Agra/आगरा में एक दिल दहला देने वाला हादसा सामने आया है। थाना एत्माद्दौला क्षेत्र के नुनिहाई रोड पर एक महिला की उस समय दर्दनाक मौत हो गई जब वह मंदिर में पूजा करने जा रही थी। तेज रफ्तार ट्रक ने उसे पीछे से टक्कर मार दी, जिससे मौके पर ही उसकी मौत हो गई। हादसे के बाद चालक ट्रक छोड़कर फरार हो गया। घटना की सूचना मिलते ही स्थानीय लोग और परिजन घटनास्थल पर इकट्ठा हो गए और हंगामा करने लगे। पुलिस ने मौके पर पहुंचकर लोगों को समझाने की कोशिश की और उचित कार्रवाई का आश्वासन दिया।
पूजा की जगह मातम में बदला घर, परिजनों का बुरा हाल
मृतक की पहचान 45 वर्षीय किरन देवी के रूप में हुई है, जो आगरा के सीतानगर, रामबाग की निवासी थीं। बुधवार सुबह करीब 7 बजे वह अपने घर से प्रकाश नगर स्थित मंदिर में पूजा करने के लिए निकली थीं। लेकिन नियति को कुछ और ही मंजूर था। नुनिहाई रोड पर जैसे ही वह आगे बढ़ीं, एक तेज रफ्तार ट्रक ने उन्हें पीछे से टक्कर मार दी। टक्कर इतनी जबरदस्त थी कि उन्होंने मौके पर ही दम तोड़ दिया।
हादसे की खबर जब घर पहुंची तो कोहराम मच गया। पति बहादुर सिंह और बच्चों का रो-रोकर बुरा हाल है। जिस घर से वह सुबह पूजा के लिए निकली थीं, वहां अब मातम पसरा हुआ है। स्थानीय लोगों ने भी इस हादसे पर आक्रोश जताया और ट्रक चालक की जल्द गिरफ्तारी की मांग की।
गुस्साए लोगों ने किया हंगामा, पुलिस ने दिए कार्रवाई के आश्वासन
हादसे के तुरंत बाद गुस्साए परिजनों और स्थानीय लोगों ने नुनिहाई रोड पर हंगामा शुरू कर दिया। लोगों ने आरोप लगाया कि ट्रक तेज गति से चल रहा था और चालक लापरवाही से गाड़ी चला रहा था। क्षेत्र में पहले भी कई सड़क हादसे हो चुके हैं, लेकिन प्रशासन इस ओर ध्यान नहीं दे रहा है।
सूचना मिलते ही थाना एत्माद्दौला पुलिस मौके पर पहुंची और भीड़ को समझाने की कोशिश की। पुलिस ने परिजनों को न्याय का भरोसा दिया और ट्रक चालक की तलाश शुरू कर दी। शव को पोस्टमार्टम के लिए भेज दिया गया है और आगे की कानूनी प्रक्रिया जारी है।
आगरा में बढ़ते सड़क हादसे, जिम्मेदार कौन?
आगरा में सड़क हादसों की संख्या लगातार बढ़ रही है। हाल ही में हुए कई ऐसे मामले सामने आए हैं जहां लापरवाह ड्राइविंग के कारण निर्दोष लोगों की जान गई है।
पिछले एक महीने में आगरा में हुए प्रमुख सड़क हादसे:
- 5 फरवरी 2025: एक स्कूटी सवार युवती को बस ने टक्कर मार दी, मौके पर मौत।
- 12 फरवरी 2025: तेज रफ्तार कार ने दो बाइक सवारों को टक्कर मार दी, दोनों की मौके पर मौत।
- 18 फरवरी 2025: सड़क पार कर रहे बुजुर्ग को तेज गति से आ रहे ट्रक ने कुचल दिया।
इन घटनाओं से साफ है कि सड़क सुरक्षा को लेकर प्रशासन और ट्रैफिक पुलिस को और अधिक सख्त होने की जरूरत है। लापरवाह वाहन चालकों पर कठोर कार्रवाई किए बिना ऐसे हादसे रुकने वाले नहीं हैं।
स्थानीय लोगों की मांग – सड़क सुरक्षा नियमों को किया जाए कड़ा
घटना के बाद स्थानीय लोगों ने प्रशासन से मांग की कि नुनिहाई रोड और आसपास के इलाकों में ट्रैफिक व्यवस्था को दुरुस्त किया जाए।
लोगों की प्रमुख मांगें:
सड़क पर स्पीड ब्रेकर लगाए जाएं ताकि वाहन धीमी गति से चलें।
ट्रक और भारी वाहनों की नो-एंट्री का समय निर्धारित किया जाए।
ट्रैफिक पुलिस की नियमित पेट्रोलिंग बढ़ाई जाए।
हादसों में शामिल वाहन चालकों पर कड़ी कार्रवाई हो।
स्थानीय नागरिकों का कहना है कि प्रशासन की लापरवाही के कारण सड़कें मौत के जाल में बदल रही हैं।
क्या पुलिस पकड़ेगी आरोपी ट्रक चालक को?
अब सवाल यह उठता है कि क्या पुलिस इस मामले में कोई ठोस कार्रवाई करेगी या फिर यह हादसा भी अन्य मामलों की तरह ठंडे बस्ते में चला जाएगा?
पुलिस का कहना है कि आसपास लगे सीसीटीवी कैमरों की जांच की जा रही है और ट्रक चालक की पहचान के प्रयास किए जा रहे हैं। अगर जल्द ही चालक गिरफ्तार नहीं हुआ तो परिजन और स्थानीय लोग विरोध प्रदर्शन कर सकते हैं।
क्या कहता है कानून? ट्रक चालक पर हो सकती है यह कार्रवाई
भारतीय कानून के अनुसार, किसी भी सड़क हादसे में शामिल दोषी चालक के खिलाफ भारतीय दंड संहिता (IPC) की निम्नलिखित धाराएं लगाई जा सकती हैं:
धारा 279 – लापरवाह और तेज गति से वाहन चलाने पर 6 महीने तक की जेल या जुर्माना।
धारा 304A – लापरवाही से हुई मौत पर 2 साल तक की सजा या जुर्माना, या दोनों।
धारा 338 – गंभीर चोट पहुंचाने पर 2 साल तक की सजा।
अगर पुलिस कड़ी कार्रवाई करती है, तो यह भविष्य में ऐसे हादसों को रोकने के लिए एक मिसाल बन सकता है।
आखिर कब थमेगा सड़क हादसों का कहर?
आगरा जैसे बड़े शहरों में ट्रैफिक की समस्या दिन-ब-दिन गंभीर होती जा रही है। सड़कों पर लापरवाह वाहन चालकों की संख्या बढ़ रही है, जिससे आम नागरिकों की जान खतरे में पड़ रही है। किरन देवी की मौत केवल एक घटना नहीं है, बल्कि यह पूरे ट्रैफिक सिस्टम की खामियों को उजागर करती है।
क्या प्रशासन अब जागेगा? क्या लापरवाह ड्राइवरों पर सख्ती होगी? क्या पीड़ित परिवार को न्याय मिलेगा? ये सवाल अब भी बने हुए हैं। लेकिन एक बात तय है – जब तक सड़क सुरक्षा नियमों को गंभीरता से लागू नहीं किया जाएगा, तब तक ऐसे हादसे रुकने वाले नहीं हैं।
आपका क्या कहना है? क्या प्रशासन को और सख्ती करनी चाहिए? अपने विचार हमें कमेंट सेक्शन में बताएं!