श्री काशी विश्वनाथ मंदिर में एक जनवरी को वीआईपी दर्शन नहीं हो सकेंगे। मंदिर में भीड़ की संभावनाओं को देखते हुए मंदिर प्रशासन ने सभी तरह के टिकट बंद कर दिए हैं और प्रोटोकॉल को भी प्रतिबंधित कर दिया गया है। देर रात तक मंदिर में एक जनवरी को आने वाली श्रद्धालुओं की भीड़ को देखते हुए मंदिर प्रशासन की ओर से तैयारियां चलती रहीं।
श्री काशी विश्वनाथ मंदिर के मुख्य कार्यपालक अधिकारी सुनील कुमार वर्मा ने बताया कि रविवार को भीड़ को देखते हुए सभी तरह के टिकट बंद कर दिए गए हैं, वहीं प्रोटोकॉल भी प्रतिबंधित रहेगा। बताया कि मंदिर परिसर में पूर्व की भांति किसी भी गेट से मोबाइल इलेक्ट्रॉनिक गैजेट वगैरह प्रतिबंधित रहेगा।
श्रद्धालुओं की भीड़ को देखकर व्यवस्था
जो दर्शनार्थी जिस प्रवेश द्वार से प्रवेश करेगा उसकी निकासी भी उसी दिशा में की जाएगी। इसके लिए मंदिर प्रशासन द्वारा चारों ओर बैरिकेडिंग कर दी गई है। मैदागिन से आने वाले दर्शनार्थी छत्ताद्वार होते हुए मंदिर चौक में जाएंगे। इसके बाद गर्भगृह के उत्तरी द्वार पर जाकर दर्शन पूजन करेंगे।
गंगा की ओर से आने वाले दर्शनार्थी मंदिर के पूर्वी द्वार पर बाबाको जल चढ़ा सकेंगे। सरस्वती फाटक की तरफ से आने वाले दर्शनार्थी गर्भ गृह के दक्षिणी द्वार पर और ढुंढिराज प्रवेश द्वार से आने वाले दर्शनार्थी गर्भगृह के पश्चिमी द्वार से बाबा को जल चढ़ा सकेंगे।
मुख्य कार्यपालक अधिकारी ने बताया कि भीड़ को देखते हुए पूरे परिसर और मंदिर के चारों तरफ पब्लिक अनाउंसमेंट सिस्टम और खोया पाया केंद्र बनाया गया है। पेयजल के लिए जगह-जगह प्याऊ लगाकर उसका इंतजाम किया गया है। किसी भी आपात स्थिति के लिए एंबुलेंस और चिकित्सा विभाग की टीम भी मंदिर के पास तैनात रहेगी।
नव वर्ष के जश्न को लेकर पुलिस भी सतर्क है। शाम से लेकर देर रात तक पुलिस ने शहर भर में चेकिंग अभियान चलाया। गोदौलिया, चौक और मैदागिन इलाके में पुलिस ने होटल, लॉज, गेस्ट हाउस को खंगाला। सीसी कैमरे और आईडी की जांच की गई। ग्रामीण इलाकों के रिंग रोड और हाइवे से सटे इलाकों के होटलों को खंगाला गया। देर रात तक पुलिस ने ब्रेथ एनालाइजर से चेकिंग करते हुए नशा करने वालों को पकड़ा। कड़ी हिदायत के बाद उन्हें छोड़ा गया।
शहर के होटलों और पर्यटक स्थलों पर शाम से ही लोगों की भीड़ उमड़ पड़ी। गंगा घाटों पर तो भीड़ देखते हुए पुलिस ने अतिरिक्त फोर्स लगाई। वहीं, गंगा में नौका विहार करने वालों की भी संख्या अधिक रही। पुलिस ने नाविकों को चेताया कि क्षमता के अनुसार ही पर्यटकों को अपने नाव पर बैठाएं।
पुलिस आयुक्त मुथा अशोक जैन के निर्देश पर तीनों जोन, काशी, गोमती और वरुणा जोन में पुलिस शाम से ही सड़क पर उतर गई। संवेदनशील और अतिसंवेदनशील इलाकों में भ्रमण कर धर्म गुरुओं, व्यापारियों और प्रबुद्धजनों से संवाद किया। डीसीपी काशी आरएस गौतम ने श्री काशी विश्वनाथ धाम और दशाश्वमेध घाट आदि स्थलों का निरीक्षण किया।
श्री काशी विश्वनाथ मंदिर में एक जनवरी को वीआईपी दर्शन नहीं हो सकेंगे। मंदिर में भीड़ की संभावनाओं को देखते हुए मंदिर प्रशासन ने सभी तरह के टिकट बंद कर दिए हैं और प्रोटोकॉल को भी प्रतिबंधित कर दिया गया है। देर रात तक मंदिर में एक जनवरी को आने वाली श्रद्धालुओं की भीड़ को देखते हुए मंदिर प्रशासन की ओर से तैयारियां चलती रहीं।
श्री काशी विश्वनाथ मंदिर के मुख्य कार्यपालक अधिकारी सुनील कुमार वर्मा ने बताया कि रविवार को भीड़ को देखते हुए सभी तरह के टिकट बंद कर दिए गए हैं, वहीं प्रोटोकॉल भी प्रतिबंधित रहेगा। बताया कि मंदिर परिसर में पूर्व की भांति किसी भी गेट से मोबाइल इलेक्ट्रॉनिक गैजेट वगैरह प्रतिबंधित रहेगा।
श्रद्धालुओं की भीड़ को देखकर व्यवस्था
जो दर्शनार्थी जिस प्रवेश द्वार से प्रवेश करेगा उसकी निकासी भी उसी दिशा में की जाएगी। इसके लिए मंदिर प्रशासन द्वारा चारों ओर बैरिकेडिंग कर दी गई है। मैदागिन से आने वाले दर्शनार्थी छत्ताद्वार होते हुए मंदिर चौक में जाएंगे। इसके बाद गर्भगृह के उत्तरी द्वार पर जाकर दर्शन पूजन करेंगे।
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