झांसी: भारतीय गणित के इतिहास लेखन में पूरी जिंदगी बिता देने वाले झांसी के प्रोफ़ेसर राधाचरण गुप्त (Radha Charan Gupta) को पद्मश्री सम्मान देने का ऐलान हुआ है। गुरुवार को गणतंत्र दिवस के दिन स्थानीय लोग और शुभचिंतक उनसे मिलने और शुभकामनाएं देने घर पहुंचे। प्रोफेसर गुप्त 88 वर्ष की उम्र में भी अध्ययन और लेखन के काम (History of Vedic Mathematics) में ही अपना अधिकांश समय बिताते हैं। सम्मान का ऐलान होने पर प्रोफेसर गुप्त ने प्रसन्नता जाहिर की है।
झांसी के रहने वाले प्रोफेसर राधाचरण गुप्त का है। प्रोफेसर राधाचरण गुप्त को साहित्य एवं शिक्षा के क्षेत्र में उत्कृष्ट कार्य करने के लिए पद्मश्री पुरस्कार से नवाजा जाएगा। राधाचरण गुप्त ने गणित और गणित के इतिहास पर लंबा काम किया है। वह अभी तक 400 से अधिक शोध पत्रों और 80 पुस्तकों का लेखन कर चुके हैं।
‘लोग पूछते थे..इतना काम किया’नवभारत टाइम्स ऑनलाइन से बात करते हुए प्रोफेसर राधाचरण गुप्त ने कहा कि लोग अक्सर हमसे पूछते थे कि आपने इतना काम किया है, लेकिन भारत सरकार या किसी और से कोई सम्मान क्यों नहीं मिला। अब वह मिल गया तो लोगों की जिज्ञासा पूरी हो गयी। अच्छा लगा कि भारत सरकार ने हमारे काम को मान्यता दी है।प्रोफसर ने मैथ को लेकर कही बड़ी बात
प्रोफसर गुप्त ने कहा कि वैदिक गणित कई तरह का होता है। हमने वैदिक गणित के साहित्य पर काम किया है। गणित की पढ़ाई जिस रूप में होती है, वह मनोरंजक नहीं है, इसलिए इसको बेहतर करने की जरूरत है। सरलीकरण करके और मनोरंजक बनाकर बच्चों का डर दूर किया जा सकता है।
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