Lok Shakti

Nationalism Always Empower People

BSP Meet: मायावती बोलीं- BJP धर्मांतरण, लव जिहाद और मदरसा सर्वे की जगह OBC आरक्षण पर ध्यान देती तो ये न होता

बसपा सुप्रीमो मायावती।
– फोटो : amar ujala

ख़बर सुनें

ख़बर सुनें

बसपा सुप्रीमो मायावती ने कहा कि भाजपा की नीयत निकाय चुनाव को कानूनी तरीके से कराने की नहीं थी। उसे टालने की ही थी। वह धर्मांतरण, मदरसा सर्वे आदि के ‘संघ तुष्टिकरण’ में समय बर्बाद करती रही। इसकी बजाय अगर निकाय चुनाव में ओबीसी आरक्षण पर ध्यान देती तो आज यह स्थिति नहीं पैदा होती। भाजपा ने यह सोची-समझी रणनीति के तहत किया है। मायावती शुक्रवार को पार्टी मुख्यालय पर यूपी और उत्तराखंड के वरिष्ठ पदाधिकारियों, जिलाध्यक्षों और कोऑर्डिनेटरों के साथ बैठक कर रही थीं। 

ये भी पढ़ें – कड़ाके की ठंड के साथ होगी नये साल की शुरुआत, सर्दी ढा रही सितम, कोहरे में छिपा सूरज

ये भी पढ़ें – न्यू ईयर पार्टी मनाने के लिए एडवायजरी जारी, सख्ती से प्रोटोकॉल का पालन करवाने के दिए गए निर्देश

मायावती ने सभी पदाधिकारियों कोे वर्ष 2024 के लोकसभा चुनाव की तैयारियों में अभी से जुटने को कहा। उन्होंने जिलावार समीक्षा की। उन्होंने कहा कि ज्यादा से ज्यादा बैठकें कर बसपा से लोगों को जोड़ें। बसपा सुप्रीमो ने कहा कि कांग्रेस, सपा और भाजपा तीनों ही आरक्षण विरोधी हैं। इन्होंने मिलकर पहले एससी-एसटी वर्ग के आरक्षण के संवैधानिक अधिकार को निष्क्त्रिस्य व अप्रभावी बनाया। बाद में जातिवादी खेल खेले। भाजपा शासित दो राज्यों कर्नाटक व महाराष्ट्र के बीच सीमा विवाद को लेकर टकराव दुखद है। भाजपा जब आंतरिक विवाद का समाधान नहीं निकाल पा रही है तो अंतरराष्ट्रीय सीमा विवाद का क्या होगा। बैठक में प्रदेश अध्यक्ष विश्वनाथ पाल, इमरान मसूद, मुनकाद अली, शमसुद्दीन राइन समेत तमाम पदाधिकारी मौजूद थे।

मंत्रियों के विदेशी दौरों पर सवाल खड़े किए
बसपा सुप्रीमो ने कहा कि भाजपा सरकार के मंत्री विदेश से पूंजी निवेश लाने के नाम पर सरकारी धन विदेशी रोड शो व भ्रमण पर खर्च कर रहे हैं। इन्हें यह जो नया चस्का लगा है, वह बहुत ही दुर्भाग्यपूर्ण है। 

कोरोना की स्थिति देखकर मनाएं जन्मदिन
मायावती ने 15 जनवरी को होेने वाले अपने जन्मदिन के बारे में भी कार्यकर्ताओं से बात की। कहा कि जिलावार यह जनकल्याणकारी दिवस के रूप में मनाया जाए। उन्होंने कहा कि अगर कोरोना के कारण प्रशासन कार्यक्रम करने की अनुमति न दे तो घरों में सादगी से जन्मदिन मनाएं। 

विस्तार

बसपा सुप्रीमो मायावती ने कहा कि भाजपा की नीयत निकाय चुनाव को कानूनी तरीके से कराने की नहीं थी। उसे टालने की ही थी। वह धर्मांतरण, मदरसा सर्वे आदि के ‘संघ तुष्टिकरण’ में समय बर्बाद करती रही। इसकी बजाय अगर निकाय चुनाव में ओबीसी आरक्षण पर ध्यान देती तो आज यह स्थिति नहीं पैदा होती। भाजपा ने यह सोची-समझी रणनीति के तहत किया है। मायावती शुक्रवार को पार्टी मुख्यालय पर यूपी और उत्तराखंड के वरिष्ठ पदाधिकारियों, जिलाध्यक्षों और कोऑर्डिनेटरों के साथ बैठक कर रही थीं। 

ये भी पढ़ें – कड़ाके की ठंड के साथ होगी नये साल की शुरुआत, सर्दी ढा रही सितम, कोहरे में छिपा सूरज

ये भी पढ़ें – न्यू ईयर पार्टी मनाने के लिए एडवायजरी जारी, सख्ती से प्रोटोकॉल का पालन करवाने के दिए गए निर्देश

मायावती ने सभी पदाधिकारियों कोे वर्ष 2024 के लोकसभा चुनाव की तैयारियों में अभी से जुटने को कहा। उन्होंने जिलावार समीक्षा की। उन्होंने कहा कि ज्यादा से ज्यादा बैठकें कर बसपा से लोगों को जोड़ें। बसपा सुप्रीमो ने कहा कि कांग्रेस, सपा और भाजपा तीनों ही आरक्षण विरोधी हैं। इन्होंने मिलकर पहले एससी-एसटी वर्ग के आरक्षण के संवैधानिक अधिकार को निष्क्त्रिस्य व अप्रभावी बनाया। बाद में जातिवादी खेल खेले। भाजपा शासित दो राज्यों कर्नाटक व महाराष्ट्र के बीच सीमा विवाद को लेकर टकराव दुखद है। भाजपा जब आंतरिक विवाद का समाधान नहीं निकाल पा रही है तो अंतरराष्ट्रीय सीमा विवाद का क्या होगा। बैठक में प्रदेश अध्यक्ष विश्वनाथ पाल, इमरान मसूद, मुनकाद अली, शमसुद्दीन राइन समेत तमाम पदाधिकारी मौजूद थे।

मंत्रियों के विदेशी दौरों पर सवाल खड़े किए

बसपा सुप्रीमो ने कहा कि भाजपा सरकार के मंत्री विदेश से पूंजी निवेश लाने के नाम पर सरकारी धन विदेशी रोड शो व भ्रमण पर खर्च कर रहे हैं। इन्हें यह जो नया चस्का लगा है, वह बहुत ही दुर्भाग्यपूर्ण है। 

कोरोना की स्थिति देखकर मनाएं जन्मदिन

मायावती ने 15 जनवरी को होेने वाले अपने जन्मदिन के बारे में भी कार्यकर्ताओं से बात की। कहा कि जिलावार यह जनकल्याणकारी दिवस के रूप में मनाया जाए। उन्होंने कहा कि अगर कोरोना के कारण प्रशासन कार्यक्रम करने की अनुमति न दे तो घरों में सादगी से जन्मदिन मनाएं।