Lok Shakti

Nationalism Always Empower People

मुंबई में Baba Siddiqui की हत्या का कनेक्शन: शूटर शिवकुमार गिरफ्तार, गैंगवार का खुलासा

मुंबई में Baba Siddiqui की हत्या को लेकर एक और बड़ा मोड़ सामने आया है। यूपी एसटीएफ और मुंबई क्राइम ब्रांच की संयुक्त ऑपरेशन में शूटर शिवकुमार को यूपी के बहराइच से गिरफ्तार कर लिया गया। पुलिस के मुताबिक, शिवकुमार बहराइच बॉर्डर से नेपाल भागने की कोशिश कर रहा था, लेकिन उसकी यह योजना सफल नहीं हो सकी। इसके साथ ही, बाबा सिद्दीकी की हत्या के पीछे की साजिश और गैंगवार से जुड़ी कई अहम जानकारियां भी सामने आई हैं।

हत्या का रहस्य और शिवकुमार का खुलासा

शिवकुमार ने यूपी पुलिस की पूछताछ के दौरान एक बड़ा खुलासा किया है। उसने कहा कि वह लॉरेन्स बिश्नोई गैंग से जुड़ा हुआ है, और बाबा सिद्दीकी की हत्या के पीछे विदेश में बैठे अनमोल बिश्नोई का हाथ था। अनमोल बिश्नोई ने ही उसे इस हत्याकांड को अंजाम देने के लिए उकसाया था। इस खुलासे से पुलिस को यह समझने में मदद मिली कि यह हत्या सिर्फ एक व्यक्तिगत रंजिश का परिणाम नहीं थी, बल्कि एक बड़ा गैंगवार का हिस्सा थी।

यह भी पता चला है कि शुभम लोनकर नाम के व्यक्ति ने शिवकुमार से अनमोल बिश्नोई की बात करवाई थी। इसके अलावा, पुलिस के अनुसार शिवकुमार ने अपने साथी धर्मराज और गुरमेल सिंह को भी लॉरेन्स बिश्नोई गैंग के निर्देश पर हत्या करने के लिए भेजा था। इस पूरी घटना के दौरान शुभम सोनकर और मोहम्मद यासीन अख्तर जैसे लोग भी शामिल थे, जिन्होंने शूटरों को लॉजिस्टिक सहायता दी थी और बाबा सिद्दीकी के लोकेशन की जानकारी दी थी।

बाबा सिद्दीकी की हत्या के पीछे का गैंगवार

बाबा सिद्दीकी की हत्या के बाद यह बात सामने आई कि यह हत्या एक बड़े गैंगवार का हिस्सा थी। लॉरेन्स बिश्नोई और उसके गैंग के कई सदस्य इस हत्या में शामिल थे। पहले भी इस गैंग के कई अपराधों के बारे में मीडिया में रिपोर्ट्स आई थीं, लेकिन बाबा सिद्दीकी की हत्या ने पूरे मामले को और जटिल बना दिया। बिश्नोई गैंग के सदस्य विदेशी जमीन पर बैठकर अपने अपराधों को अंजाम दे रहे थे, और इस हत्या के जरिए उन्होंने अपनी पकड़ और ताकत का प्रदर्शन किया।

लॉरेन्स बिश्नोई का नाम पहले भी कई बड़े मामलों में सामने आ चुका है। इस गैंग का काम सिर्फ हत्या तक सीमित नहीं था, बल्कि यह गैंग ड्रग्स, extortion और अवैध हथियारों के कारोबार में भी सक्रिय था। बिश्नोई गैंग की बढ़ती ताकत और उसकी अंतर्राष्ट्रीय नेटवर्क ने भारतीय सुरक्षा एजेंसियों के लिए एक नई चुनौती पैदा कर दी है।

