Bareilly के गंगापुर इलाके में एक बड़ा खुलासा हुआ है, जहां नकली सॉस बनाने वाली एक फैक्टरी को पुलिस और खाद्य सुरक्षा विभाग (एफएसडीए) की संयुक्त टीम ने बंद कर दिया है। इस फैक्टरी में खतरनाक रसायनों का इस्तेमाल करके सॉस तैयार किया जा रहा था, जो सेहत के लिए गंभीर खतरा पैदा कर सकता है। यह फैक्टरी हिस्ट्रीशीटर चंद्रमान के बेटे रंजीत के नाम से चल रही थी, जिसे अब पुलिस तलाश कर रही है।
कैसे हुआ खुलासा?
बृहस्पतिवार को बारादरी पुलिस ने जुए के एक अड्डे पर छापा मारा था। इस दौरान हिस्ट्रीशीटर चंद्रमान को मौके से भागते हुए देखा गया। उसका पीछा करते हुए पुलिस को एक गोदाम मिला, जहां नकली सॉस से भरे कई कंटेनर मिले। इसके बाद पुलिस ने एफएसडीए की टीम को मौके पर बुलाया। जांच में पता चला कि यहां सॉस बनाने के लिए टमाटर, मिर्च, लहसुन, चीनी और सिरका जैसे जरूरी कच्चे माल की जगह खतरनाक रसायनों का इस्तेमाल किया जा रहा था।
क्या मिला फैक्टरी में?
एफएसडीए टीम ने फैक्टरी और गोदाम की गहन जांच की। वहां से सात घरेलू सिलिंडर, 19 केन जो खतरनाक रसायनों से भरे हुए थे, एक संदिग्ध केमिकल से भरा कंटेनर, स्टार्च, शीरा, जैंथम गम, 112 गत्ते सोया सॉस, 199 गत्ते चिली सॉस और 67 गत्ते कॉन्टीनेंटल सॉस बरामद किए गए। यह सभी सामग्री बिना किसी लाइसेंस के और बिना किसी गुणवत्ता जांच के बेची जा रही थी।
सेहत के लिए खतरनाक
मुख्य खाद्य सुरक्षा अधिकारी अक्षय गोयल ने बताया कि फैक्टरी में बनाए जा रहे सॉस में खतरनाक रसायनों का इस्तेमाल किया जा रहा था, जो सेहत के लिए बेहद हानिकारक है। इन रसायनों के सेवन से पेट संबंधी गंभीर बीमारियां, लीवर डैमेज और कैंसर जैसी जानलेवा बीमारियां हो सकती हैं। उन्होंने यह भी बताया कि फैक्टरी का लाइसेंस तत्काल प्रभाव से निलंबित कर दिया गया है।
रातोंरात चलता था धंधा
स्थानीय लोगों ने बताया कि यह फैक्टरी ज्यादातर रात के समय ही सक्रिय रहती थी। फैक्टरी से बड़ी मात्रा में पैकिंग का सामान मिला है, जिससे पता चलता है कि यहां बड़े पैमाने पर नकली सॉस का उत्पादन किया जा रहा था। कुछ सेल्समैन फैक्टरी से पेटी के हिसाब से सॉस ले जाते थे और इसे शहर के कई पॉश इलाकों में लगने वाले फास्ट फूड ठेलों और रेस्टोरेंट्स में बेचा जा रहा था।
पुलिस की कार्रवाई
बारादरी थाने में फैक्टरी संचालक रंजीत और उसके पिता चंद्रमान के खिलाफ मुकदमा दर्ज किया गया है। पुलिस अब दोनों की तलाश कर रही है। एफएसडीए टीम ने फैक्टरी से तैयार और कच्चे माल के दस नमूने जांच के लिए लैब में भेजे हैं। रिपोर्ट आने के बाद और सख्त कार्रवाई की जाएगी।
स्थानीय लोगों की प्रतिक्रिया
Bareilly गंगापुर इलाके के निवासी इस घटना से स्तब्ध हैं। उन्होंने बताया कि उन्हें इस बात का अंदाजा नहीं था कि उनके आसपास इतना बड़ा धंधा चल रहा है। कई लोगों ने यह भी बताया कि उन्होंने फैक्टरी से आने वाली तेज गंध को नजरअंदाज कर दिया था, लेकिन अब उन्हें एहसास हो रहा है कि यह गंध खतरनाक रसायनों की थी।
खाद्य सुरक्षा पर सवाल
यह घटना एक बार फिर खाद्य सुरक्षा के मोर्चे पर सवाल खड़े करती है। कैसे ऐसी फैक्ट्रियां बिना किसी जांच के सालों तक चलती रहती हैं? क्या खाद्य सुरक्षा विभाग की निगरानी में कोई कमी है? ये सवाल अब हर किसी के जहन में उठ रहे हैं।
आगे की कार्रवाई
एफएसडीए टीम ने कहा कि वह शहर के अन्य फैक्ट्रियों और गोदामों की भी जांच करेगी ताकि यह सुनिश्चित किया जा सके कि कोई और ऐसी इकाई नहीं है जो नकली और हानिकारक खाद्य पदार्थ बना रही हो। साथ ही, लोगों से अपील की गई है कि अगर उन्हें किसी भी तरह की शिकायत हो, तो वे तुरंत खाद्य सुरक्षा विभाग को सूचित करें।
इस घटना ने एक बार फिर साबित कर दिया है कि खाद्य पदार्थों में मिलावट और नकली उत्पादन का धंधा कितना बड़ा है। अब यह जिम्मेदारी नागरिकों और अधिकारियों दोनों की है कि वे ऐसी गतिविधियों पर नजर रखें और उन्हें रोकने के लिए कड़े कदम उठाएं।