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राष्ट्रपति बनने से पहले ट्रेन रुकने के लिए Ramnath Kovind ने दिया था धरना, अब रेलवे ने दिया ग्रीन सिग्नल

कानपुर देहात : कानपुर झांसी रेलवे लाइन के दोहरीकरण का काम पूरा होते ही एक और बड़ी सौगात मिल गई है। अब इस रूट के पुखरायां रेलवे स्टेशन पर तीन एक्सप्रेस ट्रेनों के ठहराव की हरी झंडी रेलवे बोर्ड की तरफ से मिल गई है। बुधवार को गोरखपुर पनवेल एक्सप्रेस का ठहराव हुआ। इसके बाद केंद्रीय राज्यमंत्री भानु प्रताप वर्मा व कैबिनेट मंत्री राकेश सचान ने हरी झंडी दिखाकर ट्रेन को लखनऊ के लिए रवाना किया। ट्रेनों के ठहराव से जिले की 21 लाख की आबादी लाभाविंत होगी। इन ट्रेनों की ठहराव की मांग को लेकर रामनाथ कोविंद ने धरना दिया था। तब वह राज्यसभा के पूर्व सदस्य थे। राष्ट्रपति रहने के दौरान उन्होंने रेलवे बोर्ड के चेयरमैन को तलब कर ट्रेनों का ठहराव सुनिश्चित कराने को कहा था।

व्यापार की दृष्टिकोण से जिले का पुखरायां कस्बा बहुत महत्वपूर्ण है। इस कस्बा के एक तरफ कानपुर-झांसी हाईवे है। वहीं दूसरी तरफ कानपुर झांसी रेलवे लाइन है। इससे यहां से व्यापारिक गतिविधियों को गति मिलती है लेकिन महत्वपूर्ण ट्रेनों के ठहराव न होने से व्यापारी परेशान होते थे। ट्रेनों के ठहराव की मांग लंबे समय से हो रही थी।

राष्ट्रपति बनने से पहले रामनाथ कोविंद ने दिया था धरना
पुखरायां कस्बा व्यापार का हब है। राष्टपति बनने से पहले रामनाथ कोविंद इस क्षेत्र में पूरी तरह से राजनीति में सक्रिय रहे थे। वह राज्यसभा रहने के दौरान इस क्षेत्र के विकास के लिए प्रयासरत रहते थे। यहां की सबसे बड़ी समस्या ये रही कि एक्सप्रेस ट्रेनों का ठहराव नहीं होता रहा। इसकी मांग हमेशा उठती रही। एक्सप्रेस ट्रेनों का ठहराव न होने से व्यापारिक गतिविधियों में तेजी नहीं आ पा रही थी। लोगों को मुंबई, चेन्नई व अन्य बड़े शहरों में जाने के लिए ट्रेन पकडऩे कानपुर या फिर उरई जाना पड़ता था। रामनाथ कोविंद ने 8 जनवरी 2014 को पुखरायां स्टेशन पर एक्सप्रेस ट्रेनों के ठहराव की मांग को लेकर धरना दिया था। कहा था कि केंद्र में सरकार बनने पर वह ट्रेनों का ठहराव सुनिश्चित कराएंगे।

उनके साथ धरने में सांसद भानु प्रताप वर्मा भी शामिल हुए थे। भानु प्रताप वर्मा अब केंद्र सरकार में लघु उद्योग राज्यमंत्री है। रामनाथ कोविंद राष्ट्रपति बने तो उनके करीबी लोग उन्हें ट्रेनों के ठहराव को लेकर दिए गए धरने की याद दिलाते रहे। इस पर 15 जून 2022 को उन्होंने रेलवे बोर्ड के चेयरमैन को तलब कर ट्रेनों का ठहराव सुनिश्वित कराने को कहा था। तब झांसी रेलवे लाइन के दोहरीकरण का काम चल रहा था। चेयरमैन ने तत्कालीन राष्ट्रपति को भरोसा दिया था कि रेलवे लाइन के दोहरीकरण का काम पूरा होते ही ठहराव सुनिश्चित करा देंगे। अभी पिछले सप्ताह ही लाइन के दोहरीकरण का काम पूरा हुआ है। अब 13 फरवरी को रेलवे के चेयरमैन ने ठहराव को स्वीकृति दे दी है।

देश के बाहर भी है जनपद की पहचान
औद्योगिक क्षेत्र के रुप में कानपुर देहात जनपद की देश के साथ अन्य देशों में भी है। इसकी वजह है कि यहां नेरोलक व पेप्सिको जैसी कई बड़ी विदेशी कंपनियां संचालित हैं। व्यापारिक दृष्टकोण से बेहद महत्वपूर्ण जिला है। ये कानपुर महानगर की सीमा से जुड़ा है यहां से दो हाईवे निकले हैं। साथ कानपुर-झांसी व कानपुर इटावा। इसी तरह से दिल्ली हावड़ा व कानपुर झांसी दो रेलवे रूट हैं। रनियां व जैनपुर औद्योगिक क्षेत्र में देश की कई नामी फैक्टरियां संचालित हैं।

कैबिनेट मंत्री ने भी रेलमंत्री से की थी मांग
पुखरायां कस्बा में ट्रेनों के ठहराव की मांग को लेकर प्रदेश सरकार के सूक्ष्म, लघु एवं मध्यम उद्यम, खादी एवं ग्रामोद्योग, रेशम उद्योग हथकरघा एवं वस्त्रोद्योग मंत्री राकेश सचान ने रेल संचार, इलेक्ट्रानिक एवं सूचना प्रौद्योगिकी मंत्री भारत सरकार अश्वनी वैष्णव से मुलाकात कर पुखरायां स्टेशन में एक्सप्रेस ट्रेनों के ठहराव की मांग की थी। भारत सरकार के मंत्री ने उन्हें जल्द ही ठहराव सुनिश्चित कराने का भरोसा दिया था।

जानिए कब रुकेगी कौन सी ट्रेन
गोरखपुर पनवेल (मुंबई) एक्सप्रेस रविवार, सोमवार, मंगलवार, गुरुवार व शुक्रवार को सप्ताह में पांच दिन रुकेगी। वहीं लखनऊ-चेन्नई सोमवार व गुरुवार सप्ताह में दो दिन रुकेगी। लखनऊ-पुणे एक्सप्रेस सप्ताह में एक दिन प्रत्येक बुधवार को रुकेेगी। रेलवे चेयरमैन के निर्देश को तत्काल लागू कर दिया गया है।