Sambhal में 24 नवंबर को जामा मस्जिद के पास हुई हिंसा की घटना ने पूरे क्षेत्र में दहशत फैला दी है। इस घटना को लेकर पुलिस ने अपनी कार्रवाई तेज कर दी है और तीन और आरोपियों को गिरफ्तार किया है। इन आरोपियों की पहचान फैजान (चौधरी सराय), आमिर पठान (देहली दरवाजा), और मोहम्मद अली (कोटगर्बी) के रूप में हुई है। पुलिस ने इन आरोपियों से कई महत्वपूर्ण सामान भी बरामद किए हैं, जिनमें कारतूस, तमंचा और अन्य उपकरण शामिल हैं। खास बात यह है कि ये हथियार और कारतूस पुलिस से लूटे गए थे और इनका इस्तेमाल बवाल के दौरान किया गया था।
जामा मस्जिद के पास हुई हिंसा की घटना का सिलसिला
यह घटना संभल शहर के एक प्रमुख धार्मिक स्थल, जामा मस्जिद के पास हुई। जहां पर कुछ असमाजिक तत्वों ने विवादित स्थितियों का फायदा उठाकर माहौल को अशांति में बदल दिया। हिंसा के दौरान दो रबर बुलेट, दो आंसू गैस के गोले, और 312 बोर के दो कारतूस बरामद किए गए हैं। ये सबूत इस बात की पुष्टि करते हैं कि घटना में कानून व्यवस्था को चुनौती देने वाली गंभीर सामग्री का उपयोग किया गया था। पुलिस के अनुसार, ये सभी हथियार और कारतूस पुलिस से लूटे गए थे, जिनका बाद में हिंसक गतिविधियों में प्रयोग हुआ।
पुलिस की त्वरित कार्रवाई
घटना के बाद पुलिस ने मामले की गंभीरता को समझते हुए तुरंत कार्रवाई शुरू कर दी। गिरफ्तार किए गए आरोपियों को न्यायालय में पेश कर दिया गया है। पुलिस द्वारा किए गए त्वरित प्रयासों ने इस मामले में कुछ हद तक राहत दी है, लेकिन पूरा शहर अब भी सुरक्षा को लेकर चिंतित है।
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पुलिस अधिकारी अपनी जांच में यह भी सुनिश्चित कर रहे हैं कि आरोपियों के नेटवर्क को पूरी तरह से बेनकाब किया जाए ताकि भविष्य में इस तरह की घटनाओं को रोका जा सके। इस सिलसिले में पुलिस ने इलाके में गहन जांच अभियान चलाने का भी मन बनाया है।
डीएम और एसपी ने किया पैदल मार्च
संभल के डीएम डॉ. राजेंद्र पैंसिया और एसपी कृष्ण कुमार बिश्नोई ने क्षेत्र की सुरक्षा स्थिति का जायजा लेने के लिए कोतवाली से पैदल मार्च निकाला। इस मार्च में अधिकारियों ने जामा मस्जिद के आसपास के इलाकों में सुरक्षा के हालात की बारीकी से जांच की और पाया कि यहां सुरक्षा के इंतजाम बेहद जरूरी हैं। डाकखाना रोड से होकर जामा मस्जिद के पीछे से गुजरे इस मार्च ने लोगों को विश्वास दिलाया कि प्रशासन उनकी सुरक्षा के लिए तत्पर है।
सीसीटीवी कैमरों की फिर से स्थापना
घटना के बाद प्रशासन ने यह फैसला लिया है कि जामा मस्जिद के आसपास फिर से सीसीटीवी कैमरे लगाए जाएंगे। पहले के कैमरे तोड़ दिए गए थे, जिससे निगरानी में कमी आई थी। अब प्रशासन ने सुरक्षा के लिहाज से नए कैमरे स्थापित करने की योजना बनाई है ताकि संदिग्ध गतिविधियों को समय रहते पकड़कर तुरंत कार्रवाई की जा सके। यह कदम क्षेत्र में सुरक्षा को और मजबूत करने की दिशा में एक महत्वपूर्ण पहल है।
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हिंदुपुरा खेड़ा में चौथे दिन का सन्नाटा
बवाल के बाद से संभल के हिंदुपुरा खेड़ा क्षेत्र में चार दिन तक सन्नाटा पसरा रहा। भय के माहौल में लोग अपने घरों से बाहर नहीं निकले और दुकानों के शटर डाउन थे। सड़कें सुनसान पड़ी थीं और पूरे क्षेत्र में एक खौफ का माहौल था। स्थानीय निवासियों ने बताया कि इस हिंसा ने उनके मन में डर पैदा कर दिया है और वे अब भी अपने घरों में कैद रह रहे हैं।
प्रशासन की ओर से सुरक्षा के लिए विशेष इंतजाम
डीएम डॉ. राजेंद्र पैंसिया और एसपी कृष्ण कुमार बिश्नोई ने सुरक्षा को लेकर कई नए कदम उठाए हैं। पैदल मार्च के अलावा, पुलिस ने गश्त को भी बढ़ा दिया है और संदिग्धों की पहचान के लिए नए तरीके अपनाए हैं। इन प्रयासों से नागरिकों में सुरक्षा का अहसास बढ़ेगा और उम्मीद है कि धीरे-धीरे स्थिति सामान्य होगी।
स्थानीय लोगों की प्रतिक्रिया
स्थानीय लोग इस घटना से काफी चिंतित हैं और उनके मन में कई सवाल उठ रहे हैं। एक स्थानीय दुकानदार ने बताया, “हम बहुत डर गए हैं। ऐसी घटनाएं हमारे इलाके के लिए एक बुरी नज़ीर बन गई हैं। प्रशासन को और अधिक कड़े कदम उठाने होंगे ताकि भविष्य में ऐसा न हो।”
वहीं, एक अन्य निवासी ने कहा, “मुझे उम्मीद है कि प्रशासन इन कदमों से सुरक्षा को मजबूत करेगा और हमें आम जीवन में लौटने का अवसर मिलेगा।”
आगामी दिन और प्रशासन की तैयारी
संभल में सुरक्षा स्थिति को लेकर प्रशासन ने कई महत्वपूर्ण निर्णय लिए हैं, जिनमें अधिकारियों का पैदल मार्च, सीसीटीवी कैमरे लगाना और संदिग्धों पर नजर रखना शामिल है। इन कदमों से न केवल स्थिति को नियंत्रण में रखने की कोशिश की जा रही है, बल्कि लोगों के मन में विश्वास को भी बढ़ाया जा रहा है कि प्रशासन उनके साथ है।
इस बीच, पुलिस और प्रशासन ने सभी नागरिकों से अपील की है कि वे कानून और व्यवस्था बनाए रखने में प्रशासन की मदद करें। किसी भी संदिग्ध गतिविधि की सूचना देने के लिए नागरिकों को हेल्पलाइन नंबर भी जारी किए गए हैं।
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