बिजली कर्मचारियों और अभियंताओं ने मंगलवार से प्रदेशव्यापी बेमियादी कार्य बहिष्कार शुरू कर दिया। ऊर्जा निगमों के शीर्ष प्रबंधन की मनमानी और लंबित समस्याओं के समाधान के लिए विद्युत कर्मचारी संयुक्त संघर्ष समिति के आह्वान पर कार्य बहिष्कार शुरू किया गया है। इस बीच देर शाम संघर्ष समिति के पदाधिकारियों की ऊर्जा मंत्री एके शर्मा से वार्ता भी हुई, लेकिन गतिरोध खत्म नहीं हो सका। इससे बुधवार को भी कार्य बहिष्कार और विरोध प्रदर्शन जारी रहेगा। बिजलीकर्मियों ने चेताया है कि यदि शांतिपूर्ण आंदोलन या किसी भी बिजलीकर्मी का उत्पीड़न हुआ तो इसकी तीखी प्रतिक्रिया होगी।
बिजलीकर्मियों ने पूरे प्रदेश में शाम को मशाल जुलूस निकालकर अपना विरोध दर्ज कराया। राजधानी लखनऊ में हाइडिल फील्ड हॉस्टल में पूरे दिन विरोध सभा हुई और शाम को मशाल जुलूस निकाला गया। संघर्ष समिति के पदाधिकारियों ने कहा कि आम जनता को तकलीफ न हो इसलिए कार्य बहिष्कार के प्रथम चरण में उत्पादन गृहों, ट्रांसमिशन उपकेंद्रों, सिस्टम ऑपरेशन और 33 केवी विद्युत उपकेंद्रों में पाली (शिफ्ट) में कार्यरत बिजली कर्मियों को कार्य बहिष्कार आंदोलन से अलग रखा गया है। पदाधिकारियों ने कहा कि प्रबंधन की हठधर्मिता और समस्याओं की अनदेखी से बिजलीकर्मी संघर्ष के रास्ते पर हैं। अगर ऊर्जा निगम के शीर्ष प्रबंधन द्वारा सकारात्मक दृष्टिकोण अपनाते हुए द्विपक्षीय वार्ता से समस्याओं का समाधान निकालने वाली कार्यप्रणाली अपनाई गई होती तो यह टकराव उत्पन्न न होता और न ही ऊर्जा क्षेत्र की परफॉर्मेंस व रेटिंग गिरती। बिजलीकर्मियों ने स्पष्ट किया कि उनका आंदोलन शांतिपूर्ण और पूर्णरूप से लोकतांत्रिक है और मात्र ध्यानाकर्षण के लिए है। आंदोलन से जनता को हो रही परेशानी के लिए ऊर्जा निगम का शीर्ष प्रबंधन जिम्मेदार है।
आंदोलन से अलग रहा पावर ऑफिसर्स एसोसिएशन
उप्र. पावर ऑफिसर्स एसोसिएशन ने अपने को कार्य बहिष्कार से अलग रखते हुए आपूर्ति व्यवस्था सुचारु बनाने में जुटा रहा। एसोसिएशन से जुड़े अभियंता मंगलवार को आधा घंटे पहले कार्यालय पहुंच गए और देर तक काम किया। एसोसिएशन के कार्यवाहक अध्यक्ष अवधेश कुमार वर्मा, उपाध्यक्ष एसपी सिंह, पीएम प्रभाकर व महासचिव अनिल कुमार ने कहा कि सभी सदस्यों को आपूर्ति व्यवस्था और उपभोक्ता सेवा सामान्य रखने में सहयोग करने को कहा गया है।
बिजली कर्मचारियों और अभियंताओं ने मंगलवार से प्रदेशव्यापी बेमियादी कार्य बहिष्कार शुरू कर दिया। ऊर्जा निगमों के शीर्ष प्रबंधन की मनमानी और लंबित समस्याओं के समाधान के लिए विद्युत कर्मचारी संयुक्त संघर्ष समिति के आह्वान पर कार्य बहिष्कार शुरू किया गया है। इस बीच देर शाम संघर्ष समिति के पदाधिकारियों की ऊर्जा मंत्री एके शर्मा से वार्ता भी हुई, लेकिन गतिरोध खत्म नहीं हो सका। इससे बुधवार को भी कार्य बहिष्कार और विरोध प्रदर्शन जारी रहेगा। बिजलीकर्मियों ने चेताया है कि यदि शांतिपूर्ण आंदोलन या किसी भी बिजलीकर्मी का उत्पीड़न हुआ तो इसकी तीखी प्रतिक्रिया होगी।
बिजलीकर्मियों ने पूरे प्रदेश में शाम को मशाल जुलूस निकालकर अपना विरोध दर्ज कराया। राजधानी लखनऊ में हाइडिल फील्ड हॉस्टल में पूरे दिन विरोध सभा हुई और शाम को मशाल जुलूस निकाला गया। संघर्ष समिति के पदाधिकारियों ने कहा कि आम जनता को तकलीफ न हो इसलिए कार्य बहिष्कार के प्रथम चरण में उत्पादन गृहों, ट्रांसमिशन उपकेंद्रों, सिस्टम ऑपरेशन और 33 केवी विद्युत उपकेंद्रों में पाली (शिफ्ट) में कार्यरत बिजली कर्मियों को कार्य बहिष्कार आंदोलन से अलग रखा गया है। पदाधिकारियों ने कहा कि प्रबंधन की हठधर्मिता और समस्याओं की अनदेखी से बिजलीकर्मी संघर्ष के रास्ते पर हैं। अगर ऊर्जा निगम के शीर्ष प्रबंधन द्वारा सकारात्मक दृष्टिकोण अपनाते हुए द्विपक्षीय वार्ता से समस्याओं का समाधान निकालने वाली कार्यप्रणाली अपनाई गई होती तो यह टकराव उत्पन्न न होता और न ही ऊर्जा क्षेत्र की परफॉर्मेंस व रेटिंग गिरती। बिजलीकर्मियों ने स्पष्ट किया कि उनका आंदोलन शांतिपूर्ण और पूर्णरूप से लोकतांत्रिक है और मात्र ध्यानाकर्षण के लिए है। आंदोलन से जनता को हो रही परेशानी के लिए ऊर्जा निगम का शीर्ष प्रबंधन जिम्मेदार है।
आंदोलन से अलग रहा पावर ऑफिसर्स एसोसिएशन
उप्र. पावर ऑफिसर्स एसोसिएशन ने अपने को कार्य बहिष्कार से अलग रखते हुए आपूर्ति व्यवस्था सुचारु बनाने में जुटा रहा। एसोसिएशन से जुड़े अभियंता मंगलवार को आधा घंटे पहले कार्यालय पहुंच गए और देर तक काम किया। एसोसिएशन के कार्यवाहक अध्यक्ष अवधेश कुमार वर्मा, उपाध्यक्ष एसपी सिंह, पीएम प्रभाकर व महासचिव अनिल कुमार ने कहा कि सभी सदस्यों को आपूर्ति व्यवस्था और उपभोक्ता सेवा सामान्य रखने में सहयोग करने को कहा गया है।
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