उत्तर प्रदेश के Pilibhit जिले में कबूतरबाजी (फर्जी एजेंटों द्वारा विदेश भेजने के नाम पर ठगी) के मामले लगातार बढ़ रहे हैं। हाल ही में पूरनपुर थाने में आयोजित एक विशेष शिविर में 250 से अधिक पीड़ितों ने अपनी शिकायतें दर्ज कराईं, जिनमें से 88 मामलों में केस दर्ज करने की तैयारी है।
पीड़ितों की दर्दभरी कहानियां दिल दहला देने वाली हैं। इन घटनाओं में एक ऐसा मामला भी सामने आया जिसने सभी को चौंका दिया—रिटायर्ड फौजी मेवा सिंह से 62 लाख रुपये की ठगी!
फौजी से ठगी: बेटे का सपना बना बुरे सपने की हकीकत!
गजरौला थाना क्षेत्र के रहने वाले रिटायर्ड फौजी मेवा सिंह की कहानी बेहद दर्दनाक है। भारतीय सेना से सेवानिवृत्ति के बाद वे एक स्थानीय बैंक में सुरक्षा गार्ड की नौकरी कर रहे थे। उन्होंने अपने दोनों बेटों की अच्छी शिक्षा दिलाई और छोटे बेटे सतविंदर के विदेश जाने के सपने को पूरा करने के लिए एजेंटों के चक्कर में फंस गए।
शातिर एजेंटों ने उन्हें भरोसा दिलाया कि सिर्फ कुछ लाख रुपये में उनका बेटा अमेरिका पहुंच जाएगा। शुरुआत में एजेंटों ने उन्हें टूरिस्ट वीजा की बात कहकर कम खर्च का लालच दिया, लेकिन धीरे-धीरे उनसे कुल 62 लाख रुपये ठग लिए गए।
सपनों को हकीकत में बदलने के चक्कर में मेवा सिंह की जीवनभर की कमाई लुट गई, यहां तक कि अपनी जमीन भी बेचनी पड़ी। लेकिन अंत में, उनका बेटा अमेरिका नहीं पहुंचा बल्कि दुबई भेज दिया गया, जहां वह रोजगार के लिए संघर्ष कर रहा है।
कबूतरबाजों की काली दुनिया: कैसे देते हैं ठगी को अंजाम?
पीलीभीत में कबूतरबाजी का खेल सुनियोजित तरीके से चलता है। ये गैंग उन युवाओं को टारगेट करते हैं, जो विदेश जाने का सपना देखते हैं।
कैसे होती है ठगी?
- लुभावने ऑफर: कम खर्च में वीजा और विदेश में नौकरी का झांसा दिया जाता है।
- फर्जी दस्तावेज: नकली वीजा और कागजात दिखाकर लोगों को विश्वास में लिया जाता है।
- किस्तों में ठगी: शुरुआत में कम पैसे लेकर भरोसा बनाया जाता है, फिर धीरे-धीरे मोटी रकम ऐंठी जाती है।
- गलत लोकेशन भेजना: अमेरिका, कनाडा या यूरोप का सपना दिखाकर दुबई, मलेशिया या थाईलैंड भेज दिया जाता है।
- फरार हो जाते हैं एजेंट: पैसा मिलने के बाद एजेंट गायब हो जाते हैं और पीड़ितों को उनकी ठगी का एहसास तब होता है जब वे विदेश में फंस जाते हैं।
पुलिस की ताबड़तोड़ कार्रवाई, कबूतरबाजों की शामत!
पीलीभीत पुलिस लगातार कबूतरबाजों के खिलाफ कार्रवाई कर रही है। पुलिस अधीक्षक अविनाश पांडे के नेतृत्व में विशेष शिविरों का आयोजन किया जा रहा है, ताकि पीड़ित अपनी शिकायतें दर्ज करवा सकें।
अब तक हुई कार्रवाई:
250 से अधिक शिकायतें दर्ज
88 मामलों में केस दर्ज करने की तैयारी
कई शातिर एजेंट गिरफ्तार
जागरूकता अभियान शुरू
एसपी अविनाश पांडे ने युवाओं से अपील की है कि वे विदेश जाने के लिए सिर्फ अधिकृत और सरकार से मान्यता प्राप्त एजेंटों की मदद लें। यदि कोई व्यक्ति धोखाधड़ी का शिकार हुआ है तो उसे तुरंत पुलिस से संपर्क करना चाहिए।
कबूतरबाजी का नेक्सस: देशभर में सक्रिय हैं ये ठग!
पीलीभीत ही नहीं, बल्कि पूरे उत्तर प्रदेश, पंजाब, हरियाणा और बिहार में कबूतरबाजों का जाल फैला हुआ है। हाल के वर्षों में ऐसे मामलों में भारी बढ़ोतरी हुई है, जहां हजारों युवाओं को विदेश भेजने के नाम पर ठगा गया।
2019-2024 के बीच कबूतरबाजी से जुड़े कुछ बड़े मामले:
पंजाब में 300 करोड़ की ठगी: फर्जी एजेंटों ने युवाओं को कनाडा भेजने के नाम पर करोड़ों रुपये ठग लिए।
दिल्ली में 2000 से ज्यादा फर्जी ट्रैवल एजेंसियां पकड़ी गईं।
यूपी में 5000 से ज्यादा केस रिपोर्ट हुए, लेकिन कई मामलों में पीड़ित अब भी न्याय के लिए भटक रहे हैं।
सरकार और पुलिस प्रशासन लगातार इस अपराध पर लगाम लगाने की कोशिश कर रहे हैं, लेकिन जागरूकता की कमी के कारण लोग अब भी ठगों के जाल में फंस रहे हैं।
कबूतरबाजों से बचने के लिए ये सावधानियां बरतें!
विदेश जाने के लिए सिर्फ गवर्नमेंट अप्रूव्ड एजेंटों की सेवाएं लें।
टूरिस्ट वीजा पर नौकरी के झांसे में न आएं।
बिना जांच-पड़ताल के किसी को पैसे न दें।
सरकारी वेबसाइट पर वेरिफिकेशन करें कि एजेंट रजिस्टर्ड है या नहीं।
अगर ठगी का शिकार हो जाएं तो तुरंत पुलिस और विदेश मंत्रालय को सूचित करें।
कबूतरबाजों की करतूतें कब तक?
पीलीभीत में कबूतरबाजों का आतंक थमने का नाम नहीं ले रहा। हर दिन नए पीड़ित सामने आ रहे हैं, जिनके सपने और भविष्य ठगों की चालाकियों की भेंट चढ़ रहे हैं।
पुलिस की सख्ती और पीड़ितों की जागरूकता ही इस अपराध पर लगाम लगा सकती है। विदेश जाने का सपना देखने वालों को सतर्क रहने की जरूरत है, ताकि उनका सपना किसी ठगी का शिकार न बन जाए।
अगर आप भी विदेश जाने की सोच रहे हैं, तो सतर्क रहें! कबूतरबाजों से बचें और सही रास्ता अपनाएं!