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बनारस हिंदू यूनिवर्सिटी (बीएचयू) का पूर्व छात्र विनय द्विवेदी शहर के 10 वर्ष से ज्यादा पुराने शूटरों का ‘गुरुजी’ बन गया है। शूटरों की मदद से ही वह अंतरराज्यीय वारदात को अंजाम दे रहा है। छत्तीसगढ़ पुलिस बिलासपुर के कांग्रेस नेता व हिस्ट्रीशीटर संजू त्रिपाठी की हत्या के मामले में विनय द्विवेदी और उसके तीन गुर्गों की सरगर्मी से तलाश कर रही है। बताया जा रहा है कि वह तीनों शूटरों के साथ वाराणसी व आसपास के जिलों के साथ ही बिहार में ठिकाने बदलकर रह रहा है। छत्तीसगढ़ पुलिस ने भी वाराणसी में डेरा जमा रखा है।
बीएचयू से निष्काषित एमसीए के छात्र गौरव सिंह की हत्या तीन अप्रैल 2019 को परिसर में ही कर दी गई थी। इस वारदात में चित्रकूट के चमरहुआ मानिकपुर का मूल निवासी और बिड़ला-सी हॉस्टल में रहने वाला विनय द्विवेदी नामजद आरोपी था। पुलिस के अनुसार, गौरव सिंह की हत्या में विनय को गिरफ्तार करके जेल भेजा गया था। कोर्ट में आरोप पत्र भी दाखिल कर दिया गया है। विनय जब जेल गया था, तब उसकी मुलाकात चौक क्षेत्र के छत्तातले निवासी दानिश हसन उर्फ दानिश अंसारी से हुई थी। दानिश मूल रूप से आजमगढ़ का निवासी है, लेकिन वह छत्तातले में रह कर आपराधिक घटनाओं को अंजाम देता था।
जेल में रहने के दौरान ही विनय द्विवेदी ने अपना प्रभाव बढ़ाया और पुराने बदमाशों को जोड़कर नया गिरोह बना लिया। विनय पढ़ाई में अच्छा था। लिहाजा, बदमाशों ने उसे गुरुजी के नाम से पुकारना शुरू कर दिया। दानिश के चलते ही नक्खीघाट का एजाज अंसारी उर्फ सोनू, कोतवाली क्षेत्र का संदीप यादव उर्फ पप्पू उर्फ दाढ़ी और ताबीज अंसारी भी विनय के करीब आ गए।
जिला जेल में ही विनय ने तय किया कि बिहार के बक्सर निवासी अपने दोस्तों रूपेश वर्मा उर्फ शनि उर्फ प्रोफेसर और राजा दूबे उर्फ रावण की मदद से वह असलहे उपलब्ध कराएगा। उसकी योजना के अनुसार दानिश और उसके अन्य साथी बदमाश वारदात को अंजाम देंगे। जमानत मिलने पर विनय और दानिश सहित अन्य तीन बदमाशों की राह एक हो गई। अब सभी पूर्वांचल को छोड़कर संगठित तरीके से अन्य प्रदेशों में आपराधिक घटनाओं को अंजाम दे रहे हैं।