Varanasi के चुरावनपुर गांव में एक सनसनीखेज घटना सामने आई है। मऊ जिले के घोसी थाना क्षेत्र के रहने वाले 27 वर्षीय निलेश चौहान ने अपने किराये के कमरे में फांसी लगाकर आत्महत्या कर ली। घटना से पूरा इलाका स्तब्ध है। पुलिस ने शव को कब्जे में लेकर पोस्टमार्टम के लिए भेज दिया है, लेकिन आत्महत्या की असली वजह अब भी रहस्य बनी हुई है।
रहस्यमय मौत: सवालों के घेरे में कई बातें
घटना मंगलवार रात की है, जब निलेश के साथी काम से लौटे तो उन्हें कमरे का दरवाजा अंदर से बंद मिला। काफी देर तक दरवाजा खटखटाने के बाद भी जब कोई जवाब नहीं मिला, तो उन्होंने मकान मालिक को इसकी जानकारी दी। मकान मालिक ने तत्काल पुलिस को सूचना दी।
लोहता थाने की पुलिस मौके पर पहुंची और दरवाजा तोड़ा गया। अंदर का नज़ारा देखकर सभी के होश उड़ गए। निलेश का शव रोशनदान के सहारे फंदे से झूल रहा था। पुलिस ने शव को नीचे उतारा और प्रारंभिक जांच शुरू कर दी।
क्या कहती है पुलिस?
लोहता थानाध्यक्ष प्रवीण कुमार के अनुसार, “परिजनों को घटना की सूचना दे दी गई है और शव को पोस्टमार्टम के लिए भेजा गया है। आत्महत्या के कारणों की जांच की जा रही है।” पुलिस फिलहाल आसपास के लोगों और मृतक के साथियों से पूछताछ कर रही है ताकि कोई सुराग मिल सके।
निलेश चौहान: कौन था वह और क्यों उठाया इतना बड़ा कदम?
निलेश चौहान मूल रूप से मऊ जिले के घोसी थाना क्षेत्र के सादीसराय का रहने वाला था। वह पेशे से टाइल्स लगाने का काम करता था और अपने चार साथियों के साथ चुरावनपुर गांव में किराये पर रह रहा था। बताया जा रहा है कि वह शांत स्वभाव का व्यक्ति था और किसी से ज्यादा बातचीत नहीं करता था।
क्या था आत्महत्या का कारण?
फिलहाल आत्महत्या की कोई स्पष्ट वजह सामने नहीं आई है, लेकिन कुछ सूत्रों के अनुसार, निलेश पिछले कुछ दिनों से परेशान दिख रहा था। स्थानीय लोगों का कहना है कि उसने हाल ही में किसी से फोन पर लंबी बातचीत की थी, जिसके बाद वह तनाव में था।
- क्या निलेश किसी कर्ज में डूबा था?
- क्या वह किसी रिश्ते को लेकर परेशान था?
- या फिर कामकाज को लेकर मानसिक दबाव में था?
पुलिस इन सभी पहलुओं की जांच कर रही है।
आत्महत्या या कुछ और? रहस्य बरकरार
हालांकि यह मामला आत्महत्या का लग रहा है, लेकिन पुलिस इसे पूरी तरह से संदिग्ध मानकर जांच कर रही है। आसपास के लोग भी यह मानने को तैयार नहीं हैं कि निलेश जैसा युवक खुदकुशी कर सकता है। कुछ लोगों का कहना है कि यह आत्महत्या नहीं, बल्कि किसी गहरी साजिश का नतीजा भी हो सकता है।
परिवार का रो-रोकर बुरा हाल, गांव में मातम
घटना की सूचना मिलते ही निलेश के परिजन बदहवास हालत में वाराणसी पहुंचे। परिवार वालों का रो-रोकर बुरा हाल है। मां बार-बार यही कह रही थी, “मेरा बेटा ऐसा कभी नहीं कर सकता, उसे किसी ने मारा है!”
पुलिस की जांच से उठेगा राज?
पुलिस अब मृतक के फोन रिकॉर्ड, दोस्तों और परिजनों के बयान खंगाल रही है। स्थानीय पुलिस ने यह भी कहा है कि अगर पोस्टमार्टम रिपोर्ट में कोई संदेहास्पद तथ्य सामने आता है, तो जांच को और गहराई से किया जाएगा।
बढ़ते आत्महत्या के मामले: क्या कहती है रिपोर्ट?
भारत में आत्महत्या के मामले लगातार बढ़ते जा रहे हैं। खासतौर पर युवा वर्ग इस मानसिक दबाव का सबसे ज्यादा शिकार हो रहा है। राष्ट्रीय अपराध रिकॉर्ड ब्यूरो (NCRB) के अनुसार, 2023 में देशभर में आत्महत्या के 1.70 लाख से अधिक मामले दर्ज किए गए थे, जिनमें से बड़ी संख्या आर्थिक तंगी, व्यक्तिगत रिश्तों की समस्याओं और मानसिक तनाव से जुड़ी थी।
विशेषज्ञों का मानना है कि समाज में मानसिक स्वास्थ्य को लेकर जागरूकता की कमी, आर्थिक अस्थिरता और व्यक्तिगत समस्याओं के कारण लोग आत्महत्या जैसे खतरनाक कदम उठाने पर मजबूर हो रहे हैं।
आगे क्या? पुलिस का अगला कदम
पुलिस ने आसपास के लोगों से पूछताछ शुरू कर दी है और निलेश के मोबाइल को फॉरेंसिक जांच के लिए भेजा जा रहा है। अगर किसी तरह की साजिश या दबाव की बात सामने आती है, तो पुलिस संबंधित व्यक्तियों के खिलाफ कार्रवाई करेगी।
क्या यह मामला खुदकुशी से ज्यादा कुछ और है?
हालांकि शुरुआती जांच में यह आत्महत्या का मामला लग रहा है, लेकिन पुलिस इसे एक संभावित हत्या के नजरिए से भी देख रही है। आखिर निलेश के जीवन में ऐसा क्या हुआ जो उसे इतना बड़ा कदम उठाने पर मजबूर कर गया? क्या वह किसी मानसिक दबाव का शिकार था, या फिर उसके साथ कुछ और हुआ था?
इन सभी सवालों के जवाब पोस्टमार्टम रिपोर्ट और पुलिस जांच के बाद ही सामने आ पाएंगे। फिलहाल, चुरावनपुर गांव में इस घटना को लेकर सनसनी फैली हुई है और लोग इस रहस्यमयी मौत के पीछे की सच्चाई जानने को बेताब हैं।
(यह खबर पुलिस रिपोर्ट और स्थानीय सूत्रों से प्राप्त जानकारी पर आधारित है। आगे की जांच जारी है।)