Meerut News Today: यूपी के मेरठ में एक परिवार को अंगीठी जलाकर सोना भारी पड़ गया। परिवार के तीनों सदस्यों की मौत हो गई। मरने वाले सभी नेपाल के रहने वाले हैं।
हाइलाइट्सरात में नववर्ष का जश्न उसके बाद मनाया था बेटी का बर्थडेसुबह सोए तो हमेशा के लिए सो गया पूरा परिवारतीनों को अस्पताल ले जाया गया, जहां बेटी की सांसें चल रही थींमेरठ: उत्तर प्रदेश के मेरठ में एक परिवार अंगीठी से निकले धुएं से मौत की आगोश में समा गया। नववर्ष 2023 का जश्न और बेटी जन्मदिन होने के कारण परिवार में काफी खुशी थी, लेकिन अगली सुबह कोई भी नहीं उठा। अंगीठी ने सभी परिवार के सदस्यों की जान ले ली। मरने वाले सभी नेपाल के रहने वाले हैं।
शंभू नगर में व्यवसाई के यहां करते थे कामटीपी नगर के शंभू नगर के रहने वाले व्यवसाई आलोक बंसल ने बताया कि उनके घर में करीब पांच साल से नेपाल का रहने वाला चंदर अपनी पत्नी राधा के साथ खाना बनाने का काम करता था। उनके सर्वेंट क्वार्टर में रह रहा था। उसकी पत्नी राधा घर की साफ सफाई करती थी।सोया तो सोता रह गयाआलोक ने बताया कि रात में नववर्ष का जश्न मन रहा था। साथ ही चंदर की बेटी का जन्मदिन भी था, इसलिए दोनों की खुशियां साथ मनाई गईं। सुबह 4 बजे अपने कमरे पर गया और सर्दी के कारण अंगीठी जलाकर कमरे में रख लिया और नींद आ गई। इसी दौरान अंगीठी से निकलने वाली कार्बन मोनो अक्साइड गैस से तीनों की मौत हो गई।दम घुटने से तीनों की मौत हो गई।सुबह अगर ध्यान कर लेते तो बच जाती जानव्यवसाई ने बयाया कि चंदर सुबह 10 बजे तक घर का काम करने नहीं आया तो यही सोचा कि शायद सुबह गया है, आराम कर रहा होगा, इसलिए दूसरी नौकरानी से काम करवा लिया, लेकिन जब शाम तक नहीं आया तो नौकरानी को भेजा। उसने दरवाजा पीटा, कोई भी जवाब न मिलने पर शोर मचाया। दरवाजा तोड़ा गया तो तीनों बेहोश मिले। सभी को अस्पताल ले जाया गया। जहां डॉक्टरों ने चंदर उसकी पत्नी राधा को मृत घोषित कर दिया और बेटी ने इलाज के दौरान दम तोड़ दिया। अगर सुबह ही देख लेते तो शायद आज सभी बच जाते।डॉक्टर की माने तो 6 से 8 घंटे में हो जाती है मौतफोरेंसिक टीम और डॉक्टर की मानें तो बंद कमरे में अंगीठी के धीरे धीरे निकलने वाला धुआं कार्बन मोनो ऑक्साइड होता है, जो 6 से 8 घंटे में लोगों की जान ले लेता है। डॉक्टर तनुराज सिरोही के मानें तो कार्बन मोनो ऑक्साइड गैस निकलती है, वह सांस के साथ अंदर जाकर सीधे हीमोग्लोबिन के साथ मिल जाती है। इसके बाद दिल की धड़कन कम होने लगती है और दिमाग की सोचने समझने की क्षमता खत्म हो जाती है, जिससे इंसान कुछ नहीं कर पता और उसकी मौत हो जाती है।नहीं पता था ये बेटी एक आखरी जन्मदिन मना रहाव्यवसाई आलोक ने बताया कि नेपाली नौकर चंदर की चार साल की बेटी अंजली का 31 दिसंबर को जन्मदिन था। नववर्ष के साथ बेटी का भी जन्मदिन भी मनाया, क्या पता था कि ये उसका आखरी जन्मदिन मना रहा है।
रिपोर्ट- रामबाबू मित्तल
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