लखनऊ: योगी आदित्यनाथ सरकार के सबसे ताकतवर अधिकारी के तौर पर गिने जाने वाले उत्तर प्रदेश के मुख्य सचिव दुर्गा शंकर मिश्रा ने खास घटना का जिक्र किया है। ट्विटर पर मुख्य सचिव ने आईआईटी में पढ़ाने वाले प्रफेसर वी. राजारमन के साथ 40 साल बाद मुलाकात की। कर्नाटक के दौरे पर गए मिश्रा ने बेंगुलुरू में हुई इस मुलाकात के बारे में फोटो संग ट्वीट किया।
मुख्य सचिव ने लिखा, ‘आज बेंगलुरु पहुंचकर IIT, कानपुर के पूर्व प्रोफेसर वी. राजारमन (उम्र 90 साल से अधिक) और धर्मा आंटी (उम्र 82 साल से अधिक) का आशीर्वाद प्राप्त कर खुशी हुई। प्रोफेसर राजारमन से मैंने कम्प्यूटर विज्ञान का पहला पाठ पढ़ा था। देश में कम्प्यूटर शिक्षा का विकास करने में इनका अग्रणी और अहम योगदान है।’
दुर्गा शंकर मिश्रा ने कहा, ‘शांता आंटी जी के मार्गदर्शन में मैंने छात्र कार्यों के डीन (डॉ. जी.के. लाल) के वित्तीय सहयोग से IIT, कानपुर में वर्ष 1979 में एक बुक बैंक की स्थापना की थी। इसका मुख्य मकसद मेरे जैसे आर्थिक पृष्ठभूमि वाले छात्रों को अत्यंत महंगी किताबें कुल मूल्य के मात्र 10% पर उपलब्ध कराना था।’
उन्होंने आगे लिखा, ‘इसमें से भी 5% की धनराशि छात्रों को सेमेस्टर पूर्ण हो जाने के बाद ठीक हालत में किताब लौटाने पर वापस कर दी जाती थी। इससे बहुतेरे छात्रों को आईआईटी की पढ़ाई में आर्थिक कठिनाई का सामना नहीं करना पड़ता था। प्रोफेसर राजारमन जी कम्प्यूटर विज्ञान के एक अत्यन्त सफल लेखक हैं। अभी भी वे अपनी अगली पुस्तक ‘History of Computing in India’ पर कार्य कर रहे हैं।’
पुरानी यादों का जिक्र करते हुए मिश्रा ने बताया कि आईआईटी की पढ़ाई के दौरान चौथे वर्ष में जब मैं अपने करियर को लेकर असमंजस में था कि मैं विदेश जाऊँ या देश में रहूं तब मुझे प्रो. राजारमन जी ने ‘n+1 सिंड्रोम’ का सिद्धांत समझा कर देश में रहकर अपना सर्वश्रेष्ठ देने के लिए प्रेरित किया। उनकी इस बहुमूल्य सलाह ने मुझे अब तक देश के लिए पूरे मनोयोग के साथ राष्ट्र प्रथम की भावना से कार्य करने और उसे पूरा करने की प्रेरणा प्रदान की है। ऐसे महान विद्वान एवं आंटी जी जैसी सहृदय इंसान को मेरा कोटिशः प्रणाम!
मूलत: मऊ के निवासी दुर्गा शंकर मिश्रा 1984 बैच के आईएएस अधिकारी हैं। वह कई जिलों के डीएम के पद पर रहे हैं। उत्तर प्रदेश के साथ ही भारत सरकार में अहम पदों पर काम किया है। कानपुर आईआईटी से इलेक्ट्रिकल इंजिनियरिंग की पढ़ाई करने वाले मिश्रा ने ऑस्ट्रेलिया से एमबीए और नीदरलैंड से पब्लिक पॉलिसी में डिप्लोमा किया है।
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