Hathras: कोतवाली हाथरस गेट क्षेत्र के ओढ़पुरा के निकट एक हृदयविदारक घटना घटी, जहाँ एक फाइनेंस कर्मचारी चेतन प्रकाश ने ट्रेन के आगे कूदकर आत्महत्या कर ली। चेतन की उम्र महज 35 साल थी और वे आगरा के फतेहपुर सीकरी थाना क्षेत्र के गांव खेड़ा जाट के रहने वाले थे। उनकी शादी को लगभग 15 साल हो चुके थे, लेकिन पत्नी से अलगाव की स्थिति चल रही थी। चेतन की पत्नी पिछले कुछ समय से अपने मायके में रह रही थी और यह पारिवारिक तनाव अब चेतन के जीवन का अंत साबित हुआ। इस घटना ने एक बार फिर घरेलू हिंसा और उत्पीड़न के गंभीर परिणामों को उजागर किया है।
भाई के आरोप: पत्नी का मानसिक उत्पीड़न बना आत्महत्या का कारण
चेतन के भाई ने पुलिस के सामने बयान दिया कि चेतन की पत्नी उनका मानसिक उत्पीड़न करती थी। वह चेतन को तलाक की धमकी देती थी, जिससे चेतन लगातार तनाव में रहते थे। परिवार के अनुसार, चेतन इस मानसिक उत्पीड़न से बेहद परेशान हो चुके थे और इसी कारण उन्होंने इस चरम कदम को उठाया। चेतन ने अपने पीछे दो मासूम बच्चों को छोड़ दिया है, जो अब अनाथ हो गए हैं।
घरेलू हिंसा: समाज में एक बड़ी समस्या
इस घटना ने समाज में व्याप्त घरेलू हिंसा के गंभीर स्वरूप को फिर से सामने रखा है। घरेलू हिंसा केवल शारीरिक हिंसा तक सीमित नहीं होती, बल्कि मानसिक और भावनात्मक उत्पीड़न भी इसका एक रूप है। चेतन की आत्महत्या इस बात की ओर इशारा करती है कि कई बार पुरुष भी घरेलू हिंसा और उत्पीड़न के शिकार होते हैं, लेकिन वे इसे समाज के डर से सार्वजनिक नहीं कर पाते।
घरेलू हिंसा और आत्महत्या के बढ़ते मामले
भारत में घरेलू हिंसा के मामले तेजी से बढ़ रहे हैं, और इसका प्रभाव न केवल महिलाओं पर बल्कि पुरुषों पर भी पड़ रहा है। नेशनल क्राइम रिकॉर्ड ब्यूरो (NCRB) के आंकड़ों के अनुसार, आत्महत्या के कई मामलों में पारिवारिक कलह और मानसिक उत्पीड़न एक प्रमुख कारण होते हैं। हालांकि महिलाओं के खिलाफ घरेलू हिंसा के मामलों में जागरूकता बढ़ी है, लेकिन पुरुषों के प्रति घरेलू हिंसा के मामलों को नजरअंदाज किया जाता है। चेतन प्रकाश की घटना यह स्पष्ट करती है कि मानसिक उत्पीड़न किसी के जीवन को किस हद तक प्रभावित कर सकता है।
चेतन का संघर्ष: घरेलू तनाव से जूझते एक आम व्यक्ति की कहानी
चेतन प्रकाश एक निजी फाइनेंस कंपनी में काम करते थे और उन्होंने ओढ़पुरा क्षेत्र में किराए पर एक कमरा लिया हुआ था। काम के प्रति समर्पित और परिवार के प्रति जिम्मेदार चेतन, मानसिक उत्पीड़न से ग्रस्त होकर अपनी जिंदगी खत्म करने को मजबूर हो गए। उनके परिवार वालों का कहना है कि चेतन पिछले कुछ महीनों से बेहद तनाव में थे और पत्नी के उत्पीड़न के चलते वे अलग-थलग महसूस कर रहे थे। उनका यह संघर्ष इस बात की ओर इंगित करता है कि घरेलू हिंसा केवल शारीरिक नहीं, बल्कि मानसिक और भावनात्मक स्तर पर भी विनाशकारी हो सकती है।