गिरफ्तारी और आरोपियों के नाम

शिवकुमार की गिरफ्तारी के साथ ही पुलिस ने अन्य आरोपियों के नाम भी सामने लाए हैं। शूटर शिवकुमार को शरण देने और नेपाल भागने में मदद करने के आरोप में अनुराग कश्यप, ज्ञान प्रकाश त्रिपाठी, आकाश श्रीवास्तव और अखिलेंद्र प्रताप सिंह को गिरफ्तार किया गया है। ये सभी एक ही गांव के रहने वाले हैं और आपस में अच्छे दोस्त थे। पुलिस के मुताबिक, यह पूरा नेटवर्क बहुत अच्छी तरह से काम कर रहा था, और इन सभी ने मिलकर शिवकुमार को शरण देने की कोशिश की थी।

शिवकुमार और उसके साथियों की गिरफ्तारी के बाद पुलिस ने कई और साजिशों और कनेक्शंस को उजागर किया है। यह साफ है कि यह घटना एक बड़ी आपराधिक साजिश का हिस्सा थी और इसके पीछे कई लोग थे, जो अपनी आपसी रंजिश और माफिया वॉर के तहत कार्रवाई कर रहे थे।

मुंबई में गैंगवार का बढ़ता असर

मुंबई में अपराध और गैंगवार की घटनाएं लगातार बढ़ती जा रही हैं। एक समय था जब मुंबई को “फिल्मी नगरी” कहा जाता था, लेकिन अब यह माफिया और गैंगवार की धरती बनती जा रही है। बाबा सिद्दीकी की हत्या ने यह साबित कर दिया कि मुंबई में अपराधी नेटवर्क कितना मजबूत हो चुका है। यह घटना सिर्फ एक व्यक्ति की हत्या तक सीमित नहीं थी, बल्कि यह एक बड़े गैंगवार का हिस्सा थी।

महाराष्ट्र पुलिस के लिए यह एक बड़ी चुनौती है, क्योंकि इस प्रकार के गैंगवार में सिर्फ लोकल पुलिस ही नहीं, बल्कि अंतर्राष्ट्रीय अपराधी भी शामिल होते हैं। हालात इस हद तक बिगड़ चुके हैं कि अब यह अपराधी ग्रुप सिर्फ स्थानीय स्तर पर ही नहीं, बल्कि राष्ट्रीय और अंतर्राष्ट्रीय स्तर पर भी अपनी ताकत का प्रदर्शन कर रहे हैं।

पुलिस की कार्रवाई और आगे की योजना

यूपी एसटीएफ और मुंबई क्राइम ब्रांच के बीच संयुक्त ऑपरेशन में शिवकुमार को दबोच लिया गया, लेकिन यह घटना पुलिस के लिए एक चेतावनी है। अब पुलिस की प्राथमिकता सिर्फ इन अपराधियों को पकड़ने की नहीं, बल्कि इनके नेटवर्क और उनके मददगारों तक पहुंचने की है। पुलिस के आला अधिकारी यह सुनिश्चित करने में जुटे हुए हैं कि इस गैंग के अन्य सदस्यों को भी जल्द गिरफ्तार किया जाए और उनकी आपराधिक गतिविधियों को नष्ट किया जाए।

Baba Siddiqui की हत्या ने यह साबित कर दिया कि माफिया और गैंगवार अब सिर्फ फिल्मी कहानियों तक सीमित नहीं हैं, बल्कि ये असल जिंदगी में भी सामने आ रहे हैं। इस घटना ने पुलिस और जांच एजेंसियों के सामने कई नई चुनौतियां खड़ी कर दी हैं। अब सवाल यह है कि क्या पुलिस इन गैंग्स को खत्म करने में सफल हो पाएगी, या ये आपराधिक संगठन भविष्य में और भी शक्तिशाली बनकर उभरेंगे?

यह समय बताएगा, लेकिन फिलहाल तो मुंबई और आसपास के क्षेत्रों में गैंगवार की ताजातरीन घटना ने हर किसी को हैरान कर दिया है।