Kumbh Mela 2025 प्रयागराज में महाकुंभ 2025 का आयोजन धार्मिक आस्था का सबसे बड़ा संगम माना जाता है, लेकिन इस बार का कुंभ कई गंभीर सवालों के घेरे में आ चुका है। समाजवादी पार्टी के अध्यक्ष अखिलेश यादव ने महाकुंभ की व्यवस्थाओं पर सवाल उठाते हुए भाजपा सरकार पर तीखा हमला बोला। उन्होंने कहा कि “महाकुंभ में नारी के सम्मान की रक्षा करने में भाजपा सरकार पूरी तरह विफल रही है।”
महिलाओं की सुरक्षा का दावा करने वाली सरकार उस समय कटघरे में आ गई जब महिलाओं के स्नान करते हुए आपत्तिजनक तस्वीरें खींचकर ऑनलाइन बेचे जाने की खबरें सामने आईं। इस घटना ने श्रद्धालुओं में भारी आक्रोश भर दिया है। अखिलेश ने उत्तर प्रदेश सरकार, राष्ट्रीय महिला आयोग और प्रशासन से तुरंत सख्त कार्रवाई की मांग की।
महाकुंभ में अव्यवस्था चरम पर, लापता लोगों की संख्या बढ़ी
महाकुंभ 2025 में अव्यवस्था और प्रशासनिक लापरवाही के कई गंभीर मामले सामने आए हैं। अखिलेश यादव ने दावा किया कि इस बार के महाकुंभ में सबसे ज्यादा लोग लापता हुए हैं, सबसे अधिक मौतें हुई हैं और स्नान के बाद बड़ी संख्या में लोग बीमार हो रहे हैं।
उन्होंने मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ के उस बयान पर तंज कसा, जिसमें उन्होंने कहा था कि “100 करोड़ लोगों के लिए व्यवस्था की गई है।” अखिलेश ने कहा कि “जब सरकार इतने बड़े स्तर पर तैयारियों का दावा कर रही थी, तब लोग आश्वस्त थे, लेकिन ज़मीनी हकीकत कुछ और ही बयां कर रही है।”
श्रद्धालुओं का आरोप है कि स्वच्छता और चिकित्सा सुविधाओं की कमी के कारण कई लोगों की जान चली गई। वहीं, गंगा का जल इतना प्रदूषित हो गया है कि स्नान करने वाले हजारों लोग बीमार हो गए। राष्ट्रीय प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड की रिपोर्ट भी इस बात की पुष्टि करती है कि गंगा में गिर रहे नालों और गंदगी की वजह से जल की गुणवत्ता बेहद खराब हो चुकी है।
महाकुंभ बना “मृत्युकुंभ”? ममता बनर्जी की टिप्पणी पर अखिलेश का समर्थन
पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी ने इस बार के महाकुंभ को “मृत्युकुंभ” करार दिया था। इस पर अखिलेश यादव ने उनका समर्थन किया और कहा, “ममता बनर्जी जो कह रही हैं, वो सही है। बंगाल समेत कई राज्यों के श्रद्धालुओं की जान गई है और सरकार इस पर चुप है।”
उन्होंने कहा कि “सबसे बड़ी चिंता की बात यह है कि इन मौतों पर FIR तक दर्ज नहीं हो रही है। श्रद्धालुओं के परिवारवालों को कोई जवाब नहीं दिया जा रहा।”
महाकुंभ में महाघोटाला? अखिलेश का बड़ा आरोप!
अखिलेश यादव ने भाजपा सरकार पर महाकुंभ के नाम पर बड़े पैमाने पर घोटाले का आरोप लगाया। उन्होंने कहा कि “यह वही लोग हैं जो आस्था के नाम पर महाघपला कर रहे हैं।” उन्होंने यह भी दावा किया कि “सरकार ने करोड़ों रुपये महाकुंभ में लगाए जाने की बात कही थी, लेकिन हकीकत में सुविधाओं की हालत बदतर है।”
उन्होंने मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ पर तंज कसते हुए कहा, “जब आदमी का संतुलन बिगड़ता है तो उसकी जुबान भी बिगड़ जाती है।”
श्रद्धालुओं की आवाज दबाने की कोशिश! मीडिया पर भी दबाव?
सूत्रों के मुताबिक, महाकुंभ से जुड़ी नकारात्मक खबरों को दबाने की कोशिश की जा रही है। कई पत्रकारों ने बताया कि प्रशासन खबरें छापने से रोकने के लिए मीडिया पर दबाव बना रहा है।
साथ ही, स्थानीय लोगों का कहना है कि सरकार का पूरा ध्यान केवल ब्रांडिंग और विज्ञापन पर है, जबकि ज़मीनी हकीकत कुछ और ही बयां कर रही है।
महाकुंभ 2025 बना सरकार के लिए चुनौती! आगे क्या?
भले ही सरकार महाकुंभ को सफल बताने की कोशिश कर रही हो, लेकिन अव्यवस्थाओं, श्रद्धालुओं की मौत, महिलाओं की सुरक्षा और गंगा जल की गुणवत्ता पर सवाल लगातार खड़े हो रहे हैं।
अब देखने वाली बात यह होगी कि क्या प्रशासन इस पर कोई ठोस कार्रवाई करेगा या यह मुद्दा भी राजनीतिक बयानबाजियों तक ही सीमित रह जाएगा?
क्या महाकुंभ में श्रद्धालुओं की सुरक्षा को लेकर सरकार गंभीर है? आपके विचार हमें कमेंट में बताएं!