Jalaun: उत्तर प्रदेश के जालौन जिले में रविवार सुबह एक दिल दहला देने वाली घटना सामने आई। रिटायर्ड शिक्षक और तीन विद्यालयों के संचालक विद्याराम आजाद की खेत के पास पुलिया पर बैठकर योग करते समय कुल्हाड़ी से गला काटकर बेरहमी से हत्या कर दी गई। हमलावरों ने इतनी बर्बरता से वार किया कि सिर कटकर धड़ से अलग हो गया। बेटे की शिकायत पर पुलिस ने दो नामजद और तीन-चार अज्ञात आरोपियों के खिलाफ हत्या की रिपोर्ट दर्ज कर ली है।
इस नृशंस हत्या से पूरे इलाके में सनसनी फैल गई है। ग्रामीणों में भारी आक्रोश है और वे इस घटना को सोची-समझी साजिश बता रहे हैं। मृतक के परिवार ने आरोप लगाया कि यह हत्या अचानक नहीं हुई, बल्कि इसे चार साल पहले ही प्लान कर लिया गया था।
चार साल से मिल रही थी जान से मारने की धमकियां
मृतक के बेटे दिनेश कुमार उर्फ रामजी ने बताया कि उनके पिता विद्याराम आजाद एक सेवानिवृत्त शिक्षक थे, जिन्होंने शिक्षा के क्षेत्र में बड़ा योगदान दिया था। उनकी ईमानदारी और सख्ती कई लोगों को खटकती थी। उन्होंने तीन स्कूलों का संचालन किया, लेकिन एक स्कूल में प्रधानाचार्य पद पर तैनात रामखिलावन को साल 2019 में शिकायतों के चलते हटा दिया था।
बस, यहीं से दुश्मनी की शुरुआत हो गई। रामखिलावन इस फैसले से बौखला गया था। सेवानिवृत्त शिक्षक रामचरन भी किसी खुन्नस के कारण रामखिलावन से मिल गया और दोनों ने मिलकर साजिश रचनी शुरू कर दी। बेटे ने बताया कि दोनों आरोपी बीते चार सालों से उसके पिता को जान से मारने की धमकी दे रहे थे।
आरोप है कि रामचरन तो कई बार स्कूल के अंदर घुस आता था और पिता से बदसलूकी कर उन्हें जान से मारने की धमकी देता था। परिवार को अंदेशा था कि कभी न कभी कुछ अनहोनी जरूर होगी, लेकिन उन्होंने यह कल्पना नहीं की थी कि उनकी इतनी नृशंस हत्या होगी।
घटना वाली रात क्यों काटी गई गांव की लाइट?
गांव वालों के अनुसार, शनिवार की रात अचानक पूरे गांव की लाइट बंद हो गई थी। अंधेरा इस कदर था कि किसी को कुछ दिखाई नहीं दे रहा था। ग्रामीणों का कहना है कि गांव के दोनों ओर लगे ट्रांसफार्मरों से तार हटाकर बिजली आपूर्ति पूरी तरह से बंद कर दी गई थी।
यह हत्या इसी प्लानिंग का हिस्सा लग रही है। ग्रामीणों को शक है कि हत्यारों ने रात में अंधेरा होने का फायदा उठाकर योजना बनाई और सुबह विद्याराम आजाद के खेत जाने का इंतजार किया।
सुबह योग कर रहे थे, तभी हमला हुआ
रविवार सुबह करीब 5:30 बजे विद्याराम आजाद रोज की तरह अपने खेतों की ओर गए। वहां पुलिया पर बैठकर योग करने लगे। तभी घात लगाकर छिपे हत्यारों ने अचानक कुल्हाड़ी से गर्दन पर वार कर दिया।
हमला इतना तेज था कि उनका सिर धड़ से अलग होकर नीचे गिर गया और धड़ पुलिया पर औंधा पड़ा रह गया। किसी को इस घटना की भनक तक नहीं लगी। जब कुछ राहगीर उधर से गुजरे तो खून से सनी पुलिया देखकर दंग रह गए। गांव में चीख-पुकार मच गई।
हत्या के पीछे पुरानी दुश्मनी और षड्यंत्र
पुलिस जांच में सामने आया है कि यह हत्या पूरी तरह से पूर्व नियोजित थी।
- 2019 में स्कूल से प्रधानाचार्य पद से हटाए जाने के बाद से रामखिलावन और उसके साथी रिटायर्ड शिक्षक रामचरन ने बदला लेने की ठान ली थी।
- वे लगातार धमकियां दे रहे थे, लेकिन परिवार ने इसे गंभीरता से नहीं लिया।
- गांव में लाइट काटकर हत्यारों ने अंधेरे का फायदा उठाया और पूरी प्लानिंग के साथ हत्या को अंजाम दिया।
पुलिस जांच में जुटी, परिजनों को इंसाफ की मांग
घटना की जानकारी मिलते ही पुलिस मौके पर पहुंची और शव को पोस्टमार्टम के लिए भेजा। मृतक के बेटे की तहरीर पर दो नामजद और तीन-चार अज्ञात लोगों के खिलाफ केस दर्ज किया गया है। पुलिस का कहना है कि जल्द ही सभी आरोपियों को गिरफ्तार कर लिया जाएगा।
गांव में इस घटना के बाद डर और गुस्से का माहौल है। ग्रामीणों ने प्रशासन से आरोपियों को जल्द से जल्द पकड़ने और कड़ी सजा देने की मांग की है। परिजनों का कहना है कि अगर पुलिस ने पहले ही इन धमकियों को गंभीरता से लिया होता, तो आज उनके पिता जिंदा होते।
क्या यह हत्या किसी बड़ी साजिश का हिस्सा?
यह सिर्फ व्यक्तिगत दुश्मनी का मामला है या इसके पीछे कोई और बड़ी साजिश है, यह अभी साफ नहीं हो पाया है। लेकिन जिस तरह से लाइट काटी गई, हत्यारे पहले से घात लगाए बैठे थे, और हत्या के तरीके को देखकर यह साफ है कि पूरी योजना बनाकर वारदात को अंजाम दिया गया।
अब देखना यह होगा कि पुलिस इस मामले में कब तक आरोपियों को गिरफ्तार कर पाती है और पीड़ित परिवार को इंसाफ मिलता है या नहीं।