कानपुर: पान मसाला और इत्र के कारोबार की आड़ में अरबों की कर चोरी का पर्दाफाश हुआ है। कानपुर स्थित SNK Pan Masala Group के मालिकों के ठिकानों पर आयकर विभाग की छापेमारी लगातार पांच दिनों से जारी है। अब तक 500 करोड़ से अधिक की संपत्तियों के दस्तावेज अफसरों के हाथ लगे हैं। इसके अलावा, कन्नौज के इत्र कारोबारी पंडित चंद्रवली एंड संस से 100-150 करोड़ की टैक्स चोरी का खुलासा हुआ है।
सूत्रों के मुताबिक, SNK Pan Masala Group ने फर्जी कंपनियों और लिमिटेड लायबिलिटी पार्टनरशिप (LLP) के जरिए बड़े पैमाने पर लेन-देन किया। यह अब तक कानपुर में हुई सबसे बड़ी टैक्स चोरी मानी जा रही है। अफसरों ने छापेमारी के दौरान 35 करोड़ रुपये की नकदी और सोने-चांदी के गहने जब्त किए हैं।
एसएनके ग्रुप: तंबाकू से टैक्स चोरी तक
एसएनके पान मसाला ग्रुप, जो देशभर में अपने ब्रांडेड तंबाकू और पान मसाले के लिए मशहूर है, अब टैक्स चोरी और काले धन को सफेद करने के आरोपों में घिर चुका है। आयकर विभाग की टीमों ने दिल्ली, मुंबई, बेंगलुरु, गोवा, दमन और दीव समेत कई शहरों में दबिश दी है।
कार्रवाई का मुख्य केंद्र:
- स्वरूप नगर, कानपुर: एसएनके ग्रुप के मालिक नवीन कुरेले और प्रवीण कुरेले के आवास
- पनकी, कानपुर: समूह की तीन फैक्ट्रियां
- कन्नौज: इत्र कारोबारी पंडित चंद्रवली एंड संस के ठिकाने
- झांसी, बरेली, ललितपुर: पान मसाला ग्रुप से जुड़े अन्य सप्लायर और वितरक
छापेमारी के दौरान देश के 51 से ज्यादा ठिकानों पर कार्रवाई की गई, लेकिन अब मुख्य जांच एसएनके ग्रुप और उनके करीबी इत्र कारोबारियों तक सीमित कर दी गई है।
कैसे चल रहा था टैक्स चोरी का खेल?
आयकर विभाग की शुरुआती जांच में यह खुलासा हुआ कि एसएनके ग्रुप और उनके सहयोगी कारोबारियों ने बोगस कंपनियों के माध्यम से करोड़ों रुपये का हेरफेर किया।
- पान मसाले और इत्र के व्यापार में बड़ी मात्रा में नकद लेन-देन होता था, जिससे टैक्स की चोरी करना आसान था।
- इन कंपनियों ने अपने असली मुनाफे को छिपाकर नकली खर्चों का दिखावा किया।
- अवैध कमाई को रियल एस्टेट और अन्य निवेशों में लगाया गया, जिससे टैक्स अधिकारियों की नजरों से बचा जा सके।
- कर चोरी के लिए शेल कंपनियों (बोगस फर्मों) और एलएलपी कंपनियों का इस्तेमाल किया गया।
- कानपुर और अन्य शहरों में बेहिसाब संपत्तियां खरीदी गईं, जिनकी जांच अब बेनामी संपत्ति प्रकोष्ठ भी करेगा।
35 करोड़ की नकदी और गहने बरामद, 500 करोड़ से ज्यादा की संपत्तियां जांच के घेरे में
अब तक की जांच में आयकर विभाग को 500 करोड़ रुपये से अधिक की संपत्तियों के दस्तावेज मिले हैं। इनमें कई महंगी प्रॉपर्टीज, फर्जी कंपनियों में किए गए निवेश और हवाला ट्रांजैक्शन के प्रमाण शामिल हैं।
सूत्रों के अनुसार, मात्र 5 दिनों में 35 करोड़ रुपये की नकदी और सोने-चांदी के गहने जब्त किए गए हैं। संभावना है कि इस रकम का एक बड़ा हिस्सा हवाला और अवैध संपत्तियों में निवेश किया गया हो।
क्या एसएनके ग्रुप के बड़े नाम भी आएंगे जांच के घेरे में?
