Bareilly जंक्शन जीआरपी थाने में तैनात सब-इंस्पेक्टर चमन सिंह की अचानक मौत ने पूरे विभाग को सदमे में डाल दिया। गुरुवार रात हृदयाघात के कारण उनकी मृत्यु हो गई। चमन सिंह मूल रूप से मेरठ के रहने वाले थे और पिछले दो वर्षों से बरेली जंक्शन पर तैनात थे। उनके परिवार में पत्नी, दो बेटे, और एक बेटी हैं, जो इस घटना के बाद शोक में डूब गए हैं।
ड्यूटी के दौरान अचानक बिगड़ी तबीयत
गुरुवार की रात सब-इंस्पेक्टर चमन सिंह अपनी ड्यूटी पर जंक्शन के सर्कुलेटिंग एरिया में तैनात थे। ड्यूटी के दौरान अचानक उन्हें बेचैनी और सीने में दर्द की शिकायत हुई। किसी अनहोनी की आशंका में उन्होंने पास खड़े एक कांस्टेबल से मदद मांगी। तुरंत ही उन्हें नजदीकी अस्पताल ले जाया गया, जहां डॉक्टरों ने उनका ब्लड प्रेशर जांचा और उन्हें हायर सेंटर जाने की सलाह दी।
मिशन अस्पताल पहुंचने से पहले हो गई मौत
डॉक्टर की सलाह पर उन्हें तुरंत मिशन अस्पताल ले जाया गया। हालांकि, दुर्भाग्यवश अस्पताल पहुंचने से पहले ही चमन सिंह की मृत्यु हो गई। इस घटना ने उनके साथियों और पूरे पुलिस महकमे को गहरे सदमे में डाल दिया।
परिवार और विभाग में शोक की लहर
चमन सिंह के परिवार में उनकी पत्नी, दो बेटे और एक बेटी हैं। शुक्रवार को उनके परिवार वाले बरेली पहुंचे और शव को अपने साथ मेरठ ले गए। सब-इंस्पेक्टर की आकस्मिक मृत्यु से उनका परिवार और विभागीय साथी शोक में डूब गए हैं। जीआरपी इंस्पेक्टर अजीत प्रताप सिंह ने पुष्टि की कि चमन सिंह की मौत ड्यूटी के दौरान हृदयाघात के कारण हुई है।
पुलिसकर्मियों की तनावपूर्ण ड्यूटी और स्वास्थ्य
यह घटना पुलिसकर्मियों की तनावपूर्ण ड्यूटी और उनके स्वास्थ्य पर पड़ने वाले प्रभाव की गंभीरता को उजागर करती है। लंबे समय तक काम के घंटे, अनियमित भोजन, और अपर्याप्त आराम, पुलिसकर्मियों की सेहत पर नकारात्मक असर डालते हैं। विशेषज्ञों के अनुसार, हाई ब्लड प्रेशर और तनाव हृदयाघात के प्रमुख कारणों में से एक हैं।
क्या कहता है स्वास्थ्य डेटा?
भारत में हर साल हजारों लोग हृदयाघात के कारण अपनी जान गंवाते हैं। विशेष रूप से, पुलिस और सुरक्षा बलों में यह समस्या तेजी से बढ़ रही है।
- हृदयाघात के लक्षण: सीने में दर्द, चक्कर आना, अत्यधिक पसीना आना, सांस लेने में दिक्कत।
- कारण: तनाव, खराब खानपान, व्यायाम की कमी, और समय पर स्वास्थ्य जांच न कराना।
पुलिसकर्मियों के लिए बेहतर स्वास्थ्य सुविधाओं की मांग
चमन सिंह की मृत्यु के बाद पुलिस विभाग में स्वास्थ्य सेवाओं को लेकर सवाल उठ रहे हैं। पुलिसकर्मियों की नियमित स्वास्थ्य जांच, तनाव प्रबंधन के लिए कार्यक्रम, और चिकित्सा सहायता की त्वरित उपलब्धता की मांग बढ़ रही है।
सुधार के सुझाव
- नियमित स्वास्थ्य जांच: पुलिसकर्मियों की हर छह महीने में स्वास्थ्य जांच अनिवार्य की जाए।
- योग और तनाव प्रबंधन: ड्यूटी के दौरान तनाव को कम करने के लिए योग और ध्यान के सत्र आयोजित किए जाएं।
- चिकित्सा सहायता: पुलिस स्टेशनों और प्रमुख ड्यूटी स्थलों पर प्राथमिक चिकित्सा सुविधाएं उपलब्ध कराई जाएं।
- पारिवारिक सहयोग: परिवारों को भी पुलिसकर्मियों के स्वास्थ्य को लेकर जागरूक किया जाए।
परिवार की आर्थिक मदद
चमन सिंह की मृत्यु के बाद उनके परिवार को आर्थिक मदद दी जाएगी। सरकार और पुलिस विभाग ने आश्वासन दिया है कि उनके परिवार को सभी जरूरी सहायता प्रदान की जाएगी। इसके अलावा, उनके बच्चों की शिक्षा और अन्य जरूरतों के लिए भी विशेष योजनाएं बनाई जा रही हैं।
पुलिस महकमे में शोक सभा का आयोजन
चमन सिंह की याद में शुक्रवार को बरेली जीआरपी थाने में शोक सभा का आयोजन किया गया। इस दौरान उनके साथियों ने उनकी ईमानदारी और कर्तव्यनिष्ठा को याद करते हुए श्रद्धांजलि दी।
ऐसे हादसों से सीख लेना जरूरी
इस घटना से साफ है कि स्वास्थ्य को नजरअंदाज करना जानलेवा साबित हो सकता है। पुलिस विभाग को इस तरह की घटनाओं से सबक लेते हुए अपने कर्मियों की भलाई के लिए ठोस कदम उठाने की आवश्यकता है।