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माघ मेला में ज्योतिष्पीठ के साथ द्वारका पीठ के शंकराचार्य का बसने से इन्कार

ज्योतिष्पीठ के प्रतिनिधियों के साथ माघ मेला के अधिकारियों की शनिवार की शाम दो घंटे तक तक चली वार्ता भूमि आवंटन के मसले पर बेनतीजा रही। मेला प्रशासन ने सुप्रीम कोर्ट के आदेश का हवाला देते हुए ज्योतिष्पीठ की भूमि फिलहाल स्वामी अविमुक्तेश्वरानंद के नाम पर आवंटित करने पर असमर्थता जता दी। इस पर ज्योतिष्पीठ के प्रतिनिधियों ने द्वारका पीठ का भी शिविर लगाने से इन्कार कर दिया। उन्होंने चेताया कि ज्योतिष्पीठ को भूमि नहीं मिली तो वह द्वारका पीठ की भूमि-सुविधाएं भी नहीं लेंगे।

माघ मेले में ज्योतिष्पीठाधीश्वर के रूप में स्वामी अविमुक्तेश्वरानंद की ओर से भूमि -सुविधाएं आवंटित करने के लिए मेला प्रशासन को पत्र दिया गया है। त्रिवेणी मार्ग पर ज्योतिष्पीठ के शंकराचार्य की भूमि के आवंटन पर फंसे पेच को बातचीत के जरिये दूर करने के लिए मेलाधिकारी अरविंद चौहान अफसरों की टीम के साथ शनिवार की शाम छह बजे मनकामेश्वर मंदिर पहुंचे।

मेलाधिकारी का कहना था कि चूंकि सुप्रीम कोर्ट ने ज्योतिष्पीठाधीश्वर जगदगुरु शंकराचार्य स्वामी स्वरूपानंद के साकेतवास के बाद स्वामी अविमुक्तेश्वरानंद के पट्टाभिषेक पर रोक लगा दी है। ऐसे में मौजूदा समय ज्योतिष्पीठाधीश्वर के नाम पर नियमानुसार भूमि आवंटन किसी को नहीं किया जा सकता। इसके बजाय मेलाधिकारी ने किसी दूसरी संस्था या व्यक्ति के नाम से भूमि आवंटन कराने का भी प्रस्ताव श्रीधरानंद के समक्ष रखा। इस पर करीब दो घंटे तक वार्ता चलती रही, लेकिन कोई समाधान नहीं निकल सका।

ज्योतिष्पीठ के प्रतिनिधि के तौर पर पक्ष रख रहे ब्रहमचारी श्रीधरानंद का कहना था कि ज्योतिष्पीठ एक धार्मिक संस्था नहीं, विचारधारा है। इसको किसी भी कीमत पर नहीं छोड़ा जा सकता। ज्योतिष्पीठ को अगर भूमि आवंटित नहीं की जाएगी तो इस बार माघ मेले में द्वारका पीठ का भी शिविर नहीं लगेगा। इस पर मेला प्रशासन ने अपर महाधिवक्ता से भी विधिक परामर्श लेकर इस मसले पर आगे बढ़ने की अपनी बात कही, लेकिन भूमि आवंटन पर फिलहाल कोई समाधान न निकलने पर ज्योतिष्पीठ और द्वारका पीठ के प्रतिनिधियों की नाराजगी बढ़ गई है।

इस पूरे प्रकरण में मेला प्रशासन की भूमिका संदिग्ध है। मेला प्रशासन किसी के इशारे पर काम कर रहा है। अगर ज्योतिष्पीठ की भूमि पूर्व की भांति आवंटित नहीं की जाएगी तो इस बार माघ मेले में ज्योतिष्पीठ के साथ द्वारका के शंकराचार्य का भी शिविर नहीं लगेगा।

ज्योतिष्पीठ के प्रतिनिधियों से वार्ता हुई है। समाधान निकालने की कोशिश की जा रही है। फिलहाल ज्योतिष्पीठाधीश्वर को लेकर स्थिति स्पष्ट न होने की वजह से दिक्कतें आ रही हैं। कोर्ट के फैसले का पूरी तरह सम्मान किया जाएगा। – अरविंद चौहान, मेलाधिकारी।

ज्योतिष्पीठ के प्रतिनिधियों के साथ माघ मेला के अधिकारियों की शनिवार की शाम दो घंटे तक तक चली वार्ता भूमि आवंटन के मसले पर बेनतीजा रही। मेला प्रशासन ने सुप्रीम कोर्ट के आदेश का हवाला देते हुए ज्योतिष्पीठ की भूमि फिलहाल स्वामी अविमुक्तेश्वरानंद के नाम पर आवंटित करने पर असमर्थता जता दी। इस पर ज्योतिष्पीठ के प्रतिनिधियों ने द्वारका पीठ का भी शिविर लगाने से इन्कार कर दिया। उन्होंने चेताया कि ज्योतिष्पीठ को भूमि नहीं मिली तो वह द्वारका पीठ की भूमि-सुविधाएं भी नहीं लेंगे।

माघ मेले में ज्योतिष्पीठाधीश्वर के रूप में स्वामी अविमुक्तेश्वरानंद की ओर से भूमि -सुविधाएं आवंटित करने के लिए मेला प्रशासन को पत्र दिया गया है। त्रिवेणी मार्ग पर ज्योतिष्पीठ के शंकराचार्य की भूमि के आवंटन पर फंसे पेच को बातचीत के जरिये दूर करने के लिए मेलाधिकारी अरविंद चौहान अफसरों की टीम के साथ शनिवार की शाम छह बजे मनकामेश्वर मंदिर पहुंचे।