Kanpur police में बड़ा घोटाला सामने आया है। शहर की कानून व्यवस्था संभालने वाली पुलिस के 25 कर्मी खुद ही अपराधों के जाल में फंस गए हैं। दुष्कर्म, जालसाजी, धमकी और वसूली जैसे गंभीर आरोपों से घिरे इन पुलिसकर्मियों के खिलाफ विभागीय जांच शुरू हो चुकी है। पुलिस कमिश्नर ने सख्त रुख अपनाते हुए एसीपी से लेकर डीसीपी स्तर के अधिकारियों को इन मामलों की गहन जांच सौंप दी है। जांच रिपोर्ट आने के बाद ज्वाइंट सीपी इन आरोपियों के खिलाफ अगली कार्रवाई करेंगे।
खाकी वर्दी पर लगे काले धब्बे!
पुलिस रिकॉर्ड के अनुसार, 1 जनवरी 2023 से 31 दिसंबर 2023 के बीच इन 25 पुलिसकर्मियों के खिलाफ गंभीर आरोप सामने आए। इन मामलों में दुष्कर्म, जालसाजी, धमकी और वसूली जैसे अपराध शामिल हैं। इतना ही नहीं, कई आरोपियों पर आम जनता को झूठे मामलों में फंसाने और पैसों की उगाही करने के भी आरोप हैं। इन सभी के खिलाफ एफआईआर दर्ज कराई गई, जिसके बाद विभागीय जांच शुरू कर दी गई है।
इन अधिकारियों पर गिरी गाज!
जांच के दायरे में आने वाले 25 पुलिसकर्मियों में 11 दरोगा, 5 हेड कांस्टेबल और 9 कांस्टेबल शामिल हैं। ये सभी शहर के विभिन्न थाना क्षेत्रों और पुलिस कार्यालयों में तैनात थे। सूत्रों के अनुसार, कुछ आरोपी पुलिसकर्मी पहले भी विवादों में रह चुके हैं, लेकिन राजनीतिक दबाव और विभागीय ढील के कारण इन पर कोई कड़ी कार्रवाई नहीं हो पाई थी।
दुष्कर्म के मामले में भी फंसे पुलिसकर्मी!
सबसे चौंकाने वाली बात यह है कि इन 25 पुलिसकर्मियों में कुछ पर दुष्कर्म के आरोप भी लगे हैं। कानपुर की एक महिला ने आरोप लगाया था कि एक पुलिस अधिकारी ने उसे झूठे केस से बचाने के नाम पर शारीरिक संबंध बनाने के लिए मजबूर किया। महिला की शिकायत पर मामला दर्ज कर लिया गया और आरोपी पुलिसकर्मी के खिलाफ जांच शुरू हो गई।
एक अन्य मामले में, एक महिला ने पुलिसकर्मियों पर ब्लैकमेलिंग का आरोप लगाया है। उसका कहना है कि पुलिसवालों ने पहले उसे मदद का भरोसा दिया और फिर निजी तस्वीरों के आधार पर उसे धमकाने लगे।
जालसाजी और वसूली के मामले भी सामने आए
इतना ही नहीं, इन पुलिसकर्मियों पर जालसाजी और वसूली के भी गंभीर आरोप हैं। कई व्यापारियों और स्थानीय नागरिकों ने पुलिसकर्मियों द्वारा अवैध उगाही की शिकायत दर्ज कराई थी। रिपोर्ट्स के मुताबिक, कुछ पुलिसकर्मी व्यापारियों को झूठे केस में फंसाने की धमकी देकर उनसे मोटी रकम वसूल रहे थे।
एक अन्य मामले में, एक पुलिस अधिकारी ने कथित तौर पर एक जमीन विवाद में पैसे लेकर एक पक्ष का समर्थन किया और फर्जी दस्तावेज तैयार करवाने में मदद की।
विभागीय जांच से मचा हड़कंप!
इस मामले में विभागीय जांच शुरू होते ही पुलिस महकमे में हड़कंप मच गया है। पुलिस कमिश्नर ने स्पष्ट कर दिया है कि किसी भी दोषी को बख्शा नहीं जाएगा। कानपुर के कानून व्यवस्था की छवि को सुधारने के लिए यह जांच बेहद महत्वपूर्ण मानी जा रही है।
पुलिस महकमे में मची खलबली, अधिकारी सतर्क!
इस मामले के उजागर होते ही पूरे पुलिस महकमे में हलचल मच गई है। विभाग के वरिष्ठ अधिकारियों ने सभी थाना प्रभारियों को सतर्क रहने और अपनी कार्यशैली में सुधार लाने की चेतावनी दी है।
सूत्रों की मानें तो इस जांच के कारण कई अन्य पुराने मामले भी दोबारा खोले जा सकते हैं। विभागीय सूत्रों के मुताबिक, यह पहला मौका नहीं है जब कानपुर पुलिस के किसी कर्मचारी पर ऐसे गंभीर आरोप लगे हैं। पहले भी कुछ मामलों को दबाने की कोशिश की गई थी, लेकिन इस बार सख्ती बरती जा रही है।
जनता में आक्रोश, न्याय की मांग
कानपुर की जनता इस घटना से बेहद नाराज है। कई सामाजिक संगठनों ने दोषी पुलिसकर्मियों के खिलाफ सख्त कार्रवाई की मांग की है। नागरिकों का कहना है कि अगर वे खुद पुलिस से सुरक्षित नहीं हैं, तो फिर कानून व्यवस्था का क्या मतलब रह जाता है?
क्या होगी अगली कार्रवाई?
अब सभी की नजरें जांच रिपोर्ट पर टिकी हैं। रिपोर्ट आने के बाद ज्वाइंट सीपी तय करेंगे कि किन पुलिसकर्मियों को निलंबित किया जाएगा और किनके खिलाफ कानूनी कार्रवाई होगी।
इस पूरे मामले से कानपुर पुलिस की साख पर बड़ा सवाल खड़ा हो गया है। अब देखना होगा कि क्या दोषियों को कड़ी सजा मिलती है या फिर यह मामला भी अन्य मामलों की तरह ठंडे बस्ते में चला जाएगा!
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