मंडलायुक्त विजय विश्वास पंत ने बुधवार को मेला क्षेत्र की तैयारियों का जायजा लिया और अधिकारियों के साथ कार्यों की समीक्षा बैठक की। इस दौरान बताया कि माघ मेला क्षेत्र में 14 स्नान घाट बनाए गए हैं, ताकि कल्पवासियों और श्रद्धालुओं को किसी प्रकार की अव्यवस्था का सामना न करना पड़े। मंडलायुक्त ने सभी घाटों पर अनिवार्य रूप से बैरिकेडिंग कराकर सर्कुलेटिंग एरिया की पर्याप्त व्यवस्था करने के निर्देश दिए। यह सभी व्यवस्थाएं शुक्रवार को माघ मेले के प्रथम स्नान पर्व पौष पूर्णिमा से पहले पूरी करने के लिए कहा।
मंडलायुक्त ने मेला अधिकारी अरविंद कुमार चौहान के साथ मेला प्राधिकरण कार्यालय स्थित आईट्रिपलसी सभागार में सभी संबंधित विभागों की बैठक की। कार्यों की समीक्षा के दौरान उन्होंने मेले में सफाई व्यवस्था एवं शौचालयों को साफ रखने के लिए स्वास्थ्य विभाग द्वारा बनाई गई व्यवस्था की जानकारी ली।
उन्होंने संबंधित अधिकारियों को एक कार्य योजना बनाकर शौचालयों की सफाई कराने के निर्देश दिए। उन्होंने जल निगम के अधिकारियों को संस्थाओं से लेकर शौचालयों तक, सभी जगह जलापूर्ति करने को कहा। इसके अलावा श्रद्धालुओं की समस्याओं के निराकरण के लिए मेला कंट्रोल रूम में दो की जगह पांच लाइनें शुरू करने के निर्देश दिए।
मंडलायुक्त ने सभी विभागीय अधिकारियों एवं कर्मचारियों के सेक्टर वार नाम, पदनाम एवं कार्य अवधि के साथ जानकारी सूचीबद्ध कर हर सेक्टर ऑफिस में उपलब्ध कराने के भी निर्देश दिए। जिससे औचक निरीक्षण के दौरान उनकी उपस्थिति मिले। उन्होंने मेले के विभिन्न सेक्टरों का निरीक्षण भी किया। जिसमें सेक्टर तीन के पीएसी कैंप में जाकर वहां बनाए गए शौचालयों की सफाई व्यवस्था की चेकिंग की।
उन्होंने सेक्टर तीन एवं चार के विभिन्न घाटों का निरीक्षण कर तैयारियों का जायजा लिया। साथ ही महावीर पुल के पास उत्तरी दिशा में बनाए जा रहे स्नान घाट का विस्तार कर उसे दक्षिणी भाग में भी बढ़ाने के लिए मातहतों से कहा। मंडलायुक्त ने अरैल में बनाए जा रहे स्नान घाटों तथा टेंट सिटी का निरीक्षण किया।
पौष पूर्णिमा पर तीन योगों का होगा मिलन, सर्वार्थ सिद्धि योग में लगेगी डुबकी
इस बार छह जनवरी को पौष पूर्णिमा पर तीन योगों का मिलन होगा। इंद्र योग, ब्रह्म योग के साथ ही सर्वार्थ सिद्धि योग में संगम पर देश-दुनिया के कोने-कोने से आने वाले संत-भक्त और कल्पवासी पुण्य की डुबकी लगाएंगे। इस पूर्णिमा पर ग्रहों की युति शुभ होगी, लेकिन पुष्य नक्षत्र का संयोग नहीं मिलेगा। अन्न-वस्त्र के दान के साथ ही इसी के साथ पौष पूर्णिमा से ही रेती पर मास पर्यंत जप,तप और ध्यान के महीने भर का कल्पवास आरंभ हो जाएगा।
पंचांग के अनुसार इस बार पौष पूर्णिमा छह जनवरी को भोर में 2.17 बजे लग जाएगी। अगले दिन सात जनवरी की सुबह 4.36 बजे तक पूर्णिमा रहेगी। ऐसे में उदया तिथि की मान्यता के तहत छह जनवरी को ही पौष पूर्णिमा का स्नान होगा। इस बार पौष पूर्णिमा पर तीन अहम योग बन रहे हैं। इंद्र योग सुबह ही आरंभ हो जाएगा। इसके बाद ब्रह्म योग भी मिलेगा। इसके बाद सर्वार्थ सिद्धि योग भी बन रहा है।
ग्रहों और योगों के मिलन से इस पूर्णिमा पर स्नान दान का महत्व बढ़ जाएगा। ज्योतिषाचार्य पं. बृजेंद्र मिश्र के अनुसार इस बार पौष पूर्णिमा पर विशेष योग मिलने से कल्पवास का फलदायी होगा। संकल्प लेने वालों की कामनाएं पूरी होंगी। उधर, शिविरों में वेदियां बनाने और जौ उगाने का सिलसिला आरंभ हो गया है।
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मंडलायुक्त विजय विश्वास पंत ने बुधवार को मेला क्षेत्र की तैयारियों का जायजा लिया और अधिकारियों के साथ कार्यों की समीक्षा बैठक की। इस दौरान बताया कि माघ मेला क्षेत्र में 14 स्नान घाट बनाए गए हैं, ताकि कल्पवासियों और श्रद्धालुओं को किसी प्रकार की अव्यवस्था का सामना न करना पड़े। मंडलायुक्त ने सभी घाटों पर अनिवार्य रूप से बैरिकेडिंग कराकर सर्कुलेटिंग एरिया की पर्याप्त व्यवस्था करने के निर्देश दिए। यह सभी व्यवस्थाएं शुक्रवार को माघ मेले के प्रथम स्नान पर्व पौष पूर्णिमा से पहले पूरी करने के लिए कहा।
मंडलायुक्त ने मेला अधिकारी अरविंद कुमार चौहान के साथ मेला प्राधिकरण कार्यालय स्थित आईट्रिपलसी सभागार में सभी संबंधित विभागों की बैठक की। कार्यों की समीक्षा के दौरान उन्होंने मेले में सफाई व्यवस्था एवं शौचालयों को साफ रखने के लिए स्वास्थ्य विभाग द्वारा बनाई गई व्यवस्था की जानकारी ली।
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