पूर्व राज्यपाल अजीज कुरैशी
– फोटो : ANI
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इलाहाबाद हाईकोर्ट ने बुधवार को हेट स्पीच मामले में उत्तराखंड के पूर्व राज्यपाल डॉ.अजीज कुरैशी की ओर से दाखिल याचिका को वापस लेने की अनुमति देते हुए याचिका खारिज कर दी। पूर्व राज्यपाल एवं सरकारी वकील दोनों की आपसी सहमति के बाद याचिका वापस ले ली गई। सरकार की ओर से कहा गया कि जब तक विवेचना में पूर्व राज्यपाल के खिलाफ कोई ठोस साक्ष्य नहीं मिलता तब तक उनके खिलाफ कोई कार्यवाही नहीं की जाएगी।
सरकार की ओर से यह भी कहा गया कि पूर्व राज्यपाल के खिलाफ कोई भी कार्रवाई करने से पूर्व दंड प्रक्रिया संहिता की धारा 41ए का पालन किया जाएगा। सरकार उनके खिलाफ तत्काल कोई कार्रवाई नहीं करने जा रही है। फिलहाल इलाहाबाद हाईकोर्ट ने हेट स्पीच मामले में अजीज कुरैशी को सीधे राहत नहीं दी। यह आदेश जस्टिस केजे ठाकर एवं जस्टिस अजय त्यागी की खंडपीठ ने उत्तराखंड के पूर्व राज्यपाल डॉ. अजीज कुरैशी की याचिका पर पारित किया।
याचिका दाखिल कर पूर्व राज्यपाल ने उनके खिलाफ दर्ज प्राथमिकी को रद्द किए जाने की मांग की थी। बीजेपी के वर्तमान विधायक आकाश सक्सेना ने रामपुर के सिविल लाइंस में उनके खिलाफ मुकदमा दर्ज कराया था। पांच सितंबर 2021 को आईपीसी की धारा 153 एए,153 बीए,124 एए, 502 बी के तहत एफआईआर दर्ज कराई गई थी। अजीज कुरैशी ने योगी सरकार की तुलना शैतान से की थी। उन्होंने आजम खां के खिलाफ की जा रही सरकारी कार्रवाई को इंसान और शैतान की लड़ाई बताया था। उनके इस बयान से लोगों की भावनाएं आहत हुई थीं।
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इलाहाबाद हाईकोर्ट ने बुधवार को हेट स्पीच मामले में उत्तराखंड के पूर्व राज्यपाल डॉ.अजीज कुरैशी की ओर से दाखिल याचिका को वापस लेने की अनुमति देते हुए याचिका खारिज कर दी। पूर्व राज्यपाल एवं सरकारी वकील दोनों की आपसी सहमति के बाद याचिका वापस ले ली गई। सरकार की ओर से कहा गया कि जब तक विवेचना में पूर्व राज्यपाल के खिलाफ कोई ठोस साक्ष्य नहीं मिलता तब तक उनके खिलाफ कोई कार्यवाही नहीं की जाएगी।
सरकार की ओर से यह भी कहा गया कि पूर्व राज्यपाल के खिलाफ कोई भी कार्रवाई करने से पूर्व दंड प्रक्रिया संहिता की धारा 41ए का पालन किया जाएगा। सरकार उनके खिलाफ तत्काल कोई कार्रवाई नहीं करने जा रही है। फिलहाल इलाहाबाद हाईकोर्ट ने हेट स्पीच मामले में अजीज कुरैशी को सीधे राहत नहीं दी। यह आदेश जस्टिस केजे ठाकर एवं जस्टिस अजय त्यागी की खंडपीठ ने उत्तराखंड के पूर्व राज्यपाल डॉ. अजीज कुरैशी की याचिका पर पारित किया।
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