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इलाहाबाद हाईकोर्ट ने प्रयागराज स्थित मुख्य स्थायी अधिवक्ता कार्यालय के कर्मचारियों की लेट लतीफी की वजह से सरकारी फाइलें समय से कोर्ट में न आने से सुनवाई टलने पर कड़ा रुख अपनाया है। कोर्ट ने समय से कर्मचारियों की उपस्थिति सुनिश्चित करने का निर्देश देते हुए दो सप्ताह में बायोमीट्रिक सिस्टम लागू करने का निर्देश दिया है। उठाए गए कदमों की रिपोर्ट के साथ प्रमुख सचिव न्याय एवं विधि परामर्शी को 16 जनवरी को हाजिर होने का निर्देश दिया है।
कोर्ट ने कहा है कि कर्मचारियों के समय से कार्यालय आने तथा दस बजे कोर्ट के न्यायिक कार्य शुरू करने से पहले सभी फाइलें कोर्ट में पहुंचाने की व्यवस्था सुनिश्चित की जाय। वहीं महाधिवक्ता से मुख्य स्थायी अधिवक्ता कार्यालय की कार्यप्रणाली को सुचारू रूप से संचालित करने को कहा है। यह आदेश न्यायमूर्ति रोहित रंजन अग्रवाल ने नरसिंह तथा अन्य की याचिका की सुनवाई करते हुए दिया है।
सुनवाई के दौरान सरकारी वकील ने कोर्ट से सुनवाई स्थगित करने का अनुरोध किया। कहा, सरकारी फाइल कोर्ट में नहीं आई है। कोर्ट ने कहा, अभी थोड़ी देर पहले मुख्य स्थायी अधिवक्ता के आर सिंह ने कहा था कि बायोमीट्रिक सिस्टम की जरूरत नहीं है, व्यवस्था दुरुस्त कर रहे हैं। कोर्ट ने कहा, 11.10 बजे हैं, सरकारी वकील हैं किंतु सरकारी फाइलें कोर्ट में नहीं हैं।
बताया गया कि कर्मचारियों के देरी से कार्यालय आने की वजह से ऐसा हुआ है। कोर्ट ने कहा, देखा गया कि कई अवसरों पर कोर्ट में देरी से फाइलें आईं। समय से फाइलें नहीं आने पर कोर्ट ने प्रमुख सचिव न्याय को प्रयागराज स्थित मुख्य स्थायी अधिवक्ता कार्यालय में दो सप्ताह में बायोमीट्रिक सिस्टम लागू करने का निर्देश दिया। कोर्ट ने आदेश की प्रति प्रमुख सचिव न्याय तथा महाधिवक्ता को प्रेषित करने का आदेश दिया है।
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इलाहाबाद हाईकोर्ट ने प्रयागराज स्थित मुख्य स्थायी अधिवक्ता कार्यालय के कर्मचारियों की लेट लतीफी की वजह से सरकारी फाइलें समय से कोर्ट में न आने से सुनवाई टलने पर कड़ा रुख अपनाया है। कोर्ट ने समय से कर्मचारियों की उपस्थिति सुनिश्चित करने का निर्देश देते हुए दो सप्ताह में बायोमीट्रिक सिस्टम लागू करने का निर्देश दिया है। उठाए गए कदमों की रिपोर्ट के साथ प्रमुख सचिव न्याय एवं विधि परामर्शी को 16 जनवरी को हाजिर होने का निर्देश दिया है।
कोर्ट ने कहा है कि कर्मचारियों के समय से कार्यालय आने तथा दस बजे कोर्ट के न्यायिक कार्य शुरू करने से पहले सभी फाइलें कोर्ट में पहुंचाने की व्यवस्था सुनिश्चित की जाय। वहीं महाधिवक्ता से मुख्य स्थायी अधिवक्ता कार्यालय की कार्यप्रणाली को सुचारू रूप से संचालित करने को कहा है। यह आदेश न्यायमूर्ति रोहित रंजन अग्रवाल ने नरसिंह तथा अन्य की याचिका की सुनवाई करते हुए दिया है।
सुनवाई के दौरान सरकारी वकील ने कोर्ट से सुनवाई स्थगित करने का अनुरोध किया। कहा, सरकारी फाइल कोर्ट में नहीं आई है। कोर्ट ने कहा, अभी थोड़ी देर पहले मुख्य स्थायी अधिवक्ता के आर सिंह ने कहा था कि बायोमीट्रिक सिस्टम की जरूरत नहीं है, व्यवस्था दुरुस्त कर रहे हैं। कोर्ट ने कहा, 11.10 बजे हैं, सरकारी वकील हैं किंतु सरकारी फाइलें कोर्ट में नहीं हैं।
बताया गया कि कर्मचारियों के देरी से कार्यालय आने की वजह से ऐसा हुआ है। कोर्ट ने कहा, देखा गया कि कई अवसरों पर कोर्ट में देरी से फाइलें आईं। समय से फाइलें नहीं आने पर कोर्ट ने प्रमुख सचिव न्याय को प्रयागराज स्थित मुख्य स्थायी अधिवक्ता कार्यालय में दो सप्ताह में बायोमीट्रिक सिस्टम लागू करने का निर्देश दिया। कोर्ट ने आदेश की प्रति प्रमुख सचिव न्याय तथा महाधिवक्ता को प्रेषित करने का आदेश दिया है।
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