Bareilly के सीबीगंज थाना क्षेत्र के परसाखेड़ा में स्थित एक फैक्टरी में हुई चौकीदार की मौत ने हर किसी को हैरान कर दिया। पहले यह घटना एक सामान्य मृत्यु मानी जा रही थी, लेकिन जैसे ही पुलिस ने जांच को गंभीरता से लिया, चौंकाने वाला खुलासा हुआ। फैक्टरी में चौकीदार की मौत दरअसल एक सोची-समझी हत्या थी, जिसे ठेकेदार के बेटे ने अंजाम दिया। हत्या की वजह और अपराधी की गिरफ्तारी ने इस मामले को और भी सनसनीखेज बना दिया है।
सीसीटीवी फुटेज बना हत्यारे की पहचान का सबूत
11 जनवरी को सुबह फैक्टरी में पहुंचने पर जब गेट बंद मिला, तो वहां काम करने वाले गुलाब सिंह ने मालिक विनीत कुमार सक्सेना को फोन किया। फैक्टरी में प्रवेश के लिए सीढ़ी का सहारा लिया गया, और वहां चौकीदार केसर पंत का शव पड़ा मिला। पुलिस ने मौके पर पहुंचकर जांच शुरू की। शुरुआती पोस्टमार्टम में हत्या के संकेत मिलने के बाद मामला और पेचीदा हो गया। फैक्टरी के कार्यालय में रखी अलमारी का ताला टूटा हुआ था और लगभग साठ हजार रुपये की रेजगारी गायब थी।
पुलिस ने पड़ोस की फैक्टरी के सीसीटीवी फुटेज खंगाले। इन फुटेज में रात 11:40 बजे एक युवक कंबल ओढ़े फैक्टरी से निकलता हुआ नजर आया। पुलिस ने जब जांच को और आगे बढ़ाया तो पता चला कि यह युवक और कोई नहीं, बल्कि फैक्टरी में काम करने वाले ठेकेदार राधेश्याम का बेटा, आशू था।
पुलिस पूछताछ में हुआ चौंकाने वाला खुलासा
गिरफ्तारी के बाद पूछताछ में आरोपी आशू ने कबूल किया कि उसने यह हत्या क्यों और कैसे की। उसने बताया कि वह अपनी प्रेमिका से शादी करना चाहता था, लेकिन उसके पास पैसे नहीं थे। इसीलिए उसने फैक्टरी में चोरी करने की योजना बनाई। चोरी के दौरान जब चौकीदार केसर पंत ने उसे देख लिया, तो पकड़े जाने के डर से उसने उसकी हत्या कर दी।
पुलिस ने हत्या में इस्तेमाल किए गए औजार और चोरी का सामान भी बरामद कर लिया है। इस केस को सुलझाने वाले थाना प्रभारी सुरेश चंद्र गौतम ने बताया कि मालिक की शिकायत पर आरोपी के खिलाफ मामला दर्ज कर लिया गया है।
हत्या की साजिश और चोरी का गहराता मामला
हत्या और चोरी की यह घटना यह दिखाती है कि आज अपराधी किस हद तक जा सकते हैं। चौकीदार केसर पंत की मौत के पीछे की कहानी न सिर्फ दर्दनाक है, बल्कि समाज के नैतिक पतन को भी उजागर करती है। आशू का यह अपराध, जहां एक ओर व्यक्तिगत लालच और असफल प्रेम का परिणाम है, वहीं यह कानून व्यवस्था के लिए एक चुनौती भी था।
परिवार और समाज पर असर
केसर पंत के परिवार के लिए यह घटना किसी दुखद त्रासदी से कम नहीं है। उनका परिवार पिथौरागढ़ के दुगर टोली बालूकोट का रहने वाला है। इस घटना ने न केवल उनके घर का सहारा छीन लिया, बल्कि उनके लिए न्याय की लड़ाई भी शुरू कर दी है। दूसरी ओर, आरोपी के परिवार को भी इस अपराध का खामियाजा भुगतना पड़ेगा।
सुरक्षा की अनदेखी बन सकती है घातक
यह घटना औद्योगिक क्षेत्र में सुरक्षा उपायों की कमी को भी उजागर करती है। फैक्टरी में सीसीटीवी कैमरे लगे होने के बावजूद अपराधी ने अंदर घुसने और वारदात को अंजाम देने में कोई हिचकिचाहट नहीं दिखाई। यह उद्योगों और कारखानों के मालिकों के लिए एक सबक है कि सुरक्षा में किसी भी तरह की लापरवाही नहीं बरती जानी चाहिए।
पुलिस की सक्रियता से सुलझा मामला
पुलिस की तत्परता और सीसीटीवी की मदद से यह मामला सुलझ सका। यह घटना पुलिस विभाग के लिए भी एक सफलता की कहानी बन गई है।
यह मामला हमें यह सोचने पर मजबूर करता है कि समाज में अपराध किस कदर बढ़ते जा रहे हैं। व्यक्तिगत लालच और प्रेम के नाम पर किए गए इस अपराध ने एक निर्दोष व्यक्ति की जान ले ली। यह घटना सुरक्षा व्यवस्था, व्यक्तिगत नैतिकता, और अपराध नियंत्रण के लिए एक चेतावनी है।