Unnao के एक गांव में अंधविश्वास के नाम पर हैवानियत का ऐसा मामला सामने आया जिसने इंसानियत को शर्मसार कर दिया। झाड़-फूंक के बहाने एक तांत्रिक ने महिला की आस्था और मजबूरी का फायदा उठाकर उसके साथ दुष्कर्म किया। आरोपी को पुलिस ने गिरफ्तार कर जेल भेज दिया है।
बीमार बेटे की सलामती के लिए तांत्रिक के पास गई थी महिला
बांगरमऊ कोतवाली क्षेत्र के एक गांव की रहने वाली महिला का तीन महीने का बेटा काफी समय से बीमार था। जब डॉक्टरों और दवाओं से कोई फायदा नहीं हुआ तो गांव के कुछ लोगों ने उसे एक तांत्रिक के पास जाने की सलाह दी। मजबूर मां ने आखिरी उम्मीद के रूप में इस झाड़-फूंक करने वाले तांत्रिक का दरवाजा खटखटाया।
बुधवार दोपहर, महिला अपने पति के साथ बेहटामुजावर क्षेत्र के दीनाखेड़ा गांव निवासी तांत्रिक विजय कुमार के पास पहुंची। अंधविश्वास में डूबे कई लोग पहले भी इस तांत्रिक के पास अपने बच्चों की बीमारियों का इलाज कराने आते थे।
“पूजा का सामान लाओ” – पति को भेजकर रचा घिनौना जाल
तांत्रिक ने पहले तो मां-बाप की परेशानी को समझने का दिखावा किया और कहा कि झाड़-फूंक से बच्चा जल्द ठीक हो जाएगा। लेकिन इसके लिए कुछ विशेष पूजा करनी होगी, जिसके लिए पूजा का सामान लाना जरूरी था। उसने महिला के पति को पास की दुकान से पूजा का सामान लाने भेज दिया।
इसके बाद महिला से कहा कि वह अपने बीमार बेटे को फर्श पर लिटा दे, ताकि तंत्र-मंत्र शुरू किया जा सके। मासूम बेटे की सलामती की आस लगाए बैठी महिला ने जैसे ही बेटे को नीचे रखा, वहशी तांत्रिक ने अपनी असली मंशा दिखा दी।
भरोसे के नाम पर हवस की शिकार बनी महिला
तांत्रिक विजय कुमार ने अचानक महिला को पकड़ लिया और जबरन उसके साथ दुष्कर्म किया। जब महिला ने विरोध किया, तो आरोपी ने उसे जान से मारने की धमकी दी और बुरी तरह पीटा। महिला की चीखें चारदीवारी के भीतर ही दबी रह गईं क्योंकि बाहर कोई नहीं था।
कुछ देर बाद जब उसका पति पूजा का सामान लेकर लौटा तो महिला फूट-फूट कर रो पड़ी और पूरी घटना बताई। यह सुनकर पति के पैरों तले जमीन खिसक गई। बिना समय गंवाए, वे सीधा पुलिस स्टेशन पहुंचे और तहरीर दी।
गांव में मचा हड़कंप, पुलिस ने तुरंत किया गिरफ्तार
पुलिस ने तहरीर के आधार पर मामला दर्ज कर लिया और तुरंत गांव में दबिश दी। कुछ ही घंटों में आरोपी को उसके घर से गिरफ्तार कर लिया गया। सीओ अरविंद चौरसिया ने बताया कि पीड़िता का मेडिकल परीक्षण करवाया गया है और आरोपी को जेल भेज दिया गया है।
अंधविश्वास के नाम पर सालों से चला आ रहा था गोरखधंधा
जानकारी के मुताबिक, इस तांत्रिक का परिवार वर्षों से झाड़-फूंक और तंत्र-मंत्र के नाम पर लोगों को बेवकूफ बनाता आ रहा था। पहले आरोपी का पिता झाड़-फूंक करता था, लेकिन दो साल पहले उसकी मौत हो गई। इसके बाद विजय कुमार ने यह धंधा संभाल लिया और अंधविश्वास का फायदा उठाकर भोले-भाले ग्रामीणों को फंसाने लगा।
गांव के कई लोगों ने बताया कि इस तांत्रिक के पास सिर्फ बीमार बच्चों के इलाज के नाम पर ही नहीं, बल्कि संतान प्राप्ति, व्यापार में तरक्की और शादीशुदा जीवन में खुशहाली जैसी चीजों के लिए भी लोग आते थे। इसका मकसद सिर्फ पैसों की लूट थी, लेकिन इस बार उसने हद पार कर दी।
तांत्रिकों के जाल में न फंसें, पुलिस की चेतावनी
पुलिस ने इस घटना के बाद लोगों को सतर्क रहने की सलाह दी है। अधिकारियों ने कहा कि अंधविश्वास के नाम पर ठगी और शोषण करने वाले ऐसे तांत्रिकों से बचें और किसी भी संदिग्ध व्यक्ति की जानकारी तुरंत पुलिस को दें।
ग्रामीणों से भी अपील की गई है कि वे बीमारियों के इलाज के लिए डॉक्टरी मदद लें और झाड़-फूंक के चक्कर में न पड़ें। सरकार और प्रशासन भी लगातार ऐसे ढोंगी तांत्रिकों के खिलाफ अभियान चला रहे हैं ताकि समाज से इस अंधविश्वास को खत्म किया जा सके।
इस घटना से सीख – अंधविश्वास छोड़ें, विज्ञान पर भरोसा करें
इस दर्दनाक घटना ने एक बार फिर साबित कर दिया कि अंधविश्वास और झाड़-फूंक के नाम पर ढोंगियों का जाल समाज में कितना गहरा फैला हुआ है। यह समय की मांग है कि लोग विज्ञान और आधुनिक चिकित्सा प्रणाली पर भरोसा करें, न कि किसी ऐसे ढोंगी बाबा या तांत्रिक पर जो केवल मासूम लोगों की मजबूरी का फायदा उठाकर अपने घिनौने इरादों को अंजाम देता है।
(नोट: पुलिस ने पीड़िता का नाम गोपनीय रखा है। यह खबर सत्य घटनाओं पर आधारित है और अंधविश्वास से बचने की जागरूकता फैलाने के उद्देश्य से प्रकाशित की गई है।)