उत्तर प्रदेश के Kanpur में एक चौंकाने वाली ठगी का मामला सामने आया है, जिसने लोगों के होश उड़ा दिए हैं। एक खूबसूरत यंग कपल ने लोगों को ‘जवान बनाने’ के झूठे वादे देकर 35 करोड़ रुपये से अधिक की ठगी को अंजाम दिया। इस धोखाधड़ी के बाद कपल के विदेश भागने की आशंका जताई जा रही है। पुलिस ने मामला दर्ज कर लिया है और रेड कार्नर नोटिस जारी करने की प्रक्रिया भी चल रही है।
‘जवान बनाने’ की स्कीम का चौंकाने वाला जाल
Kanpur के स्वरूप नगर निवासी राजीव दुबे और उनकी पत्नी रश्मि दुबे ने ठगी का यह जाल बड़ी चालाकी से बुना। दोनों ने साकेत नगर में एक इमारत किराये पर ली और वहाँ ‘रिवाइवल वर्ल्ड’ के नाम से एक क्लिनिक खोला। इस क्लिनिक के ज़रिए उन्होंने लोगों को यह झांसा दिया कि उनके पास एक ऐसी ‘टाइम मशीन’ है, जो किसी भी उम्रदराज व्यक्ति को फिर से जवान बना सकती है।
इस ‘टाइम मशीन’ को लेकर राजीव और रश्मि ने यह दावा किया कि यह एक इजरायली मशीन है, जो वैज्ञानिकों की खोज पर आधारित है। उनका कहना था कि इजराइल में 65 साल के बुजुर्गों पर एक एक्सपेरिमेंट किया गया, जिसमें उन्हें पांच दिनों तक ऑक्सीजन थेरेपी दी गई और तीन महीने बाद उनका शरीर 25 साल का जैसा हो गया। इस एक्सपेरिमेंट का हवाला देकर उन्होंने लोगों को फंसाना शुरू किया।
ठगी का खेल: स्कीम्स और झांसे
राजीव और रश्मि ने अपनी ठगी को योजनाबद्ध तरीके से अंजाम दिया। शिकायतकर्ता रेनू चंदेल ने आरोप लगाया कि कपल ने दो स्कीम्स पेश कीं। पहली स्कीम 6 हजार रुपये की थी, जिसमें 10 ऑक्सीजन बार, एक एचटी वाट, और एक हाइड्रा दी जाती थी। दूसरी स्कीम 90 हजार रुपये की थी, जिसमें 10 ऑक्सीजन बार, 60 एचटी वाट और 3 हाइड्रा शामिल थे। उन्होंने यह भी दावा किया कि भविष्य में इन स्कीम्स की कीमत में भारी बढ़ोतरी होगी और लोग लाइन में लगकर इन सेवाओं का लाभ उठाने के लिए तैयार रहेंगे।
इतना ही नहीं, उन्होंने ‘चेन सिस्टम’ का भी लालच दिया, जिसमें लोग अपने नीचे कस्टमर्स जोड़कर कमाई कर सकते थे। इसी लालच में आकर रेनू ने 150 लोगों को जोड़ा और 9 लाख रुपये जमा किए। इसके अलावा, बिज़नेस सेटअप के नाम पर साढ़े तीन लाख रुपये और दिए। रेनू का दावा है कि राजीव और रश्मि ने इस तरीके से 35 करोड़ से भी अधिक की ठगी की है।
रेड कार्नर नोटिस और पुलिस की कार्रवाई
रेनू चंदेल की शिकायत के बाद, कानपुर के गोविंद नगर थाने में राजीव और रश्मि के खिलाफ मुकदमा पंजीकृत किया गया है। डीसीपी साउथ अंकिता शर्मा ने बताया कि पुलिस इस मामले को गंभीरता से ले रही है और दोनों आरोपियों के विदेश भागने की आशंका के चलते रेड कार्नर नोटिस जारी किया जा रहा है। साथ ही, पासपोर्ट विभाग को सूचित कर दोनों का पासपोर्ट भी जब्त किया जा रहा है ताकि वे देश से बाहर न जा सकें।
बंटी और बबली की याद दिलाता है मामला
यह मामला बहुत हद तक बॉलीवुड फिल्म ‘बंटी और बबली’ की कहानी जैसा लगता है, जिसमें मुख्य किरदार भी इसी तरह लोगों को धोखा देकर भागते हैं। कानपुर का यह कपल भी बहुत चालाकी से प्लानिंग करके अपने शिकारों को ठगता गया। लेकिन, आखिरकार उनके खिलाफ कानूनी शिकंजा कसता जा रहा है।
समाज पर असर और भविष्य की चेतावनी
इस घटना ने समाज में एक गंभीर सवाल खड़ा कर दिया है कि लोग किस हद तक अपनी उम्र और स्वास्थ्य को लेकर असुरक्षित महसूस कर रहे हैं। उम्रदराज होने के डर और फिर से जवान दिखने की चाहत में लोग ठगों के हाथों में फंस जाते हैं। यह घटना एक चेतावनी है कि ऐसे वादों और योजनाओं से सतर्क रहना चाहिए, जो अवास्तविक और भ्रामक हों।
इस तरह के मामलों से यह भी साफ हो जाता है कि धोखाधड़ी करने वाले किस तरह लोगों की भावनाओं का फायदा उठाकर उन्हें अपने जाल में फंसा लेते हैं। सामाजिक जागरूकता और कानूनी कार्रवाई का मिलाजुला प्रयास ही ऐसी घटनाओं को रोक सकता है।
और भी मामले
कानपुर की यह घटना ठगी के अनगिनत मामलों में से एक है, जो इस बात की ओर इशारा करता है कि किस प्रकार ठग आधुनिक टेक्नोलॉजी और चिकित्सा के नाम पर लोगों को ठगने में माहिर हो गए हैं। पिछले कुछ वर्षों में भारत में कई ऐसी घटनाएँ सामने आई हैं, जहाँ साइबर ठगों, फर्जी निवेश योजनाओं, और नकली मेडिकल उपकरणों के माध्यम से करोड़ों रुपये की धोखाधड़ी की गई है।
हाल ही में दिल्ली में भी एक ऐसा मामला सामने आया, जिसमें लोगों को फर्जी मेडिकल इलाज के नाम पर ठगा गया। आरोपियों ने विदेशों से नकली मेडिकल उपकरण मंगवाकर उन्हें असली बताकर बेचा और करोड़ों की कमाई की। इस तरह के मामलों में ठग हमेशा कुछ नई तरकीबें निकालते हैं, ताकि वे कानून से बच सकें।
ठगी से बचाव के उपाय
इस तरह की ठगी से बचने के लिए जागरूकता और सतर्कता बेहद जरूरी है। लोगों को किसी भी ऐसी स्कीम या वादे से सावधान रहना चाहिए, जो बहुत ही अच्छे लगते हैं, खासकर जब बात स्वास्थ्य और जीवनशैली की हो। किसी भी नई चिकित्सा तकनीक या चिकित्सा उपचार के बारे में पूरी जानकारी जुटाएं और सरकारी मान्यता प्राप्त डॉक्टरों से परामर्श लें।
यदि किसी भी स्कीम या व्यक्ति पर संदेह होता है, तो तुरंत पुलिस या संबंधित अधिकारियों को सूचित करें। इसके साथ ही, मीडिया और सरकारी एजेंसियों को भी समय-समय पर लोगों को जागरूक करने के लिए अभियान चलाना चाहिए, ताकि लोग ठगों के जाल में न फंसें।
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