्यावसायिक और औद्योगिक शहरों से जोड़ा जाएगा। यह मार्ग व्यापार और लॉजिस्टिक्स के लिहाज से भी काफी फायदेमंद होगा।पर्यटन को मिलेगा बूस्ट
हरिद्वार देश के सबसे बड़े धार्मिक और पर्यटन स्थलों में से एक है। गंगा स्नान, कुंभ मेला, योग और आध्यात्मिक केंद्रों के लिए प्रसिद्ध यह शहर अब गंगा एक्सप्रेसवे के जरिए सीधे जुड़ जाएगा, जिससे पर्यटकों को बड़ी सहूलियत मिलेगी।समय और ईंधन की होगी बचत
वर्तमान में, उत्तर प्रदेश से हरिद्वार तक जाने के लिए यात्रियों को कई स्टेट हाइवेज और नेशनल हाइवे से होकर गुजरना पड़ता है, जिससे सफर लंबा और जटिल हो जाता है। गंगा एक्सप्रेसवे का सीधा कनेक्शन बनने से यात्रा का समय घटेगा और ईंधन की बचत भी होगी।
कैसा होगा एक्सप्रेसवे का रूट?
गंगा एक्सप्रेसवे का विस्तार प्रस्तावित योजना के तहत मेरठ, मुजफ्फरनगर, सहारनपुर और रुड़की होते हुए हरिद्वार तक किया जाएगा। इस दौरान विभिन्न महत्वपूर्ण जगहों पर इंटरचेंज बनाए जाएंगे, जिससे क्षेत्रीय और स्थानीय ट्रैफिक को भी सहूलियत मिल सके।
- मेरठ से मुजफ्फरनगर तक सीधा संपर्क
- मुजफ्फरनगर से सहारनपुर और रुड़की होते हुए हरिद्वार
- हरिद्वार तक बिना ट्रैफिक जाम के हाई-स्पीड सफर
परियोजना को लेकर क्या बोले मंत्री?
मंत्री कपिल देव अग्रवाल ने इस फैसले को प्रदेश के लिए ऐतिहासिक बताया। उन्होंने कहा,
“प्रदेश सरकार ने बहुत कम समय में यह बड़ा निर्णय लिया है। इस परियोजना से न केवल उत्तर प्रदेश और उत्तराखंड के बीच यात्रा सुविधाजनक होगी, बल्कि व्यापार, उद्योग और पर्यटन को भी एक नई दिशा मिलेगी। मुख्यमंत्री जी इस ऐतिहासिक फैसले के लिए बधाई के पात्र हैं।”
क्षेत्रवासियों में खुशी की लहर, मुख्यमंत्री को दी बधाई
इस फैसले के बाद मुजफ्फरनगर, सहारनपुर, मेरठ और रुड़की के व्यापारियों और आम नागरिकों में खुशी की लहर है। स्थानीय व्यापार संगठनों और धार्मिक संस्थानों ने मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ का धन्यवाद करते हुए कहा कि इस परियोजना से व्यापार और धार्मिक पर्यटन दोनों को जबरदस्त फायदा मिलेगा।
मंत्री कपिल देव अग्रवाल ने मुख्यमंत्री से भेंट कर क्षेत्रवासियों की ओर से आभार जताया और उन्हें सम्मानित किया। उन्होंने कहा कि गंगा एक्सप्रेसवे का विस्तार आर्थिक और सामाजिक रूप से उत्तर प्रदेश और उत्तराखंड दोनों के विकास में सहायक होगा।
गंगा एक्सप्रेसवे: देश के सबसे बड़े एक्सप्रेसवे में से एक
गौरतलब है कि गंगा एक्सप्रेसवे उत्तर प्रदेश का सबसे लंबा एक्सप्रेसवे है। इसकी कुल लंबाई 594 किमी है और यह मेरठ से शुरू होकर प्रयागराज तक जाता है। इसे अब हरिद्वार तक बढ़ाने का फैसला लिया गया है, जिससे यह एक्सप्रेसवे और भी महत्वपूर्ण हो जाएगा।
- 6 लेन का हाई-स्पीड एक्सप्रेसवे (भविष्य में 8 लेन तक विस्तार संभव)
- एयर स्ट्रिप की सुविधा
- हर 100 किमी पर इमरजेंसी सर्विस सेंटर
- हरिद्वार में विशेष टोल प्लाजा और एंट्री प्वाइंट्स
कब तक पूरा होगा यह प्रोजेक्ट?
सरकारी सूत्रों के अनुसार, इस परियोजना का सर्वेक्षण कार्य अगले 6 महीनों में पूरा कर लिया जाएगा। उसके बाद निर्माण कार्य की निविदा जारी की जाएगी। सरकार की योजना है कि 2027 तक इस एक्सप्रेसवे के विस्तार को पूरी तरह से चालू कर दिया जाए।
गंगा एक्सप्रेसवे का हरिद्वार तक विस्तार उत्तर प्रदेश और उत्तराखंड दोनों के लिए बड़ी सौगात है। यह न केवल यात्रा को सुगम बनाएगा, बल्कि व्यापार, पर्यटन और उद्योग को भी जबरदस्त बढ़ावा देगा। उत्तर प्रदेश सरकार के इस ऐतिहासिक फैसले से आने वाले समय में क्षेत्र के आर्थिक विकास को गति मिलेगी और श्रद्धालुओं को भी राहत मिलेगी।