Manpuri के कस्बा घिरोर में एक युवक के खाते से उड़ाए गए 9.17 लाख रुपये को पुलिस ने महज कुछ दिनों में वापस कराकर बड़ा कारनामा किया है। ऑनलाइन ठगी का यह मामला साइबर थाना पुलिस के लिए एक बड़ी चुनौती था, लेकिन उनकी मुस्तैदी और त्वरित कार्रवाई के चलते पीड़ित को उसका पूरा पैसा वापस मिल गया। इस घटना ने न केवल जिले में बल्कि पूरे प्रदेश में साइबर क्राइम के बढ़ते मामलों को लेकर नई बहस छेड़ दी है।
कैसे हुई ठगी? फोन कॉल से शुरू हुआ खेल
कस्बा घिरोर निवासी हर्ष कुमार के पास कुछ दिन पहले एक अज्ञात व्यक्ति का फोन आया। उसने बेहद चालाकी से बैंक खाते की जानकारी हासिल करने की कोशिश की। कभी खुद को बैंक अधिकारी बताकर, तो कभी केवाईसी अपडेट करने के बहाने वह हर्ष से डिटेल मांगता रहा।
शातिर ठग ने इतनी सफाई से हर्ष को झांसे में लिया कि उसे इस बात का अहसास ही नहीं हुआ कि वह धोखाधड़ी का शिकार हो चुका है। एक छोटी सी गलती भारी पड़ी और उसके खाते से 9.17 लाख रुपये निकाल लिए गए। जब तक हर्ष को इस बात की जानकारी हुई, तब तक काफी देर हो चुकी थी।
फ़ौरन की गई शिकायत, 1930 हेल्पलाइन ने निभाई अहम भूमिका
घबराए हुए हर्ष ने तुरंत साइबर क्राइम हेल्पलाइन नंबर 1930 पर कॉल करके शिकायत दर्ज कराई। इसके बाद उन्होंने एसपी मैनपुरी को भी प्रार्थना पत्र देकर न्याय की गुहार लगाई।
एसपी के निर्देश पर साइबर थाना की टीम हरकत में आई और मामले की जांच शुरू की। साइबर सेल के एसआई अमित सिंह, महिपाल भदौरिया, जोगेंद्र चौधरी, और मनोज कुमार ने मिलकर इस ठगी के पैसे को ट्रैक करना शुरू किया। उन्होंने बैंक से संपर्क कर खाते की ट्रांजैक्शन डिटेल निकाली और तुरंत आवश्यक कदम उठाए।
कैसे वापस आया 9.17 लाख रुपये का पूरा पैसा?
पुलिस टीम ने बेहद तेज़ी से कार्रवाई करते हुए बैंक अधिकारियों की मदद से उस खाते को ट्रेस किया, जिसमें पैसे ट्रांसफर किए गए थे। सौभाग्य से, पैसे अभी भी उस खाते में मौजूद थे और साइबर सेल की मुस्तैदी के चलते उसे फ्रीज करा दिया गया।
कुछ औपचारिकताएं पूरी करने के बाद, पुलिस ने हर्ष कुमार के खाते में पूरा 9.17 लाख रुपये वापस ट्रांसफर करवा दिया। जैसे ही बैंक से पैसे वापस मिलने का मैसेज हर्ष के फोन पर आया, उसकी खुशी का ठिकाना नहीं रहा।
ऑनलाइन ठगी के बढ़ते मामले – सावधान रहें!
हाल के वर्षों में ऑनलाइन ठगी के मामले तेजी से बढ़े हैं। साइबर अपराधी हर दिन नए-नए तरीकों से लोगों को ठग रहे हैं। कभी बैंक अधिकारी बनकर, कभी लॉटरी का लालच देकर, तो कभी नौकरी के नाम पर लोगों को झांसे में लिया जाता है।
कैसे बचें ऑनलाइन ठगी से?
- किसी अनजान कॉलर को बैंक डिटेल या ओटीपी न बताएं।
- अज्ञात लिंक पर क्लिक करने से बचें।
- सिर्फ आधिकारिक वेबसाइट और एप्लिकेशन का ही उपयोग करें।
- संदिग्ध फोन कॉल या मैसेज को तुरंत रिपोर्ट करें।
- साइबर क्राइम हेल्पलाइन 1930 पर फ़ौरन शिकायत करें।
- बैंक और ई-वॉलेट से संबंधित गतिविधियों पर नजर रखें।
साइबर क्राइम के खिलाफ पुलिस की बड़ी सफलता!
मैनपुरी पुलिस और साइबर सेल की इस तेज़ कार्रवाई ने एक बार फिर साबित कर दिया कि अगर समय पर सही कदम उठाए जाएं, तो ऑनलाइन ठगी से पैसे वापस पाना संभव है। हर्ष कुमार जैसे कई पीड़ितों के लिए यह मामला उम्मीद की किरण बन सकता है।
इस मामले के बाद पुलिस ने नागरिकों से अपील की है कि वे किसी भी अनजान कॉल, मैसेज या लिंक से सावधान रहें और तुरंत 1930 हेल्पलाइन पर शिकायत दर्ज कराएं।
क्या कहना है साइबर एक्सपर्ट का?
साइबर अपराध विशेषज्ञों का कहना है कि ठगों के पास अब AI और डिजिटल टूल्स का इस्तेमाल करने की क्षमता है, जिससे वे बड़ी चालाकी से लोगों को फंसाते हैं। कई मामलों में, ठगी के पैसे को कई खातों में ट्रांसफर कर दिया जाता है, जिससे उन्हें ट्रैक करना मुश्किल हो जाता है।
लेकिन अगर पीड़ित तेजी से 1930 या साइबर क्राइम पोर्टल पर शिकायत करता है, तो बैंक और पुलिस मिलकर पैसे को फ्रीज कर सकते हैं।
क्या आपके साथ भी हुई है ऑनलाइन ठगी? ऐसे करें शिकायत
अगर आपके साथ भी साइबर ठगी हुई है, तो घबराने की जरूरत नहीं है। आप इन तरीकों से तुरंत मदद ले सकते हैं:
साइबर क्राइम हेल्पलाइन: 1930
साइबर क्राइम पोर्टल: www.cybercrime.gov.in
नजदीकी पुलिस स्टेशन पर जाकर भी शिकायत दर्ज कर सकते हैं।
मैनपुरी पुलिस की मुस्तैदी से बची लाखों की रकम!
इस घटना से साफ है कि अगर पीड़ित सतर्क रहे और पुलिस को तुरंत सूचना दे, तो साइबर ठगी से बचा जा सकता है। मैनपुरी पुलिस की यह कार्रवाई एक मिसाल बन चुकी है कि कैसे सही वक्त पर कदम उठाने से जनता को न्याय दिलाया जा सकता है।
अब सवाल यह है – क्या आप भी साइबर अपराध से सतर्क हैं? अपने दोस्तों और परिवार को सतर्क करें और किसी भी संदिग्ध गतिविधि की जानकारी तुरंत पुलिस को दें!