अब सवाल यह उठता है कि आयकर विभाग की जांच केवल मालिकों तक सीमित रहेगी, या बड़े नाम भी फंस सकते हैं?
- नवीन कुरेले और प्रवीण कुरेले के अलावा, कई बड़े सप्लायर और वितरकों के नाम सामने आ रहे हैं।
- कानपुर और कन्नौज में प्रभावशाली व्यापारियों की संलिप्तता की भी जांच हो रही है।
- विभाग बेनामी संपत्तियों और हवाला नेटवर्क की गहराई से छानबीन कर रहा है।
अगर जांच और आगे बढ़ती है, तो यह केस भारत में टैक्स चोरी के सबसे बड़े मामलों में से एक साबित हो सकता है।
एसएनके ग्रुप और पंडित चंद्रवली एंड संस के बीच कनेक्शन
इस जांच में एसएनके ग्रुप के साथ-साथ कन्नौज स्थित पंडित चंद्रवली एंड संस भी घेरे में आ गया है।
- छापेमारी में 100-150 करोड़ की टैक्स चोरी का खुलासा हुआ।
- जांच में पाया गया कि दोनों कंपनियां एक-दूसरे के कारोबार से जुड़े हुए थे और कैश ट्रांजैक्शन से काले धन को सफेद किया जाता था।
- इत्र के कारोबार के जरिए बड़ी मात्रा में हवाला ट्रांजैक्शन किए गए।
- नकद में किए गए लेन-देन को रियल एस्टेट, गोल्ड और अन्य निवेशों में बदला गया।
यह गठजोड़ दिखाता है कि पान मसाले और इत्र उद्योगों में बड़े स्तर पर काले धन का खेल चल रहा था।
क्या होगी आगे की कार्रवाई?
अब तक की जांच से यह साफ हो गया है कि एसएनके पान मसाला ग्रुप और उनके सहयोगियों ने करोड़ों की कर चोरी की है।
- आयकर विभाग ने सभी जब्त दस्तावेजों और संपत्तियों की जांच तेज कर दी है।
- बेनामी संपत्तियों को ट्रैक किया जाएगा और उनके मालिकों के खिलाफ भी कार्रवाई की जाएगी।
- हवाला नेटवर्क और अन्य कनेक्शनों की गहराई से जांच की जाएगी।
- इस केस में आगे ईडी (प्रवर्तन निदेशालय) भी जुड़ सकता है, क्योंकि मामला मनी लॉन्ड्रिंग से जुड़ा हुआ लगता है।
अगर यह साबित हो जाता है कि एसएनके ग्रुप और उसके सहयोगियों ने अवैध तरीकों से पैसा कमाया और टैक्स चोरी की, तो बड़ी कानूनी कार्रवाई हो सकती है।
क्या टैक्स चोरी का यह खेल और बड़े नामों तक पहुंचेगा?
यह मामला सिर्फ कानपुर या कन्नौज तक सीमित नहीं है। टैक्स चोरी के ऐसे मामलों से संकेत मिलता है कि भारत में पान मसाला, तंबाकू और इत्र उद्योग में बड़े पैमाने पर टैक्स चोरी हो रही है।
अब सवाल यह उठता है कि क्या सरकार सिर्फ इस ग्रुप तक सीमित रहेगी, या पूरे उद्योग की जांच होगी?
यह देखना दिलचस्प होगा कि यह केस आगे कितना बड़ा होता है और क्या यह भारत में टैक्स चोरी पर लगाम लगाने में मदद करेगा।
अस्वीकरण (Disclaimer):
इस समाचार की जानकारी विभिन्न सोशल मीडिया स्रोतों, स्थानीय रिपोर्टों और जन सामान्य की चर्चाओं पर आधारित है। प्रस्तुत की गई जानकारी को पूर्णतः सत्यापित करने के लिए संबंधित अधिकारियों की आधिकारिक पुष्टि आवश्यक हो सकती है। हमारा उद्देश्य किसी भी व्यक्ति, संस्था या संगठन की छवि को ठेस पहुँचाना नहीं है, बल्कि पाठकों को सूचित करना मात्र है। यदि किसी तथ्य में संशोधन की आवश्यकता हो या कोई अतिरिक्त जानकारी उपलब्ध हो, तो कृपया आधिकारिक स्रोतों से पुष्टि करें।