Hathras के पीसी बागला डिग्री कॉलेज में एक ऐसा स्कैंडल सामने आया है, जिसने न केवल शहर बल्कि पूरे प्रदेश को हिलाकर रख दिया है। कॉलेज के भूगोल विभाग के प्रभारी और चीफ प्रॉक्टर डॉ. रजनीश पर छात्राओं के साथ अश्लील वीडियो बनाने और उन्हें यौन शोषण का शिकार बनाने के गंभीर आरोप लगे हैं। यह मामला तब और भी भयावह हो गया जब पुलिस को डॉ. रजनीश के मोबाइल से करीब 59 अश्लील वीडियो मिले, जिनमें से कुछ को उन्होंने खुद अश्लील वेबसाइट्स पर अपलोड किया था।
कैसे सामने आया मामला?
इस मामले की शुरुआत करीब एक महीने पहले हुई, जब केंद्रीय महिला आयोग और पुलिस प्रशासन को एक गुमनाम शिकायती पत्र मिला। इस पत्र में डॉ. रजनीश पर छात्राओं के साथ यौन शोषण और अश्लील वीडियो बनाने के आरोप लगाए गए थे। शिकायत के साथ ही करीब 12 फोटो भी भेजे गए थे, जिनमें से कुछ कॉलेज के ऑफिस के अंदर की थीं। इन फोटो में डॉ. रजनीश को छात्राओं के साथ अश्लील हरकतें करते हुए देखा जा सकता है।
पुलिस ने इस शिकायत को गंभीरता से लेते हुए जांच शुरू की। जांच के दौरान पता चला कि डॉ. रजनीश ने अपने मोबाइल से छात्राओं के साथ अश्लील वीडियो रिकॉर्ड किए थे। इन वीडियो की संख्या करीब 59 बताई जा रही है। पुलिस ने यह भी पता लगाया कि इनमें से कुछ वीडियो को डॉ. रजनीश ने खुद अश्लील वेबसाइट्स पर अपलोड किया था।
कॉलेज प्रशासन ने क्या कदम उठाए?
इस मामले के सामने आते ही कॉलेज प्रशासन ने डॉ. रजनीश को तुरंत निलंबित कर दिया। कॉलेज के सचिव ने एक आदेश जारी करते हुए कहा कि यह मामला काफी गंभीर है और इससे कॉलेज की छवि धूमिल हो रही है। निलंबन के दौरान डॉ. रजनीश को सुबह 10 बजे से शाम 4 बजे तक कॉलेज में उपस्थित रहने का निर्देश दिया गया है। साथ ही, उन्हें बिना प्राचार्य की अनुमति के शहर से बाहर जाने की अनुमति नहीं है।
पुलिस की जांच में क्या सामने आया?
पुलिस ने इस मामले की जांच के लिए तीन टीमें गठित की हैं। जांच के दौरान पता चला कि डॉ. रजनीश ने छात्राओं को परीक्षाओं में अच्छे नंबर दिलाने और नौकरी लगवाने के लालच में फंसाकर उनका यौन शोषण किया। उन्होंने अपने मोबाइल से छात्राओं के साथ अश्लील वीडियो रिकॉर्ड किए और उन्हें अश्लील वेबसाइट्स पर अपलोड किया।
पुलिस ने डॉ. रजनीश के खिलाफ दुष्कर्म सहित कई गंभीर धाराओं में मुकदमा दर्ज किया है। हालांकि, आरोपी प्रोफेसर अभी तक पुलिस की गिरफ्त में नहीं आया है। पुलिस उसकी तलाश में जुटी हुई है।
छात्राएं क्यों नहीं आ रहीं सामने?
इस मामले में सबसे बड़ी चुनौती पीड़ित छात्राओं को सामने लाना है। पुलिस ने छात्राओं से संपर्क करने की कोशिश की, लेकिन लोक-लाज के चलते छात्राएं बयान दर्ज कराने से बच रही हैं। पुलिस ने कॉलेज के डाटाबेस से वीडियो और फोटो में दिख रही छात्राओं की पहचान करने की कोशिश की है, लेकिन कॉलेज प्रशासन ने पुलिस को कोई सहयोग नहीं दिया है।
डीएम ने गठित की जांच समिति
इस मामले की गंभीरता को देखते हुए जिला मजिस्ट्रेट ने एक चार सदस्यीय जांच समिति गठित की है। इस समिति को सात दिनों के अंदर जांच पूरी कर रिपोर्ट सौंपने का निर्देश दिया गया है। समिति ने आरोपी प्रोफेसर को नोटिस जारी किया है और जांच शुरू कर दी है।
कॉलेज में मचा हड़कंप
इस मामले ने कॉलेज में हड़कंप मचा दिया है। सोमवार को कॉलेज खुलने के बाद हर किसी की जुबान पर यही मामला था। छात्र और शिक्षक दोनों ही इस घटना से स्तब्ध हैं। पुलिस ने कॉलेज पहुंचकर प्राचार्य और स्टाफ से पूछताछ की है। साथ ही, वीडियो रिकॉर्ड करने वाले कमरे को सील कर दिया गया है।
आरोपी प्रोफेसर फरार
पुलिस ने डॉ. रजनीश के घर और कॉलेज दोनों जगहों पर छापेमारी की, लेकिन वह नहीं मिला। उसके परिवार वालों ने भी उसके बारे में कोई जानकारी नहीं दी। पुलिस का मानना है कि वह शहर से भाग चुका है।
समाज और प्रशासन की जिम्मेदारी
यह मामला न केवल शिक्षा व्यवस्था पर सवाल खड़ा करता है, बल्कि समाज और प्रशासन की जिम्मेदारी को भी रेखांकित करता है। छात्राओं की सुरक्षा और उनके अधिकारों की रक्षा करना प्रशासन का प्राथमिक कर्तव्य है। इस मामले में कॉलेज प्रशासन की लापरवाही भी सामने आई है, जिसने पुलिस को सहयोग नहीं दिया।
आगे की कार्रवाई
पुलिस ने इस मामले में तेजी से कार्रवाई करते हुए आरोपी प्रोफेसर की तलाश शुरू कर दी है। साथ ही, पीड़ित छात्राओं को न्याय दिलाने के लिए हर संभव प्रयास किए जा रहे हैं। इस मामले की जांच जल्द से जल्द पूरी करने के निर्देश दिए गए हैं।हाथरस का यह स्कैंडल एक बार फिर समाज के सामने यह सवाल खड़ा करता है कि क्या हमारी शिक्षा व्यवस्था और समाज छात्राओं की सुरक्षा सुनिश्चित करने में सक्षम है? इस मामले में न्याय मिलना ही इस सवाल का जवाब होगा।
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