Hathras जिले में रेल प्रशासन के लिए एक बड़ी चुनौती बनकर उभरा एक चोर गिरोह, जिसे हाल ही में आरपीएफ ने गिरफ्तार कर लिया। यह गिरोह ओएचई टावर शेड से रेलवे के तारों की चोरी कर रहा था, जिससे रेलवे की महत्वपूर्ण संपत्ति को नुकसान हो रहा था। पुलिस ने इस मामले का खुलासा करते हुए दो मुख्य आरोपियों को गिरफ्तार किया है।
इस घटना ने रेलवे सुरक्षा बल (आरपीएफ) की तत्परता को एक बार फिर साबित किया है। यह गिरफ्तारी 22 जनवरी को हुई तार चोरी की घटना के बाद की गई है, जब मेंडू रेलवे स्टेशन के पास स्थित ओएचई टावर शेड से बिजली आपूर्ति के लिए महत्वपूर्ण तार चोरी हो गए थे।
आरपीएफ की घेराबंदी और शातिर चोरों का पर्दाफाश
22 जनवरी की रात को हुए इस चोरी के बाद हाथरस सिटी स्टेशन आरपीएफ ने तुरंत मामले की जांच शुरू की। ओएचई (ऑन-बोर्ड हाई टेंशन इलेक्ट्रिक) टावर के शेड से तारों की चोरी के कारण ट्रेन संचालन में रुकावट आने का खतरा था, जिससे यात्रियों के लिए समस्याएं उत्पन्न हो सकती थीं।
आरपीएफ ने मामले की गंभीरता को देखते हुए गुप्त सूचनाओं का आदान-प्रदान किया और अपराधियों की तलाश शुरू की। मंगलवार को आरपीएफ टीम ने दो आरोपियों को गिरफ्तार किया, जिनके पास से चोरी किए गए तार और अन्य रेलवे सामान भी बरामद हुए।
चोरी की विधि: कटर से ताले तोड़कर किया गया था चोरी
आरपीएफ प्रभारी संदीप कुमार यादव ने बताया कि अपराधियों ने इस घटना को बड़ी चालाकी से अंजाम दिया था। ओएचई टावर शेड के ताले को कटर से काटा गया और फिर टावर वैगन में घुसकर ओएचई तार को काट लिया गया। ये तार रेलवे के लिए बेहद महत्वपूर्ण थे, क्योंकि इनका इस्तेमाल ट्रेनों को बिजली देने के लिए किया जाता है।
इन चोरों ने चोरी की वारदात को दिन के उजाले में अंजाम नहीं दिया, बल्कि रात के अंधेरे का फायदा उठाया। चोरी की घटना के बाद तुरंत ही क्षेत्रीय आरपीएफ और अन्य सुरक्षाबलों ने इलाके की घेराबंदी कर दी थी। यह गिरोह पहले से ही ऐसे मामलों में शामिल रहा है, और उनके खिलाफ कई अन्य आरोप भी लगाए गए हैं।
गिरफ्तार आरोपी: किसने क्या किया?
गिरफ्तार किए गए आरोपियों का नाम मोहित और विजय है, जो दोनों ही हाथरस जिले के निवासी हैं। प्रारंभिक जांच में यह पता चला है कि इन आरोपियों ने अन्य चोरों के साथ मिलकर कई बार ऐसी वारदातों को अंजाम दिया है। वे रेलवे की संपत्तियों को बेचकर पैसे कमाते थे और इनकी चोरी में इस्तेमाल होने वाली कटर जैसी वस्तुएं भी बरामद की गई हैं।
आरपीएफ ने इन आरोपियों के खिलाफ विभिन्न धाराओं में मामला दर्ज किया है, और इनसे पूछताछ के बाद यह भी पता चला कि ये गिरोह रेलवे की कई अन्य संपत्तियों की चोरी करने की साजिश रच रहे थे।
इस प्रकार के अपराधों में बढ़ोतरी
रेलवे सुरक्षा बल ने यह भी बताया कि इस प्रकार की घटनाएं पिछले कुछ समय से बढ़ रही हैं, खासकर छोटे रेलवे स्टेशनों और ओएचई टावरों के पास। चोर गिरोह रेलवे की अन्य महत्वपूर्ण वस्तुएं जैसे कि ट्रैक के तार, सिग्नल वायर और पावर सप्लाई इक्विपमेंट चुराने की कोशिश करते हैं, जो पूरे रेल नेटवर्क के संचालन में समस्या उत्पन्न कर सकते हैं।
इन चोरी की घटनाओं से न सिर्फ रेलवे को आर्थिक नुकसान होता है, बल्कि यात्रियों की सुरक्षा भी खतरे में पड़ जाती है। ऐसे मामलों में तेज़ी से कार्रवाई करना और गिरोह का पर्दाफाश करना रेलवे सुरक्षा बल की प्राथमिकता होनी चाहिए।
आरपीएफ की भूमिका: सुरक्षा और चौकसी
आरपीएफ ने इस मामले में शानदार कार्य करते हुए यह साबित कर दिया कि वे रेलवे की सुरक्षा में किसी भी प्रकार की लापरवाही नहीं बरतते। उनकी तत्परता और सजगता से ही इस चोरी को समय रहते पकड़ा जा सका।
आरपीएफ के अधिकारी संदीप कुमार यादव ने बताया कि इस मामले में और भी आरोपी हो सकते हैं, जिनकी तलाश जारी है। इस पूरी कार्रवाई में आरपीएफ की टीम ने अपनी कड़ी मेहनत और समर्पण से यह साबित कर दिया कि जब तक चोरों की कोई जगह नहीं होगी, तब तक रेलवे का सुरक्षा तंत्र हमेशा सक्रिय रहेगा।
प्रभाव और भविष्य की दिशा
यह घटना रेलवे के सुरक्षा तंत्र के लिए एक बडी चुनौती बनकर उभरी है। हालांकि, आरपीएफ द्वारा की गई कार्रवाई ने यह भी साबित किया है कि वे हर स्थिति में तत्पर रहते हैं। इससे यह भी स्पष्ट हुआ कि रेलवे के खिलाफ होने वाली आपराधिक गतिविधियों में शामिल गिरोहों पर कड़ी नजर रखी जानी चाहिए।
अब देखना यह है कि क्या रेलवे सुरक्षा बल इन घटनाओं के रोकथाम के लिए और सख्त कदम उठाएंगे, ताकि भविष्य में ऐसे अपराधों को और भी प्रभावी तरीके से रोका जा सके।
क्यों बढ़ रही हैं ऐसी घटनाएं?
आंकड़े बताते हैं कि पिछले कुछ वर्षों में रेलवे स्टेशनों और रेल पटरी के पास चोरी की घटनाओं में तेज़ी आई है। इसके पीछे कई कारण हो सकते हैं, जिनमें बढ़ती बेरोजगारी, आपराधिक मानसिकता, और रेलवे संपत्तियों की कीमतें शामिल हैं। इस प्रकार की घटनाओं को रोकने के लिए सख्त सुरक्षा उपायों की आवश्यकता है।