गाजियाबाद (Ghaziabad) में एक सनसनीखेज मामला सामने आया है, जिसमें एक गैंग ने डेटिंग ऐप के जरिए युवकों को झांसा देकर बर्बर कृत्य किए। यह मामला पुलिस के लिए एक बड़ी चुनौती बनकर सामने आया है, जहां शातिर बदमाशों ने एक अनोखे तरीके से युवकों को शिकार बनाया। वे पहले तो युवकों से डेटिंग ऐप पर दोस्ती करते थे, फिर होमो सेक्सुअल ऐक्टिविटी का झांसा देकर उन्हें अपने फ्लैट में बुला लेते थे।
गाजियाबाद पुलिस ने इस गैंग के 8 बदमाशों को गिरफ्तार किया है, जो युवकों को बंधक बनाकर उनके नग्न फोटो-वीडियो बनाते थे और फिर उन्हें ब्लैकमेल करके पैसे ऐंठते थे। इस घटना ने पूरे क्षेत्र में हड़कंप मचा दिया है, और यह पता चला है कि अब तक कई युवक इस गैंग के झांसे में आकर अपनी गाढ़ी कमाई गंवा चुके थे।
कैसे काम करता था गैंग: पुलिस के मुताबिक, यह गैंग बहुत ही शातिर तरीके से युवकों को अपनी जाल में फंसाता था। डेटिंग ऐप पर युवकों से दोस्ती करने के बाद गैंग के सदस्य उन्हें सेक्सुअल ऐक्टिविटी का लालच देकर अपने फ्लैट में बुला लेते थे। जब पीड़ित युवक उनके कमरे में पहुंचते थे, तो उन्हें घेरकर बंधक बना लिया जाता था। इसके बाद गैंग के सदस्य उनके साथ मारपीट करते थे और नग्न तस्वीरें और वीडियो बनाकर उन्हें ब्लैकमेल करते थे।
पुलिस की कार्रवाई: गाजियाबाद पुलिस के एसीपी कविनगर, अभिषेक श्रीवास्तव ने बताया कि इस गैंग के 8 बदमाशों को गिरफ्तार किया गया है। इन शातिर बदमाशों का मुख्य उद्देश्य युवकों को मानसिक रूप से परेशान करके उनसे पैसे ऐंठना था। पुलिस ने इस गैंग के खिलाफ त्वरित कार्रवाई करते हुए उनके बैंक खातों की जांच शुरू कर दी है, ताकि यह पता चल सके कि अब तक इन लोगों ने कितने और युवकों को शिकार बनाया है।
पीड़ितों की दास्तान: गैंग द्वारा किए गए इस घिनौने कृत्य के बारे में दो प्रमुख पीड़ितों ने पुलिस से शिकायत की। पहला पीड़ित युवक एक इंजीनियर था, जो नोएडा में काम करता था। उसने बताया कि ऑनलाइन ग्राइंडर ऐप के जरिए एक अजनबी से दोस्ती हुई थी, जिसने उसे 12 तारीख की शाम को सूर्या गार्डन सोसायटी के फ्लैट में बुलाया। जब वह वहां पहुंचा, तो उसे चार बदमाशों ने धक्का देकर कमरे में बंद कर लिया और फिर बुरी तरह से पीटा। इसके बाद, उन बदमाशों ने उसका नग्न वीडियो बना लिया और उसे धमकी दी कि यदि वह पैसे नहीं देगा तो वीडियो वायरल कर दिया जाएगा और उसकी हत्या कर दी जाएगी।
इसी तरह, दूसरे पीड़ित युवक ने भी पुलिस से अपनी शिकायत में बताया कि उसे 13 तारीख को एक और व्यक्ति ने सेक्सुअल एक्टिविटी के नाम पर अपने फ्लैट में बुलाया था, जहां पहले से सात लोग मौजूद थे। इन बदमाशों ने उसे भी कमरे में बंद किया, मारपीट की और नग्न वीडियो बनाकर पैसे की मांग की। जब उसके पास पैसे नहीं थे, तो इन लोगों ने ऑनलाइन बैंक से लोन करा लिया और उसके खाते से कुल 1,18,000 रुपये ट्रांसफर करवा लिए।
गिरफ्तारी और पुलिस की छानबीन: पुलिस ने दोनों शिकायतों के आधार पर त्वरित कार्रवाई की और गैंग के सभी 8 बदमाशों को गिरफ्तार कर लिया। गिरफ्तार आरोपियों के नाम कपिल, संदीप, नितिन, दीपक, अरुण, अभिषेक, अभिषेक बालियान और अर्जुन हैं। पुलिस का कहना है कि आरोपियों में से अर्जुन ने हाल ही में सूर्या सोसायटी के फ्लैट को किराए पर लिया था, जहां इन घटनाओं को अंजाम दिया गया था। पुलिस अब इनके बैंक खातों की जांच कर रही है, ताकि यह पता चल सके कि अब तक ये बदमाश कितने लोगों को शिकार बना चुके थे और उनकी अवैध वसूली का दायरा कितना बड़ा था।
गैंग का मास्टरमाइंड: पुलिस सूत्रों के अनुसार, इस गैंग का मास्टरमाइंड अर्जुन था, जिसने अपनी साजिश को बेहद चतुराई से अंजाम दिया। अर्जुन और उसके साथियों ने मिलकर युवकों के विश्वास को ठगने और उन्हें मानसिक रूप से परेशान करने के लिए सोशल मीडिया और डेटिंग ऐप्स का उपयोग किया। गैंग का मुख्य उद्देश्य युवकों को शिकार बनाकर उनसे धन की वसूली करना था, और इसके लिए उन्होंने उन पर दबाव डालने के लिए भय, धमकी और शारीरिक हिंसा का सहारा लिया।
गाजियाबाद पुलिस की सक्रियता: गाजियाबाद पुलिस की त्वरित कार्रवाई और मुखबिरों की मदद से इस गैंग को पकड़ने में सफलता मिली। पुलिस के वरिष्ठ अधिकारी अभिषेक श्रीवास्तव ने कहा कि इस गैंग के खिलाफ कठोर कार्रवाई की जाएगी और इसके सभी सदस्यों को कड़ी सजा दिलवाने की कोशिश की जाएगी। उन्होंने कहा कि इस घटना से यह साबित होता है कि साइबर क्राइम और ऑनलाइन धोखाधड़ी के मामलों में पुलिस को लगातार सतर्क रहना चाहिए।
समाज में बढ़ती जागरूकता की जरूरत: यह घटना समाज में साइबर क्राइम और ऑनलाइन धोखाधड़ी के बढ़ते खतरे को उजागर करती है। अब युवकों को ऑनलाइन बातचीत करते समय सतर्क रहने की जरूरत है और किसी अनजान व्यक्ति पर विश्वास करने से पहले पूरी जानकारी एकत्र करनी चाहिए। पुलिस अधिकारियों का मानना है कि समाज में ऐसे मामलों के प्रति जागरूकता फैलाने के लिए अधिक से अधिक कार्यक्रम और अभियान चलाए जाने चाहिए, ताकि इस तरह की घटनाओं से बचा जा सके।
इस मामले ने यह साबित कर दिया है कि आजकल साइबर क्राइम के मामले बहुत बढ़ गए हैं और लोग इनसे अनजान रहते हुए शिकार बन जाते हैं। पुलिस ने इस गैंग के खिलाफ एक कठोर कदम उठाया है, लेकिन समाज में इससे जुड़ी जागरूकता फैलाने की आवश्यकता है ताकि और भी लोग इस तरह की घटनाओं का शिकार होने से बच सकें।