उत्तर प्रदेश में होम्योपैथिक विभाग में हेराफेरी का खेल चल रहा है। कहीं यात्रा बिल के नाम पर फर्जीवाड़ा हो रहा है तो कहीं रिश्वतखोरी के आरोप लग रहे हैं। इसके बावजूद कोई कार्रवाई नहीं हो रही है। विभागीय अधिकारी जांच की दुहाई देकर फाइलें दबाए बैठे हैं।
होम्योपैथिक विभाग में नियमों को ताक पर रखकर की गई नियुक्ति का मामला ठंडा नहीं हुआ था कि रिश्वतखोरी के आरोप लगने लगे हैं। यह किसी एक अधिकारी पर नहीं बल्कि विभाग के अलग-अलग जिलों से लगातार शिकायतें आ रही हैं। इन शिकायतों को जांच के नाम पर लटका दिया जाता है। बाद में उच्चाधिकारियों की रजामंदी से मामले को रफा-दफा कर दिया जाता है। ऐसे में विभाग की छवि बदलने के लिए किए जा रहे प्रयास पर बट्टा लग रहा है।
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केस 1: गोंडा जिला होम्योपैथिक चिकित्साधिकारी कार्यालय ने एक चिकित्साधिकारी के नाम से दो हजार का फर्जी यात्रा बिल पास कर दिया। जब संबंधित चिकित्साधिकारी को मामले की जानकारी मिली तो गलती लिपिक पर डाल दी गई। कुछ समय बाद यहां के जिला होम्योपैथिक चिकित्साधिकारी द्वारा रिश्वत मांगने का वीडियो वायरल हो गया। जिला होम्योपैथिक अधिकारी के खिलाफ सीडीओ भी नोटिस जारी कर चुके हैं। मामला निदेशालय और शासन तक पहुंचा लेकिन अभी तक कोई कार्रवाई नहीं हुई है।
केस 2: अयोध्या के जिला होम्योपैथिक अधिकारी ने मेला ड्यूटी करने वाले चिकित्साधिकारियों का भुगतान रोक लिया। फिर भुगतान के नाम पर रिश्वत मांगी गई। इसका वीडियो वायरल हुआ। पर अभी तक मामले में कोई कार्रवाई नहीं की गई है। अब यहां के चिकित्साधिकारियों ने जिला होम्योपैथिक अधिकारी पर उत्पीड़न का आरोप लगाते हुए निदेशालय में शिकायत की है।
होम्योपैथिक विभाग के निदेशक डॉ. अरविंद कुमार वर्मा का कहना है कि दोनों जिला होम्योपैथिक अधिकारियों के खिलाफ जांच कराई जा रही है। इन्हें नोटिस जारी किया गया है। इनके जवाब और जांच रिपोर्ट से शासन को अवगत कराया जाएगा। इनके खिलाफ कार्रवाई शासन स्तर से होगी।
उत्तर प्रदेश में होम्योपैथिक विभाग में हेराफेरी का खेल चल रहा है। कहीं यात्रा बिल के नाम पर फर्जीवाड़ा हो रहा है तो कहीं रिश्वतखोरी के आरोप लग रहे हैं। इसके बावजूद कोई कार्रवाई नहीं हो रही है। विभागीय अधिकारी जांच की दुहाई देकर फाइलें दबाए बैठे हैं।
होम्योपैथिक विभाग में नियमों को ताक पर रखकर की गई नियुक्ति का मामला ठंडा नहीं हुआ था कि रिश्वतखोरी के आरोप लगने लगे हैं। यह किसी एक अधिकारी पर नहीं बल्कि विभाग के अलग-अलग जिलों से लगातार शिकायतें आ रही हैं। इन शिकायतों को जांच के नाम पर लटका दिया जाता है। बाद में उच्चाधिकारियों की रजामंदी से मामले को रफा-दफा कर दिया जाता है। ऐसे में विभाग की छवि बदलने के लिए किए जा रहे प्रयास पर बट्टा लग रहा है।
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केस 2: अयोध्या के जिला होम्योपैथिक अधिकारी ने मेला ड्यूटी करने वाले चिकित्साधिकारियों का भुगतान रोक लिया। फिर भुगतान के नाम पर रिश्वत मांगी गई। इसका वीडियो वायरल हुआ। पर अभी तक मामले में कोई कार्रवाई नहीं की गई है। अब यहां के चिकित्साधिकारियों ने जिला होम्योपैथिक अधिकारी पर उत्पीड़न का आरोप लगाते हुए निदेशालय में शिकायत की है।
होम्योपैथिक विभाग के निदेशक डॉ. अरविंद कुमार वर्मा का कहना है कि दोनों जिला होम्योपैथिक अधिकारियों के खिलाफ जांच कराई जा रही है। इन्हें नोटिस जारी किया गया है। इनके जवाब और जांच रिपोर्ट से शासन को अवगत कराया जाएगा। इनके खिलाफ कार्रवाई शासन स्तर से होगी।
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