नोएडा। उत्तर प्रदेश में Noida International Airport के निर्माण की दिशा में एक महत्वपूर्ण मील का पत्थर स्थापित हुआ है। हाल ही में लखनऊ में आयोजित एक महत्वपूर्ण बैठक में एयरपोर्ट बोर्ड ने एयरपोर्ट के निर्माण की प्रगति की समीक्षा की। इस बैठक की अध्यक्षता मुख्य सचिव मनोज कुमार सिंह ने की, जिसमें एयरपोर्ट की बैलेंस शीट को भी स्वीकृति के लिए प्रस्तुत किया गया। इस बैठक में यह निर्णय लिया गया कि एयरपोर्ट से 30 नवंबर को पहली कमर्शियल उड़ानों की टेस्टिंग की जाएगी और अप्रैल 2025 तक यहां से यात्री सेवाओं का संचालन प्रारंभ कर दिया जाएगा।
एयरपोर्ट की महत्वता
Noida International Airport, जो कि यमुना एक्सप्रेसवे के निकट स्थित है, न केवल नोएडा के विकास के लिए महत्वपूर्ण है, बल्कि यह राष्ट्रीय और अंतर्राष्ट्रीय स्तर पर भी एक प्रमुख हवाई अड्डा बनने की क्षमता रखता है। इस एयरपोर्ट के निर्माण से क्षेत्र में रोजगार के अवसर बढ़ेंगे और आर्थिक विकास को भी गति मिलेगी। नोएडा और आस-पास के क्षेत्रों के यात्रियों को नई उड़ान सुविधाओं का लाभ मिलेगा, जिससे उनकी यात्रा में समय की बचत होगी और कनेक्टिविटी बेहतर होगी।
पहली कमर्शियल उड़ानों का परीक्षण
30 नवंबर को होने वाले पहले कमर्शियल उड़ानों के परीक्षण में प्रमुख एयरलाइंस जैसे एयरपोर्ट अथॉरिटी ऑफ इंडिया, इंडिगो और अकासा शामिल होंगे। यह परीक्षण इस बात का संकेत है कि एयरपोर्ट के संचालन से संबंधित सभी तैयारियाँ तेजी से की जा रही हैं। नोएडा इंटरनेशनल एयरपोर्ट लिमिटेड के सीईओ डॉ. अरुणवीर सिंह की अध्यक्षता में हुई बैठक में भारतीय विमान प्राधिकरण (AAI), महानिदेशक नागरिक उड्डयन (DGCA) और यमुना इंटरनेशनल एयरपोर्ट के अधिकारियों ने भी हिस्सा लिया। इस बैठक में घरेलू और अंतरराष्ट्रीय उड़ानों की शुरुआत को लेकर चर्चा की गई और आवश्यक अनुमतियों की प्रक्रिया को अंतिम रूप दिया गया।
आर्थिक विकास और रोजगार के अवसर
इस एयरपोर्ट के उद्घाटन के साथ ही नोएडा और इसके आसपास के क्षेत्रों में न केवल यातायात की सुविधा बढ़ेगी, बल्कि इसके माध्यम से क्षेत्र में आर्थिक गतिविधियों को भी बढ़ावा मिलेगा। स्थानीय व्यापारियों को नए ग्राहकों तक पहुँचने का अवसर मिलेगा, जिससे उनकी आय में वृद्धि होगी। इसके अलावा, एयरपोर्ट के संचालन से स्थानीय युवाओं के लिए रोजगार के नए अवसर भी उत्पन्न होंगे। विभिन्न विभागों से आवश्यक अनुमतियों की प्रक्रिया शुरू कर दी गई है ताकि एयरपोर्ट के निर्माण के शेष कार्यों को जल्द से जल्द पूरा किया जा सके।
मायावती और राजनीतिक परिप्रेक्ष्य
इस एयरपोर्ट के विकास की दिशा में उत्तर प्रदेश की पूर्व मुख्यमंत्री मायावती का योगदान भी महत्वपूर्ण रहा है। उन्होंने अपने कार्यकाल के दौरान राज्य के विकास के लिए कई योजनाओं की शुरुआत की थी, जिसमें परिवहन और अवसंरचना विकास को प्राथमिकता दी गई थी। मायावती की पार्टी, बहुजन समाज पार्टी (बसपा), ने हमेशा से ही विकासात्मक योजनाओं को बढ़ावा देने की बात की है। इस एयरपोर्ट के विकास को लेकर मायावती ने राज्य सरकार से अपेक्षा की है कि यह परियोजना बिना किसी राजनीतिक भेदभाव के पूरी की जाएगी।
भविष्य की योजनाएँ
नोएडा इंटरनेशनल एयरपोर्ट के अलावा, राज्य सरकार अन्य हवाई अड्डों के विकास पर भी ध्यान केंद्रित कर रही है। यह सरकार उत्तर प्रदेश को एक प्रमुख हवाई यात्रा केंद्र बनाने के लिए कई योजनाएँ बना रही है। इस दिशा में, अन्य महत्वपूर्ण शहरों में भी हवाई अड्डों के विकास की योजनाएँ चल रही हैं। यदि इन योजनाओं को सफलतापूर्वक लागू किया जाता है, तो उत्तर प्रदेश न केवल हवाई यात्रा के क्षेत्र में एक प्रमुख केंद्र बनेगा, बल्कि इससे राज्य के आर्थिक विकास को भी गति मिलेगी।
नोएडा इंटरनेशनल एयरपोर्ट का विकास उत्तर प्रदेश के लिए एक नई शुरुआत का संकेत है। इससे न केवल क्षेत्रीय विकास को बढ़ावा मिलेगा, बल्कि यह यात्रियों के लिए सुविधाजनक और तेज यात्रा का अनुभव भी सुनिश्चित करेगा। आने वाले समय में, इस एयरपोर्ट के माध्यम से नोएडा और आसपास के क्षेत्रों के विकास में महत्वपूर्ण योगदान देने की उम्मीद की जा रही है। जैसे-जैसे एयरपोर्ट की निर्माण प्रक्रिया आगे बढ़ेगी, यह देखने का विषय होगा कि कैसे यह क्षेत्र के विकास में योगदान देगा और स्थानीय निवासियों के लिए नए अवसरों का सृजन करेगा।
अंत में, यह एयरपोर्ट नोएडा को न केवल एक प्रमुख हवाई यात्रा केंद्र बनाएगा, बल्कि पूरे उत्तर प्रदेश के लिए विकास की नई संभावनाएँ भी खोलेगा।
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