विस्तारइलाहाबाद हाईकोर्ट ने राज्य सरकार की तरफ से जवाबी हलफनामा तैयार करने में लापरवाही बरतने पर कड़ा रूख अपनाया है। कोर्ट ने कहा है कि जवाब लिखाते समय सावधान रहने की बार बार दी गई चेतावनी के बावजूद कोई सुधार नहीं हो रहा है। कोर्ट ने कहा दहेज हत्या मामले में पति व ससुर कोर्ट से बरी हो गए और सास की अग्रिम जमानत अर्जी पर पुलिस उपाधीक्षक सहावर, कासगंज के हलफनामे में लिखा गया है कि याची आपराधिक प्रवृत्ति की महिला है और समर्थन में कोई दस्तावेज दाखिल नहीं किया गया है। कोर्ट ने ऐसी लापरवाही से जवाबी हलफनामा लिखाने वाले अपर शासकीय अधिवक्ता को हाजिर होकर अपने आचरण की सफाई देने का आदेश दिया है।
साथ ही डीएसपी शैलेन्द्र सिंह को रिकॉर्ड सहित बिना दस्तावेज के हलफनामा दाखिल करने पर व्यक्तिगत हलफनामे में सफाई देने के लिए तलब किया है। कोर्ट ने अंतरिम राहत बढ़ाते हुए अर्जी को अगली सुनवाई के लिए 21 फरवरी को पेश करने का निर्देश दिया है। कोर्ट ने महानिबंधक कोआदेश की प्रति प्रदेश के महाधिवक्ता, शासकीय अधिवक्ता, प्रमुख सचिव न्याय व डी जी पी को भेजने को कहा है। यह आदेश न्यायमूर्ति मंजू रानी चौहान ने श्रीमती चानतारा की अग्रिम जमानत अर्जी की सुनवाई करते हुए दिया है।
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