घरेलू हिंसा से बचने के उपाय
समाज में घरेलू हिंसा की समस्या का समाधान तभी संभव है, जब लोग इस मुद्दे को गंभीरता से समझेंगे और उसके खिलाफ आवाज उठाएंगे। निम्नलिखित कुछ उपाय हैं, जो घरेलू हिंसा को रोकने में मददगार हो सकते हैं:
- कानूनी सहायता लें: यदि कोई व्यक्ति घरेलू हिंसा का शिकार है, तो उसे तुरंत पुलिस या किसी कानूनी सहायता केंद्र से संपर्क करना चाहिए। भारतीय कानून में घरेलू हिंसा के खिलाफ कई प्रावधान हैं, जिनके तहत पीड़ित व्यक्ति को सुरक्षा और न्याय दिलाया जा सकता है।
- मानसिक स्वास्थ्य पर ध्यान दें: मानसिक उत्पीड़न से पीड़ित व्यक्ति को मानसिक स्वास्थ्य विशेषज्ञ से सलाह लेनी चाहिए। मानसिक स्वास्थ्य से जुड़ी समस्याओं को नजरअंदाज करना आत्महत्या जैसी घटनाओं का कारण बन सकता है।
- समाज से समर्थन प्राप्त करें: घरेलू हिंसा का शिकार व्यक्ति समाज और परिवार से समर्थन प्राप्त कर सकते हैं। यह समर्थन उन्हें मानसिक और भावनात्मक रूप से मजबूत बनाएगा।
- परिवारिक काउंसलिंग: कई बार परिवारिक काउंसलिंग से भी समस्याओं का समाधान निकल सकता है। यह एक माध्यम है, जिसके जरिए पति-पत्नी आपस में संवाद कर सकते हैं और अपने मुद्दों का समाधान निकाल सकते हैं।
घरेलू हिंसा के शिकार पुरुषों की अनसुनी आवाज
जब भी घरेलू हिंसा की बात होती है, तो आमतौर पर महिलाएं इसका केंद्र होती हैं। हालांकि, भारत में पुरुष भी घरेलू हिंसा के शिकार होते हैं, लेकिन उनके मामलों को न तो पर्याप्त महत्व मिलता है, न ही समाज उनकी समस्याओं को समझता है। चेतन प्रकाश जैसे कई पुरुष इस सामाजिक दबाव और चुप्पी के कारण अपनी समस्याओं को सामने लाने में असमर्थ होते हैं, और अंततः यह उत्पीड़न उनकी जान लेने तक पहुंच जाता है।
पुलिस जांच और निष्कर्ष
चेतन की आत्महत्या के बाद मौके पर पुलिस ने पहुंचकर शव को पोस्टमार्टम के लिए भेज दिया है और मामले की जांच शुरू कर दी है। पुलिस यह जानने का प्रयास कर रही है कि चेतन की पत्नी के साथ उनका विवाद किस हद तक गंभीर था और क्या उनकी आत्महत्या में अन्य कोई कारण शामिल थे। हालांकि, फिलहाल सभी सबूत इस बात की ओर इशारा कर रहे हैं कि चेतन का घरेलू जीवन और उनकी पत्नी का उत्पीड़न उनकी आत्महत्या का मुख्य कारण था।
चेतन प्रकाश की आत्महत्या ने एक बार फिर समाज के सामने घरेलू हिंसा और उत्पीड़न के गंभीर प्रभावों को उजागर किया है। इस दुखद घटना से यह संदेश मिलता है कि चाहे पुरुष हो या महिला, घरेलू हिंसा से पीड़ित व्यक्ति को सहायता और समर्थन की जरूरत होती है। समाज और परिवार को मिलकर इस समस्या का समाधान निकालना होगा, ताकि ऐसी त्रासद घटनाओं से बचा जा सके।
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