उत्तर प्रदेश के Bareilly जिले में एक संपत्ति विवाद और प्रेम संबंधों के चलते एक दिल दहला देने वाला हत्याकांड सामने आया है। इस साजिश में बेटा, चाचा और चचेरे भाई शामिल थे, जिन्होंने मिलकर अपने ही परिवार के मुखिया को मौत के घाट उतारने की योजना बनाई। मामला तब खुला जब पुलिस ने घटनास्थल पर छूटी एक लाल रंग की चप्पल को सुराग बनाकर हत्यारों तक पहुंचने की चाल चली।
रात का खूनी खेल: सोते समय हमला, बचने के लिए संघर्ष
17 फरवरी की रात, सीबीगंज के गांव पस्तौर निवासी लीलाधर (58) अपने घर के पास बने अलग मकान में सो रहे थे। आधी रात साढ़े बारह बजे, दो हमलावरों ने उन्हें गोली मारने की कोशिश की, लेकिन गोली मिसफायर हो गई। फिर उन्होंने चाकू से हमला कर दिया।
खून से लथपथ लीलाधर ने शोर मचाया, जिससे पड़ोस में रहने वाले उसकी प्रेमिका के पति की नींद खुल गई। हमलावरों को भागना पड़ा। परिवारवालों ने पुलिस को सूचना दी, और मामले की जांच शुरू हुई।
शक की सुई घूमी बेटों पर, पुलिस ने जब किया सवाल-जवाब तो निकला पूरा सच
जांच के दौरान जब पुलिस ने लीलाधर के दो भतीजों से पूछताछ की, तो मामला और उलझने लगा। तभी लीलाधर का बेटा राकेश बीच में आकर अपने पिता की प्रेमिका के पति पर हत्या की साजिश का आरोप लगाने लगा।
लेकिन पुलिस को कुछ और ही महसूस हुआ। जब मोबाइल डेटा चेक किया गया, तब एक स्क्रीनशॉट में लाल रंग की वही चप्पल नजर आई, जो घटनास्थल पर पड़ी थी।
हत्या का प्लान:
लीलाधर के इकलौते बेटे राकेश को डर था कि उसके पिता अपनी संपत्ति प्रेमिका या उसके बेटे के नाम न कर दें।
राकेश ने अपने चचेरे भाइयों राजेश और छोटे को 30 हजार रुपये का लालच दिया, ताकि वे ताऊ लीलाधर की हत्या कर दें।
16 फरवरी को राकेश ने पहले यह देखा कि उसके पिता अकेले सो रहे हैं और दरवाजा खुला है।
फिर उसने राजेश और छोटे को भेजा, जिन्होंने पहले तमंचे से गोली चलाने की कोशिश की, लेकिन मिसफायर हो गया।
इसके बाद दोनों ने चाकू से ताबड़तोड़ वार किए और लीलाधर को खून से लथपथ कर दिया।
हमले के दौरान राजेश की चप्पल वहीं छूट गई, जो पुलिस के लिए सबसे बड़ा सबूत साबित हुई।
कैसे खुला मर्डर का राज?
चप्पल बनी सबसे अहम सुराग: पुलिस ने जब आसपास के लोगों से पूछा तो पता चला कि ऐसी चप्पल सिर्फ राजेश के पास थी।
मोबाइल स्क्रीनशॉट से हुआ कन्फर्म: पुलिस ने जब राजेश का मोबाइल चेक किया, तो वही चप्पल एक तस्वीर में नजर आई।
राजेश ने पहले टालने की कोशिश की, लेकिन जब पुलिस ने सख्ती से पूछताछ की, तो उसने पूरी साजिश कबूल ली।
हत्या की असली वजह: प्रेमिका और संपत्ति का लालच!
20 बीघा जमीन का लालच: लीलाधर के पास करीब 20 बीघा जमीन थी, जिससे वह अपनी प्रेमिका के घरवालों की मदद करता था।
बेटे को डर: राकेश को डर था कि पिता अपनी जमीन अपनी प्रेमिका या उसके बेटे के नाम कर सकते हैं।
इसलिए उसने अपने चचेरे भाइयों को साजिश में शामिल कर लिया और 30 हजार में हत्या की सुपारी दी।
पुलिस ने तीनों आरोपियों को दबोचा, जेल भेजा गया
पुलिस ने राकेश, राजेश और छोटे को गिरफ्तार कर लिया।
सभी ने अपना जुर्म कबूल कर लिया।
पुलिस ने मामले का खुलासा कर आरोपियों को जेल भेज दिया।
ऐसे मामलों में बढ़ती प्रवृत्ति: संपत्ति और प्रेम संबंधों के चलते बढ़ रहे पारिवारिक अपराध!
देशभर में ऐसे अपराधों की संख्या तेजी से बढ़ रही है, जहां पैसों और संपत्ति की भूख में रिश्ते तार-तार हो रहे हैं। खासकर उत्तर प्रदेश, बिहार, राजस्थान और मध्य प्रदेश जैसे राज्यों में पारिवारिक संपत्ति विवाद के चलते हत्या के मामले बढ़े हैं।
2023 में भारत में लगभग 3,500 से अधिक ऐसे केस दर्ज हुए, जिनमें पारिवारिक विवाद के कारण हत्या हुई।
कई मामलों में मां-बाप को उनके अपने ही बच्चे मारने की साजिश रचते हैं।
अवैध संबंध भी बड़ी वजह बनते हैं, जैसे कि लीलाधर मामले में हुआ।
कैसे बचें ऐसी वारदातों से?
1⃣ संपत्ति विवाद को समय रहते कानूनी रूप से सुलझाएं।
2⃣ पारिवारिक समस्याओं का समाधान बातचीत और मध्यस्थता से करें।
3⃣ अपने रिश्तों में पारदर्शिता और विश्वास बनाए रखें।
4⃣ बच्चों को नैतिक शिक्षा और परिवार के महत्व के बारे में जागरूक करें।
लालच और रिश्तों की लड़ाई का खतरनाक अंत
बरेली का यह मामला सिर्फ एक हत्या का केस नहीं, बल्कि यह दर्शाता है कि कैसे लालच, संपत्ति और अवैध संबंध परिवार को तोड़ सकते हैं। एक बेटे ने पिता को मरवाने के लिए अपने ही भाइयों से सौदा किया, और एक चप्पल ने पूरी साजिश का पर्दाफाश कर दिया।
ऐसे अपराधों से बचने के लिए जरूरी है कि हम परिवार के भीतर पारदर्शिता बनाए रखें और संपत्ति को विवाद का मुद्दा न बनने दें।