UP में अपराधियों की धरपकड़ जारी है, और इसी कड़ी में पुलिस ने एक बड़ी सफलता हासिल की है। ठगी के खेल में माहिर एक गिरोह को पुलिस और एसओजी की संयुक्त टीम ने मुठभेड़ के बाद धर दबोचा। यह गिरोह बेहद शातिर तरीके से लोगों को अपने जाल में फंसाकर लाखों रुपये ठग चुका था। जब पुलिस ने इन्हें घेरने की कोशिश की, तो बदमाशों ने बचने के लिए गोलियां चलाईं। लेकिन इस बार किस्मत ने इनका साथ नहीं दिया—पुलिस की जवाबी कार्रवाई में तीन ठगों के पैर में गोली लग गई, जबकि एक को मौके पर ही गिरफ्तार कर लिया गया।
कैसे हुआ खुलासा? ब्रजवासी मिष्ठान विक्रेता के नौकर से हुई ठगी से खुली पोल
शहर में मिठाइयों के लिए मशहूर ब्रजवासी मिष्ठान भंडार का एक कर्मचारी इस गिरोह का शिकार बना था। बदमाशों ने खुद को नगर निगम का अधिकारी बताते हुए उससे ₹1.87 लाख ठग लिए थे। ठगी के इस मामले के खुलासे के बाद पुलिस हरकत में आई और साइबर सेल की मदद से बदमाशों की लोकेशन ट्रेस की गई। जब पुलिस और एसओजी की टीम इन तक पहुंची, तो अपराधियों ने खुद को बचाने के लिए हथियारों का सहारा लिया, लेकिन पुलिस की मुस्तैदी ने इन्हें ज्यादा देर तक भागने का मौका नहीं दिया।
“नगर निगम से गुप्ता जी बोल रहे हैं…” ऐसे करते थे ठगी
इस गिरोह का ठगी करने का तरीका भी बेहद शातिराना था। ये ठग खुद को नगर निगम का अधिकारी बताते और फोन पर बड़े ही आत्मविश्वास से बात करते। “नगर निगम से गुप्ता जी बोल रहे हैं…” यही वाक्य उनकी ठगी का सबसे बड़ा हथियार था। ये पहले लोगों को सरकारी कामों में छूट दिलाने, लाइसेंस जारी करने या अन्य लाभ देने का लालच देते, फिर धीरे-धीरे अपने जाल में फंसाकर रकम ऐंठ लेते। कई बार ये बैंकों के अधिकारियों का भी रूप धारण कर लोगों को चूना लगा चुके थे।
गिरफ्तारी के दौरान गोलियों की गूंज से दहला इलाका
पुलिस और एसओजी की टीम जैसे ही बदमाशों के ठिकाने पर पहुंची, ठगों ने खुद को घिरा देख फायरिंग शुरू कर दी। पुलिस ने भी आत्मरक्षा में गोलियां चलाईं, जिससे तीन बदमाश घायल हो गए। मौके से चार ठग पकड़े गए, जिनमें से तीन को अस्पताल में भर्ती करवाया गया है। इनके पास से 1.70 लाख रुपये नकद, एक देसी तमंचा और भारी मात्रा में कारतूस बरामद हुए हैं।
शहर में पहले भी कर चुके हैं कई वारदातें
पुलिस के अनुसार, यह गिरोह लंबे समय से ठगी की घटनाओं को अंजाम दे रहा था। खासतौर पर ये उन दुकानदारों और व्यापारियों को निशाना बनाते थे जो कैश में लेनदेन करते हैं। कई मामलों में इन्होंने सरकारी अफसर बनकर लोगों को ठगा तो कई बार बैंक अधिकारियों के रूप में फोन कर ओटीपी पूछकर लाखों रुपये उड़ा दिए।
कौन हैं ये ठग? पुलिस जांच में बड़े खुलासे
गिरफ्तार बदमाशों की पहचान हो चुकी है, और इनका आपराधिक रिकॉर्ड भी खंगाला जा रहा है। पुलिस को शक है कि इनके साथ और भी लोग जुड़े हो सकते हैं। जल्द ही इनके नेटवर्क के अन्य सदस्यों को भी गिरफ्तार किया जाएगा।
क्या बोले अधिकारी?
पुलिस अधिकारियों का कहना है कि अपराधियों पर नकेल कसने के लिए लगातार कार्रवाई की जा रही है। ठगी करने वालों के खिलाफ कड़ी कार्रवाई होगी ताकि कोई और इस तरह का अपराध करने की हिम्मत न करे।
क्या सावधानी बरतें?
- अनजान नंबर से आने वाली कॉल्स में कोई भी निजी जानकारी साझा न करें।
- सरकारी अधिकारी बनकर अगर कोई फोन करे, तो पहले सत्यापन करें।
- किसी भी बैंक से संबंधित जानकारी केवल आधिकारिक चैनलों के माध्यम से ही प्राप्त करें।
- ठगी का शिकार होने पर तुरंत पुलिस को सूचित करें।
इस मुठभेड़ ने यह साबित कर दिया कि अपराधियों की अब खैर नहीं। पुलिस प्रशासन लगातार सक्रिय है और ठगों को पकड़ने के लिए नई-नई तकनीकों का इस्तेमाल कर रहा है। ब्रजवासी मिष्ठान के कर्मचारी के मामले से लेकर अन्य ठगी की घटनाओं तक, यह स्पष्ट है कि ऐसे गिरोह लोगों को आसानी से अपना शिकार बना रहे हैं। लेकिन अब पुलिस के शिकंजे में आ चुके इन बदमाशों का खेल खत्म हो चुका है। आने वाले दिनों में इस मामले में और भी बड़े खुलासे हो सकते हैं।