Varanasi, में एक बड़ा धोखाधड़ी का मामला सामने आया है, जिसमें एक दंपति ने 57 लाख रुपये की ठगी की है। इसके साथ ही, एक युवती की फोटो को सोशल मीडिया पर वायरल करने और उसे धमकी देने का मामला भी चर्चा में है। ये दोनों घटनाएं शहर में सुरक्षा और साइबर अपराध के मुद्दे को लेकर चिंता पैदा कर रही हैं।
57 लाख रुपये की ठगी: क्या हुआ था?
पहाड़िया स्थित गणपत नगर कॉलोनी के निवासी संतोष कुमार ने पुलिस में शिकायत दर्ज कराई कि घुघुलपुर जलाली पट्टी मंडुवाडीह के रहने वाले सुरेंद्र जायसवाल और उनकी पत्नी प्रीति जायसवाल ने उन्हें परेशानी में बताते हुए 60 लाख रुपये की मदद मांगी। दंपति ने संतोष को आश्वासन दिया कि वे जल्द ही पैसे लौटा देंगे। विश्वास में आकर संतोष ने उनकी कंपनी, कनक प्रीति निधि लिमिटेड के खाते में 57,50,000 रुपये जमा करा दिए।
हालांकि, कई महीनों तक पैसे वापस न मिलने पर संतोष ने दंपति से संपर्क किया, लेकिन वे टालमटोल करने लगे। जब संतोष ने दबाव बनाया, तो दंपति ने उन्हें जान से मारने की धमकी दी। इसके बाद संतोष ने पुलिस में शिकायत की। थाना प्रभारी ने बताया कि सुरेंद्र जायसवाल और प्रीति जायसवाल के खिलाफ धोखाधड़ी और धमकी देने के आरोप में मुकदमा दर्ज किया गया है। पुलिस मामले की गहन जांच कर रही है।
युवती की फोटो वायरल करने का मामला
इसी बीच, बलिया के भीमपुरा थाना के बरौली गांव की एक युवती ने एक युवक पर उसकी निजी तस्वीरों को इंस्टाग्राम पर वायरल करने का आरोप लगाया है। युवती ने पुलिस को बताया कि उसकी मुलाकात अनुभव श्रीवास्तव नामक युवक से क्वांटम यूनिवर्सिटी, रुढ़की (उत्तराखंड) में पढ़ाई के दौरान हुई थी। युवती के अनुसार, अनुभव ने 17 मार्च को उसकी कुछ निजी फोटो सोशल मीडिया पर वायरल कर दीं।
युवती ने आरोप लगाया कि अनुभव ने उसे धमकी दी और 10 लाख रुपये की मांग की। युवक ने मोबाइल नंबर बदल-बदल कर लगातार धमकी भरे मैसेज भेजे। इसके बाद युवती ने थाना प्रभारी मदन पटेल से शिकायत की। पुलिस ने अनुभव श्रीवास्तव के खिलाफ संबंधित धाराओं में मुकदमा दर्ज कर लिया है और मामले की जांच जारी है।
साइबर अपराध और वित्तीय धोखाधड़ी: बढ़ती चिंता
ये दोनों मामले साइबर अपराध और वित्तीय धोखाधड़ी के बढ़ते मामलों की ओर इशारा करते हैं। वाराणसी में हाल के दिनों में ऐसे मामलों में वृद्धि देखी गई है। पुलिस ने नागरिकों से सतर्क रहने और किसी भी संदिग्ध गतिविधि की सूचना तुरंत देने की अपील की है।
विशेषज्ञों का कहना है कि सोशल मीडिया के बढ़ते उपयोग के साथ, साइबर अपराधियों के लिए लोगों की निजी जानकारी का दुरुपयोग करना आसान हो गया है। उन्होंने लोगों को अपनी निजी जानकारी साझा करने से पहले दो बार सोचने की सलाह दी है।
पुलिस की कार्रवाई और आगे की राह
दोनों मामलों में पुलिस ने त्वरित कार्रवाई करते हुए आरोपियों के खिलाफ मुकदमे दर्ज किए हैं। पुलिस ने बताया कि वे सभी सबूतों की जांच कर रही हैं और जल्द ही आरोपियों को गिरफ्तार करने की कोशिश करेंगी।
इसके अलावा, पुलिस ने नागरिकों को साइबर सुरक्षा के प्रति जागरूक करने के लिए विशेष अभियान चलाने का फैसला किया है। इस अभियान के तहत लोगों को साइबर अपराध से बचने के टिप्स और सावधानियां बताई जाएंगी।
समाज की भूमिका
ऐसे मामलों में समाज की भूमिका भी महत्वपूर्ण है। लोगों को एक-दूसरे की मदद करनी चाहिए और किसी भी संदिग्ध गतिविधि की सूचना पुलिस को देनी चाहिए। साथ ही, सोशल मीडिया पर निजी जानकारी साझा करते समय सावधानी बरतनी चाहिए।
वाराणसी में 57 लाख रुपये की ठगी और युवती की फोटो वायरल करने का मामला शहर में सुरक्षा और साइबर अपराध के मुद्दे को लेकर गंभीर चिंता पैदा कर रहा है। पुलिस ने इन मामलों में त्वरित कार्रवाई की है, लेकिन नागरिकों को भी सतर्क रहने की जरूरत है। ऐसे मामलों की रोकथाम के लिए सामूहिक प्रयास की आवश्यकता है।