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शहीदों के सपनों का देश बनाने में हम नाकाम :

अशफाक उल्ला खां मेमोरियल शहीद शोध संस्थान द्वारा आयोजित शहीद शिरोमणि चंद्र शेखर आजाद के बलिदान दिवस पर बोलते हुए संस्थान के प्रबंध निदेशक सूर्य कांत पाण्डेय ने कहा कि शहीदों के सपनों का देश बनाने में हम नाकाम रहे हैं। संस्थान एच एस आर ए का घोषणापत्र प्रकाशित कराकर नयी पीढ़ी में वितरित करेगा। संस्थान शहीदों के सपनों से समाज को अवगत कराएगा। सिविल लाइन स्थित होटल अवंतिका में आयोजित बलिदान दिवस समारोह की अध्यक्षता संस्थान के अध्यक्ष सलाम जाफरी ने किया। समारोह को संबोधित करते हुए जिला पंचायत के कार्यकारी अध्यक्ष रहे करुणाकर पाण्डेय ने कहा कि भारत को आजाद कराने में क्रांतिकारी संगठनों का योगदान अविस्मरणीय है। सरकारों ने उनके योगदान को कमतर किया। भाकपा नेता अशोक तिवारी ने कहा कि शहीदों के विचारों पर काम करने वाली पार्टियों को सरकार में रहने का अवसर नहीं मिला जिसके कारण उनके सपने अधूरे हैं। वरिष्ठ पत्रकार कृष्ण प्रताप सिंह ने कहा कि क्रांतिकारी संगठनों का योगदान भुलाया नहीं जा सकता है। उन्होंने आजादी के कारणों तथा आवश्यकताओं को स्पष्ट किया। वह शोषण विहीन समाज बनाना चाहते थे।आजदी के पचहत्तर साल बाद भी देश में भयंकर गैरबराबरी है। गऱीबी और लाचारी समाज की नियति बन गई है। भाकपा माले नेता अतीक अहमद ने कहा कि क्रांतिकारी आन्दोलन के इतिहास को माध्यमिक शिक्षा के पाठ्यक्रम में शामिल करना आवश्यक है। उन्होंने कहा कि सरकारें क्रांतिकारी विचारों से डरती हैं। समारोह को अब्दुलरहमान भोलू, रविशंकर मिश्रा, ध्रुव पाण्डेय,राजा पाण्डेय, सतेन्द्र पाण्डेय, दुर्गेश मिश्रा, बागी सुमित तिवारी अखिलेश कुमार शुक्ला, अवधेश पाण्डेय, जफ़ऱ इक़बाल,ऋषिओम पाण्डेय, मनीष पांडेय, राधेश्याम तिवारी, अनिल मौर्या, उमाकांत विश्वकर्मा आदि ने संबोधित किया। शहादत दिवस समारोह की शुरुआत शहीद के चित्र पर माल्यार्पण से प्रारंभ हुआ।