Lok Shakti

Nationalism Always Empower People

Hardoi में पुलिस पर हत्या का आरोप: एक अधेड़ की मौत के बाद का मंजर

police

Hardoi जिले के नटपुरवा गांव में एक गंभीर घटना ने पूरे इलाके को हिला कर रख दिया है। पुलिस पर एक अधेड़ व्यक्ति, कन्हई, की पीट-पीटकर हत्या करने का आरोप लगाया गया है। यह घटना न केवल पीड़ित परिवार के लिए बल्कि स्थानीय समुदाय के लिए भी एक बड़ी चिंता का विषय बन गई है। इस घटना ने यह सवाल उठाया है कि क्या पुलिस का कार्यभार केवल अपराधियों को पकड़ना है या वे नागरिकों की सुरक्षा का भी ध्यान रखते हैं।

घटना का विवरण

रविवार की रात को, जब हर कोई अपनी नींद में था, तभी कुछ पुलिसकर्मी, जो सादी वर्दी में थे, कमल बाबू के घर में घुस आए। उनका मकसद कमल को पूछताछ के लिए ले जाना था। लेकिन, जब परिवार के सदस्यों ने देखा कि पुलिस कमल बाबू को ले जा रही है, तो उन्होंने विरोध किया। इस बीच, कन्हई, जो कमल के मौसा हैं, मौके पर पहुंचे और पुलिस से पूछने लगे कि उन्हें क्यों ले जाया जा रहा है। आरोप है कि इसी समय पुलिस ने कन्हई को बेरहमी से पीटना शुरू कर दिया।

पुलिस की बर्बरता का यह सिलसिला यहीं खत्म नहीं हुआ। कन्हई को धक्का देकर गिरा दिया गया, और वह एक खंभे से टकराकर बेहोश हो गए। उन्हें तुरंत अस्पताल ले जाया गया, लेकिन वहां डॉक्टरों ने उन्हें मृत घोषित कर दिया। इस घटना के बाद, जैसे ही मृतक के परिजनों ने शव को पोस्टमार्टम के लिए ले जाने का प्रयास किया, उनकी पुलिसकर्मियों से झड़प हो गई।

पुलिस की सफाई और स्थानीय प्रतिक्रिया

पुलिस ने इस मामले में सफाई दी है। अपर पुलिस अधीक्षक नृपेंद्र कुमार ने बताया कि अज्ञात पुलिसकर्मी कमल को पूछताछ के लिए ले जा रहे थे और इसी दौरान कन्हई गिर गए। उन्होंने यह भी कहा कि पुलिस कार्रवाई की जा रही है, लेकिन यह स्पष्ट नहीं किया गया कि उस रात किस मामले में पूछताछ होनी थी।

इस घटना ने स्थानीय समुदाय में आक्रोश पैदा कर दिया है। गांव में तनाव बढ़ने के कारण, पीएसी और कई थानों की फोर्स को तैनात किया गया है। स्थानीय लोग पुलिस की कार्रवाई को गैरकानूनी मानते हैं और वे न्याय की मांग कर रहे हैं।

समाज में बढ़ती पुलिस बर्बरता की चिंता

यह घटना अकेली नहीं है। देश भर में पुलिस बर्बरता की बढ़ती घटनाएं हमें यह सोचने पर मजबूर करती हैं कि क्या पुलिस का कार्य केवल अपराधियों को पकड़ना है, या उन्हें नागरिकों की सुरक्षा का भी ध्यान रखना चाहिए। कई मामलों में देखा गया है कि पुलिसकर्मी अपनी शक्ति का दुरुपयोग करते हैं, जिससे निर्दोष लोगों को परेशान किया जाता है।

हरदोई में हुई यह घटना न केवल उस परिवार के लिए एक त्रासदी है, बल्कि यह पूरे समाज के लिए एक चेतावनी भी है। हमें यह सुनिश्चित करना होगा कि ऐसे मामलों में न्याय मिले और दोषियों को सजा मिले।

प्रशासन की जिम्मेदारी

अब प्रशासन की जिम्मेदारी है कि वह इस मामले की निष्पक्ष जांच करे और यह सुनिश्चित करे कि दोषी पुलिसकर्मियों के खिलाफ कार्रवाई की जाए। इसके अलावा, समाज में पुलिस के प्रति विश्वास को बहाल करने के लिए ठोस कदम उठाने की आवश्यकता है।

हरदोई में घटित यह घटना न केवल एक व्यक्ति की मौत का कारण बनी है, बल्कि यह एक गंभीर सवाल भी खड़ा करती है कि क्या हमारे पुलिस बल का कार्य केवल अपराधियों को पकड़ना है, या उन्हें नागरिकों की रक्षा भी करनी चाहिए। हमें एक मजबूत और सुरक्षित समाज के लिए यह सुनिश्चित करना होगा कि हमारी पुलिस बल नागरिकों के प्रति उत्तरदायी हो।