Bareilly में एक गंभीर और दिल दहला देने वाली घटना सामने आई है, जहाँ एक किशोरी ने अपने प्रेमी के धोखे के कारण ट्रेन के सामने कूदकर आत्महत्या कर ली। 16 वर्षीय लड़की के आत्महत्या करने के बाद, अब पुलिस मामले की गहराई से जांच कर रही है और उसके प्रेमी खेमकरन पर आरोप लगाए जा चुके हैं। पुलिस ने अब लड़की के भ्रूण का डीएनए सैंपल लेकर जांच के लिए भेजने का निर्णय लिया है, ताकि आरोपी के खिलाफ ठोस सबूत जुटाए जा सकें। यदि सैंपल का मिलान आरोपी के डीएनए से हुआ तो उसे कड़ी सजा दिलाने का रास्ता खुल जाएगा।
यह मामला बरेली के थाना हाफिजगंज के सेंथल चौकी क्षेत्र के एक गांव का है, जहाँ 16 वर्षीय किशोरी ने खुद को ट्रेन से कटकर जान दे दी। किशोरी के दादा ने पुलिस से शिकायत की थी कि उनकी पोती को गांव के ही एक युवक खेमकरन ने फुसलाकर अपनी प्रेम जाल में फंसाया और उसे शादी का झांसा देकर शारीरिक संबंध बनाने के लिए मजबूर किया। इसके परिणामस्वरूप किशोरी गर्भवती हो गई। जब किशोरी ने खेमकरन से शादी की बात की, तो उसने उसे साफ-साफ मना कर दिया और यह तक कह दिया कि अगर वह गर्भवती है, तो यह बच्चा उसका नहीं है और वह ट्रेन के सामने कूदकर जान दे सकती है।
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प्रेमी की बेशर्मी और किशोरी की हताशा:
किशोरी ने जब अपने गर्भवती होने की जानकारी खेमकरन को दी और शादी की मांग की, तो खेमकरन ने उसे पूरी तरह से नकार दिया। इस मानसिक और भावनात्मक दबाव के कारण किशोरी ने अंततः आत्महत्या का कदम उठाया। यह घटना न सिर्फ एक दुखद मामला है, बल्कि एक गंभीर अपराध भी है, जहाँ एक युवक ने अपनी मर्जी से किशोरी का शारीरिक शोषण किया और फिर उसे जान से मारने के लिए उकसाया।
पुलिस का एक्शन और डीएनए जांच:
इस मामले की जांच शुरू होने के बाद, पुलिस ने किशोरी के शव का पोस्टमॉर्टम करवाया, जिसमें यह तथ्य सामने आया कि किशोरी लगभग छह महीने की गर्भवती थी। पुलिस ने किशोरी के दादा की शिकायत पर मामला दर्ज किया और आरोपी खेमकरन के खिलाफ सख्त कार्रवाई शुरू कर दी।
अब पुलिस ने किशोरी के भ्रूण का डीएनए सैंपल लेकर जांच के लिए भेजने का निर्णय लिया है। साथ ही, आरोपी खेमकरन से भी डीएनए सैंपल लिया जाएगा ताकि यह सुनिश्चित किया जा सके कि बच्चा उसी का है या नहीं। अगर डीएनए सैंपल मैच होता है, तो यह आरोपी के खिलाफ मजबूत सबूत होगा और उसे सजा दिलाने में मदद करेगा।
दादा की कड़ी मेहनत और एसएसपी का हस्तक्षेप:
किशोरी के दादा ने पुलिस के खिलाफ भी आवाज उठाई थी, क्योंकि जब उन्होंने पहले पुलिस से शिकायत की थी तो उनकी रिपोर्ट दर्ज नहीं की गई थी। इसके बाद उन्होंने बरेली के एसएसपी अनुराग आर्य से शिकायत की, जिसके बाद एसएसपी ने मामले में तुरंत हस्तक्षेप किया और रिपोर्ट दर्ज करने का आदेश दिया। इसके बाद सोमवार को पुलिस ने मामले की रिपोर्ट दर्ज की और जांच की प्रक्रिया को आगे बढ़ाया।
एक बड़े सवाल का जवाब: क्या इस घटना को रोका जा सकता था?
इस घटना ने समाज में एक बड़ा सवाल खड़ा किया है, कि क्या हम किशोरियों और महिलाओं को अपनी सुरक्षा के प्रति जागरूक करने में विफल हो रहे हैं? क्या हमारे समाज में कुछ ऐसे मानसिकता वाले लोग हैं, जो न केवल महिलाओं का शोषण करते हैं, बल्कि उनकी जान को भी खतरे में डालने से नहीं हिचकिचाते? यह घटना न केवल एक गंभीर अपराध है, बल्कि यह उन युवाओं और किशोरियों के लिए एक चेतावनी भी है, जो प्यार के नाम पर धोखा खा जाते हैं और मानसिक दबाव के कारण आत्महत्या जैसे घातक कदम उठा लेते हैं।
समाज में सुधार की आवश्यकता:
ऐसी घटनाओं को रोकने के लिए समाज में जागरूकता फैलाना जरूरी है। किशोरियों को शारीरिक और मानसिक शोषण के बारे में शिक्षित करना, उनके अधिकारों के प्रति जागरूक करना और उन्हें आत्म-निर्भर बनाने के लिए कदम उठाना आवश्यक है। साथ ही, पुलिस को भी अधिक सख्त कार्रवाई करने और आरोपी के खिलाफ कड़ी से कड़ी सजा देने की आवश्यकता है, ताकि समाज में ऐसे अपराधों का अंत हो सके।
न्याय की प्रतीक्षा:
अब इस मामले में पुलिस की पूरी नजर आरोपी के डीएनए सैंपल पर है। जांच पूरी होने के बाद आरोपी को कड़ी सजा दिलाने का रास्ता साफ होगा। यह घटना समाज में महिलाओं के अधिकारों और सुरक्षा के बारे में एक बार फिर से गंभीर सवाल उठाती है। उम्मीद की जाती है कि न्याय मिलेगा और इस तरह के अपराधों को रोकने के लिए ठोस कदम उठाए जाएंगे।