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इलाहाबाद हाईकोर्ट ने प्रदेश के विभिन्न जिलों में तैनात सैकड़ों आरक्षियों की उन याचिकाओं पर पुलिस मुख्यालय महानिदेशक, लखनऊ समेत अन्य विपक्षियों को नोटिस जारी कर जवाब तलब किया है, जिसमें आरक्षियों ने मुख्यालय की बनाई वरिष्ठता सूची को चुनौती दी है। कोर्ट ने पुलिस मुख्यालय से चार सप्ताह में जवाब मांगते हुए आठ फरवरी 2023 को पुन: इन सिपाहियों की याचिकाओं पर सुनवाई करने का निर्देश दिया है।
यह आदेश जस्टिस पंकज भाटिया तथा जस्टिस विक्रम डी चौहान ने आरक्षियों की ओर से दाखिल अलग-अलग याचिकाओं पर पारित किया है। याचिकाओं में पुलिस मुख्यालय, पुलिस महानिदेशक लखनऊ की ओर से आठ अगस्त 2022 को जारी अंतिम वरिष्ठता सूची को हाईकोर्ट में चुनौती दी गई है। याचिका विमल कुमार समेत 170 तथा लखन लाल वर्मा तथा अन्य आरक्षियों की ओर से दाखिल की गई है।
सिविल पुलिस में तैनात इन कांस्टेबलों की ओर से वरिष्ठ अधिवक्ता विजय गौतम तथा अतिप्रिया गौतम का कहना था कि जारी की गई वरिष्ठता सूची सेवा नियमावली 2008 के नियम 22 के विरुद्ध है। अधिवक्ताओं का कहना था कि इन आरक्षियों की आपत्तियों को निस्तारित किए बगैर अंतिम वरिष्ठता सूची जारी कर दी गई है, जो गलत है। याचिका में कहा गया है कि प्रदेश के विभिन्न जिलों में तैनात 11 हजार 745 हेड कांस्टेबल के पदों के सापेक्ष जोनवाइज वर्ष 2011 तक नियुक्त आरक्षियों को हेड कांस्टेबल बनाए जाने के लिए दो अप्रैल 2022 को पात्रता सूची निर्गत की गई थी। इस पात्रता सूची में सभी उपयुक्त याचीगण पदोन्नति के लिए पात्र पाए गए थे।
कहा गया कि 30 अप्रैल 2022 को पुलिस मुख्यालय लखनऊ ने 37 हजार 163 आरक्षियों की एक अनंतिम वर्ष की सूची जारी की एवं इस पर आपत्तियां मांगी। सभी कांस्टेबलों ने अपनी-अपनी आपत्तियां 30 अप्रैल 2022 को जारी अनंतिम वर्ष सूची के खिलाफ दे दी। परंतु पुलिस मुख्यालय के अधिकारियों ने इन आपत्तियों के निस्तारण के बगैर आठ अगस्त 2022 को दूसरी अंतिम वरिष्ठता सूची जारी कर दी है, जिसमें इन सिपाहियों को काफी नीचे कर दिया गया है, जो गलत है। अधिवक्ता गौतम का कहना था कि 2011 बैच के नियुक्त इन सिपाहियों ने सात वर्ष से ज्यादा की सेवाएं आरक्षी के पद पर पूरी कर ली हैं और वह सभी हेड कांस्टेबल के पद पर पदोन्नति के लिए हकदार हैं।
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इलाहाबाद हाईकोर्ट ने प्रदेश के विभिन्न जिलों में तैनात सैकड़ों आरक्षियों की उन याचिकाओं पर पुलिस मुख्यालय महानिदेशक, लखनऊ समेत अन्य विपक्षियों को नोटिस जारी कर जवाब तलब किया है, जिसमें आरक्षियों ने मुख्यालय की बनाई वरिष्ठता सूची को चुनौती दी है। कोर्ट ने पुलिस मुख्यालय से चार सप्ताह में जवाब मांगते हुए आठ फरवरी 2023 को पुन: इन सिपाहियों की याचिकाओं पर सुनवाई करने का निर्देश दिया है।
यह आदेश जस्टिस पंकज भाटिया तथा जस्टिस विक्रम डी चौहान ने आरक्षियों की ओर से दाखिल अलग-अलग याचिकाओं पर पारित किया है। याचिकाओं में पुलिस मुख्यालय, पुलिस महानिदेशक लखनऊ की ओर से आठ अगस्त 2022 को जारी अंतिम वरिष्ठता सूची को हाईकोर्ट में चुनौती दी गई है। याचिका विमल कुमार समेत 170 तथा लखन लाल वर्मा तथा अन्य आरक्षियों की ओर से दाखिल की गई है।
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