आरोपी आफताब
– फोटो : अमर उजाला
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500 व 1000 के प्रतिबंधित पुराने नोटों से सुरक्षा धागा (सिक्योरिटी थरेड) निकालकर दो-दो हजार के नकली नोट आफताब और उसका जीजा शाहिद गिरोह बनाकर तैयार करते थे। पुलिस और सुरक्षा एजेंसियों की प्राथमिक जांच में यह नकली नोट बेहतर क्वालिटी के मिले हैं। इनको आसानी से पकड़ना मुश्किल है। नकली नोटों को पुलिस इंदौर या फिर नासिक लैब में भेजकर जांच कराने का दावा कर रही है।
वहीं लैब की जांच रिपोर्ट के बाद जीजा-साले को यूएपीए एक्ट (आतंकवादी क्रियाकलापों के लिए दंड) के तहत भी नामजद किया जा सकता है। इस मामले में एनआईए, एटीएस, आईबी सहित कई सुरक्षा एजेंसी भी जांच में जुटी है।
रविवार को घंटाघर पर सात दुकानदारों को दो-दो हजार के नकली नोट देकर सामान खरीदते आफताब निवासी अहमदनगर लिसाड़ीगेट को पकड़ा गया था। सोमवार को सुरक्षा एजेंसियों ने आफताब से पूछताछ की। आरोपी पहले तो सुरक्षा गुमराह करता रहा, बाद में जीजा शाहिद का नाम बताया।
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