Barabanki में पुलिस ने एक दिल दहला देने वाले हत्याकांड का पर्दाफाश किया है, जिसमें एक चाची की हत्या का आरोप उसी के भतीजे पर लगा है। यह मामला न केवल पारिवारिक संबंधों के टूटने की दर्दनाक कहानी है, बल्कि अवैध रिश्तों और धोखे की खतरनाक साजिश का भी खुलासा करता है। इस जघन्य अपराध का खुलासा पुलिस अधीक्षक दिनेश कुमार सिंह ने प्रेस कॉन्फ्रेंस के दौरान किया, जहां उन्होंने हत्या के पीछे की साजिश और आरोपियों की गिरफ्तारी की जानकारी दी।
हत्या की सूचना और शुरुआती जांच
10 अक्टूबर को बाराबंकी के असंद्रा थाना क्षेत्र के नसीरपुर गांव के मंसारा मजरे के राम सुमिरन ने पुलिस को सूचना दी थी कि उसकी पत्नी की हत्या हो गई है। राम सुमिरन के मुताबिक, 9 अक्टूबर की शाम उसकी पत्नी घर के पीछे शौच के लिए गई थी, जहां अज्ञात व्यक्तियों ने उसकी हत्या कर दी। इस सूचना पर असंद्रा पुलिस ने मुकदमा दर्ज कर जांच शुरू की।
पुलिस की जांच प्रक्रिया के तहत डॉग स्क्वायड और फॉरेंसिक टीम को मौके पर बुलाया गया। घटनास्थल का गहन निरीक्षण किया गया और वैज्ञानिक तरीके से सबूत जुटाए गए। शुरुआती जांच से पुलिस को यह महसूस हुआ कि मामला साधारण हत्या का नहीं है, बल्कि इसके पीछे कोई गहरी साजिश हो सकती है। इसके बाद पुलिस ने डिजिटल डेटा और मैनुअल इंटेलिजेंस का सहारा लिया, जिससे हत्या का काला सच धीरे-धीरे उजागर होने लगा।
अवैध संबंध और टूटता परिवार
पुलिस जांच में यह सामने आया कि मुख्य आरोपी श्रवण कुमार का अपनी ही सगी चाची (मृतका) के साथ पिछले 10 वर्षों से अवैध संबंध था। लेकिन श्रवण की शादी के बाद से उनके रिश्तों में खटास आने लगी। श्रवण की शादी के बाद उसकी चाची नाराज रहने लगी और पहले की तरह संबंध बनाए रखने के लिए श्रवण पर दबाव डालने लगी।
मृतका न केवल श्रवण से शारीरिक संबंधों की मांग करती थी, बल्कि पैसों के लिए भी दबाव बना रही थी। जब श्रवण ने उसकी मांगें मानने से इनकार किया, तो मृतका ने उसके परिवार के सामने सारे राज़ खोलने की धमकी दी। इससे श्रवण के पारिवारिक जीवन में तनाव पैदा हो गया, और उसका परिवार टूटने की कगार पर आ गया।
हत्या की साजिश: एक सोची-समझी योजना
अवैध संबंधों और घरेलू तनाव से तंग आकर श्रवण ने अपनी चाची से पीछा छुड़ाने का फैसला कर लिया। उसने अपने गांव के दोस्त राजेंद्र कुमार के साथ मिलकर अपनी चाची की हत्या की योजना बनाई।
9 अक्टूबर की शाम को श्रवण ने अपनी चाची को घर के पीछे खेत में बुलाया, जहां राजेंद्र खेत के बाहर निगरानी के लिए खड़ा था। चाची ने शौच का बहाना बनाकर खेत का रास्ता लिया, और श्रवण ने उसे वहां बातों में उलझा लिया। जब चाची बातचीत में मशगूल हो गई, तो श्रवण ने उस पर चाकू से ताबड़तोड़ वार कर दिए, जिससे उसकी मौके पर ही मौत हो गई।
गुनाह के सबूत मिटाने की कोशिश
हत्या के बाद श्रवण और राजेंद्र ने सबूत मिटाने के लिए कई उपाय किए। उन्होंने मजार के पास नल पर अपने हाथ-पैर धोए और फिर मोटरसाइकिल से नहर के पास झाड़ियों में हत्या में प्रयुक्त चाकू छिपा दिया।
