Kannauj Cow Milk Plant कन्नौज में 141 करोड़ की लागत से बने अत्याधुनिक काऊ मिल्क प्लांट को फिर से शुरू करने की तैयारी तेज हो गई है। लंबे समय से बंद पड़े इस प्लांट की जिम्मेदारी अब गुजरात की राष्ट्रीय डेयरी विकास बोर्ड (NDDB) को सौंपी गई है। यह निर्णय न केवल किसानों के लिए लाभकारी होगा बल्कि क्षेत्र के युवाओं को भी रोजगार के अवसर प्रदान करेगा।
कन्नौज का काऊ मिल्क प्लांट: बंद से फिर शुरुआत तक का सफर
यह अत्याधुनिक प्लांट कन्नौज में 8 एकड़ जमीन पर 2018 में तैयार किया गया था। इसकी कुल लागत लगभग 141 करोड़ रुपये है। इस प्लांट को डेयरी उत्पादों के उत्पादन और 1 लाख लीटर दूध प्रतिदिन स्टोर करने की क्षमता के साथ बनाया गया था।
हालांकि, 2022 में बजट की कमी के चलते यह प्लांट बंद हो गया था। अब राज्य सरकार ने इसे 10 साल के लिए राष्ट्रीय डेयरी विकास बोर्ड को लीज पर देने का निर्णय लिया है। इस दौरान प्लांट में बनने वाले उत्पादों और पैकिंग पर ‘पराग’ ब्रांड का नाम बरकरार रहेगा।
किसानों और युवाओं के लिए नए अवसर
इस प्लांट के फिर से चालू होने के बाद किसानों को दूध बेचने के लिए इधर-उधर भटकने की आवश्यकता नहीं होगी।
प्रमुख लाभ:
- दूध की बड़ी खपत: प्रतिदिन 1 लाख लीटर दूध की खपत के लिए आसपास के जिलों जैसे मथुरा, फिरोजाबाद, अलीगढ़, इटावा, कानपुर, फर्रुखाबाद आदि से भी दूध खरीदा जाएगा।
- किसानों की आमदनी में इजाफा: छोटे और बड़े किसानों को सीधे प्लांट से जुड़ने का मौका मिलेगा।
- रोजगार के अवसर: स्थानीय युवाओं को प्लांट के संचालन और अन्य गतिविधियों में नौकरियां मिलेंगी।
राष्ट्रीय डेयरी विकास बोर्ड का अहम कदम
राष्ट्रीय डेयरी विकास बोर्ड (NDDB) के पास डेयरी क्षेत्र में काम करने का वर्षों का अनुभव है। इस संस्थान के अनुभव और विशेषज्ञता के कारण, प्लांट के संचालन में किसी प्रकार की दिक्कत की संभावना कम होगी।
प्लांट के महाप्रबंधक उमर्दा ने बताया कि बोर्ड से बातचीत अंतिम चरण में है और जल्द ही अनुबंध पर हस्ताक्षर किए जाएंगे।
आसपास के जिलों पर असर
इस प्लांट का असर सिर्फ कन्नौज तक सीमित नहीं रहेगा। मथुरा, शाहजहांपुर, बाराबंकी, बरेली, औरैया, और हमीरपुर जैसे जिलों के किसान भी इसका लाभ उठा सकेंगे। दूध बेचने में उन्हें निश्चितता और उचित कीमत मिल सकेगी।
दूध उत्पादन का विस्तार:
- यह प्लांट दूध संग्रह और प्रसंस्करण के लिए एक मजबूत नेटवर्क तैयार करेगा।
- छोटे किसान, जो अपने उत्पाद बेचने के लिए संघर्ष करते थे, अब एक स्थायी बाजार तक पहुंच बना सकेंगे।
प्लांट में बनने वाले उत्पाद
काऊ मिल्क प्लांट में गाय के दूध से बने उच्च गुणवत्ता वाले उत्पाद तैयार किए जाएंगे, जिनमें शामिल होंगे:
- दही: प्रीमियम क्वालिटी का।
- पनीर और मक्खन: बड़े पैमाने पर उत्पादन।
- दूध पाउडर और घी: राष्ट्रीय और अंतरराष्ट्रीय बाजारों के लिए।
स्थानीय लोगों की प्रतिक्रियाएं
कन्नौज के किसानों और युवाओं में प्लांट शुरू होने की खबर से उत्साह है।
स्थानीय निवासी रामनारायण कहते हैं, “यह प्लांट हमारे लिए वरदान साबित होगा। किसानों को अपनी उपज बेचने में सहूलियत होगी और युवाओं को रोजगार मिलेगा।”
कन्नौज डेयरी सेक्टर का भविष्य
काऊ मिल्क प्लांट के संचालन से उत्तर प्रदेश का डेयरी सेक्टर और अधिक संगठित और प्रभावी बनेगा।
- दूध के उत्पादन में वृद्धि:
डेयरी उद्योग से जुड़े नए अवसरों का सृजन। - स्थानीय ब्रांड पराग को बढ़ावा:
पराग ब्रांड का नाम राष्ट्रीय स्तर पर और मजबूती से स्थापित होगा।
सरकार की प्रतिबद्धता
राज्य सरकार का यह निर्णय स्पष्ट संकेत देता है कि वह डेयरी सेक्टर में सुधार और किसानों की भलाई के लिए प्रतिबद्ध है।
किसानों और स्थानीय युवाओं को आत्मनिर्भर बनाने की दिशा में यह एक महत्वपूर्ण कदम है।
कन्नौज का काऊ मिल्क प्लांट क्षेत्रीय विकास के एक नए युग की शुरुआत करेगा। किसानों की समृद्धि और युवाओं के रोजगार के सपने को साकार करते हुए, यह प्लांट उत्तर प्रदेश की अर्थव्यवस्था को एक नई दिशा देगा।