Ballia जिले में बैंक ऑफ बड़ौदा से 21 लाख रुपये की चोरी के सनसनीखेज मामले का पुलिस ने खुलासा कर दिया है। जो मामला पहले बाहरी चोरों की करतूत लग रहा था, वह असल में बैंक के अंदर काम करने वालों की ही चाल निकली। बैंक मैनेजर चंद्रभूषण राय, कैशियर स्वामी नाथ और चपरासी सुनील कुमार ने ही इस शातिराना चोरी की साजिश रची थी।
28 जनवरी को जब बैंक खुला, तो कर्मचारियों को लॉकर से मोटी रकम गायब मिलने पर हड़कंप मच गया। पुलिस जांच के बाद यह साफ हो गया कि यह कोई जबरन लूट नहीं, बल्कि अंदरूनी साजिश थी। अपराधियों को शायद यह भरोसा था कि चोरी की बात कहकर वे खुद को निर्दोष साबित कर देंगे, लेकिन पुलिस की पैनी जांच ने उनकी चालाकी पकड़ ली।
चोरी का खुलासा: जब पुलिस ने खेला दांव!
बलिया पुलिस अधीक्षक ओमवीर सिंह ने बताया कि घटनास्थल की बारीकी से जांच के दौरान कई बातें संदिग्ध पाई गईं।
- बाहरी व्यक्ति के घुसने के कोई सबूत नहीं मिले।
- लॉकर में कोई तोड़फोड़ नहीं हुई थी।
- लॉकर खोलने के लिए दो चाबियों की जरूरत थी, और उनमें किसी भी तरह की छेड़छाड़ के निशान नहीं थे।
- बैंक में जाने और बाहर निकलने के दरवाजों पर जबरन एंट्री के कोई निशान नहीं थे।
जब इन तथ्यों को ध्यान में रखकर बैंक कर्मचारियों से सख्ती से पूछताछ की गई, तो उनकी बयानबाजी में अंतर साफ दिखने लगा। पुलिस ने बैंक मैनेजर, कैशियर और चपरासी को अलग-अलग बुलाकर पूछताछ की। जब दबाव बढ़ा, तो तीनों ने टूटकर अपना गुनाह कबूल कर लिया।
कैसे रची गई 21 लाख की यह इनसाइड चोरी?
बैंक मैनेजर चंद्रभूषण राय, कैशियर स्वामी नाथ और चपरासी सुनील कुमार ने यह साजिश काफी सोच-समझकर बनाई थी।
पहले उन्होंने तय किया कि किसी बाहरी व्यक्ति को शामिल नहीं करेंगे, ताकि शक ना हो।
बैंक के अंदरूनी सिस्टम की अच्छी जानकारी होने के कारण, उन्हें पता था कि लॉकर की चाबियों तक पहुंच कैसे बनाई जा सकती है।
27 जनवरी की रात, जब बैंक में कोई नहीं था, तब उन्होंने बड़ी चालाकी से लॉकर खोला और 21 लाख रुपये निकाल लिए।
अगले दिन जब चोरी की सूचना फैली, तो उन्होंने खुद को हैरान दिखाते हुए मामला पुलिस तक पहुंचा दिया।
योजना यह थी कि चोरी का आरोप किसी बाहरी गिरोह पर जाएगा, और वे आराम से इस रकम को ठिकाने लगा देंगे।
लेकिन उनकी यह चालाकी ज्यादा देर तक छिपी नहीं रह सकी!
पुलिस की इन्वेस्टिगेशन और सबूतों ने खोली पोल!
पुलिस ने जब गहन जांच शुरू की, तो लॉकर एक्सपर्ट और फोरेंसिक टीम को भी जांच में शामिल किया गया।
लॉकर पर कोई जबरन एंट्री के निशान नहीं मिले, जिससे साफ हो गया कि चाबी से ही लॉकर खोला गया था।
सीसीटीवी फुटेज में किसी बाहरी व्यक्ति की संदिग्ध गतिविधि नहीं दिखी।
जब बैंक कर्मचारियों से पूछताछ की गई, तो उनके जवाबों में विरोधाभास दिखा।
तीनों की कॉल डिटेल्स और बैंक में मौजूदगी के समय का मिलान करने पर गड़बड़ी साफ हो गई।
इन सभी सबूतों के आधार पर पुलिस ने तीनों आरोपियों को गिरफ्तार कर लिया और उन्हें जेल भेज दिया।
बलिया में पहले भी हुई हैं ऐसी सनसनीखेज वारदातें!
बलिया में यह पहली बार नहीं हुआ जब बैंक कर्मचारियों की ही करतूत पकड़ी गई हो। इससे पहले भी कई मामलों में बैंक के अंदर के लोग ही घोटालों और चोरियों में शामिल पाए गए हैं।
साल 2019: बलिया के एक को-ऑपरेटिव बैंक में 14 लाख रुपये की गड़बड़ी पाई गई थी, जिसमें बैंक कर्मियों की संलिप्तता साबित हुई थी।
साल 2021: रसड़ा क्षेत्र में एक एटीएम फ्रॉड केस सामने आया था, जिसमें बैंक का ही एक कर्मचारी गुप्त जानकारी लीक कर रहा था।
साल 2023: एक निजी बैंक से 32 लाख रुपये के गबन का मामला सामने आया था, जिसमें मैनेजर और दो अन्य अधिकारी पकड़े गए थे।
ऐसे मामलों से साफ है कि बैंकों में सुरक्षा उपायों को और मजबूत करने की जरूरत है, ताकि ऐसे फ्रॉड को समय रहते रोका जा सके।
क्या बैंकों की सुरक्षा पर उठ रहे हैं सवाल?
इस घटना के बाद बैंकिंग सेक्टर में सुरक्षा व्यवस्था को लेकर सवाल खड़े हो रहे हैं।
क्या बैंक के लॉकर सिस्टम को और अधिक सुरक्षित बनाने की जरूरत है?
क्या बैंक कर्मियों के बैकग्राउंड की जांच और मजबूत करनी चाहिए?
सीसीटीवी कैमरे और सुरक्षा गार्ड्स की निगरानी को और कड़ा किया जाना चाहिए?
बैंक ग्राहकों को भी सतर्क रहने की जरूरत है। अगर आपको किसी बैंकिंग लेन-देन में गड़बड़ी महसूस हो, तो तुरंत इसकी सूचना बैंक और पुलिस को दें।
बलिया पुलिस की मुस्तैदी से बच गई 21 लाख की रकम!
अगर पुलिस की जांच इतनी तेज़ और सटीक न होती, तो यह रकम शायद हमेशा के लिए गायब हो जाती। लेकिन बलिया पुलिस ने चौकसी और आधुनिक तकनीकों की मदद से चंद दिनों में ही इस मामले का पर्दाफाश कर दिया।
अब इन बैंक कर्मियों के खिलाफ धोखाधड़ी, आपराधिक षड्यंत्र और चोरी जैसी धाराओं में मामला दर्ज कर लिया गया है।
बलिया के इस सनसनीखेज बैंक लूट मामले ने एक बार फिर साबित कर दिया है कि अपराध कितना भी चालाकी से किया जाए, सच्चाई एक न एक दिन सामने आ ही जाती है!