हत्या के बाद दोनों ने नई सड़क पहुंचकर शराब पी और फिर श्रवण ने अपने हाथ की चोट, जो कि हत्या के दौरान चाकू से लगी थी, का इलाज डॉक्टर से करवाया। श्रवण ने चोट को दुर्घटना का रूप देने के लिए अपनी मोटरसाइकिल का इंडिकेटर तोड़ दिया और नम्बर प्लेट को क्षतिग्रस्त कर दिया ताकि यह लगे कि उसने एक्सीडेंट किया था।
पुलिस की कड़ी जांच और आरोपियों की गिरफ्तारी
पुलिस की सर्विलांस टीम और असंद्रा पुलिस ने डिजिटल डाटा और मैनुअल इंटेलिजेंस की मदद से मामले की गहराई से जांच की। 16 अक्टूबर को पुलिस ने मैनुअल इंटेलीजेंस और सर्विलांस के आधार पर श्रवण कुमार और उसके दोस्त राजेंद्र कुमार को रेपुरा चाट के पास से गिरफ्तार कर लिया।
पुलिस ने पूछताछ के दौरान अपराध की पूरी योजना का खुलासा किया और उनकी निशानदेही पर हत्या में प्रयुक्त चाकू भी बरामद कर लिया। श्रवण ने स्वीकार किया कि उसने अपनी चाची के साथ अवैध संबंधों और दबाव से परेशान होकर उसकी हत्या की थी।
पारिवारिक विवादों की खतरनाक हद
इस हत्याकांड ने न केवल एक अवैध रिश्ते की गहरी और खतरनाक परतों को उजागर किया है, बल्कि यह भी दिखाया है कि पारिवारिक तनाव और संबंधों की उलझन कैसे एक जघन्य अपराध का कारण बन सकती है।
श्रवण और उसकी चाची के बीच के रिश्ते ने परिवार को टूटने की कगार पर ला खड़ा किया था। श्रवण ने अपने परिवार और खुद को बचाने के लिए इस खौफनाक कदम उठाया। अवैध संबंधों की वजह से पहले से ही बिखरते रिश्तों में और तनाव पैदा हुआ, जिसके परिणामस्वरूप यह भयावह हत्या हुई।
सामाजिक और नैतिक परिप्रेक्ष्य
इस घटना ने समाज में अवैध संबंधों और घरेलू विवादों की जटिलता को भी उजागर किया है। पारिवारिक रिश्तों में जब भरोसा टूटता है, तो उसकी परिणति कभी-कभी बहुत ही खतरनाक हो सकती है। श्रवण और उसकी चाची के बीच का यह अवैध रिश्ता और फिर इस रिश्ते का खात्मा, समाज में नैतिकता और पारिवारिक ढांचे पर गहरे सवाल खड़े करता है।
पुलिस की तत्परता और सफल अनावरण
बाराबंकी पुलिस ने इस मामले में जिस तेजी और कुशलता से काम किया, वह सराहनीय है। पुलिस अधीक्षक दिनेश कुमार सिंह ने बताया कि कैसे उन्होंने आधुनिक तकनीक, सर्विलांस, डिजिटल डेटा और मैनुअल इंटेलिजेंस की मदद से इस जटिल मामले का पर्दाफाश किया।
पुलिस की तत्परता और डॉग स्क्वाड, फॉरेंसिक टीम के सहयोग से वैज्ञानिक आधार पर जुटाए गए सबूतों ने इस केस को सुलझाने में अहम भूमिका निभाई। अभियुक्तों को जल्द ही गिरफ्तार कर हत्या में प्रयुक्त चाकू बरामद कर लेना पुलिस की चतुराई और उनके अद्भुत कार्यशैली को दर्शाता है।
अपराध और रिश्तों की उलझन
यह हत्याकांड केवल एक अपराध की कहानी नहीं है, बल्कि पारिवारिक रिश्तों की उलझनों, अवैध संबंधों, और सामाजिक ताने-बाने की जटिलताओं की एक दुखद दास्तान है। श्रवण कुमार और उसकी चाची के बीच का अवैध रिश्ता, जो कभी उन्हें करीब लाया था, अंत में मौत और बर्बादी का कारण बन गया।
इस घटना ने समाज के सामने यह सवाल छोड़ दिया है कि क्या रिश्तों में तनाव और अवैध संबंधों की जटिलताएं कभी-कभी इतनी खतरनाक हो सकती हैं कि वे एक व्यक्ति को इस हद तक ले जाएं कि वह हत्या जैसा जघन्य अपराध कर बैठे?
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